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हमर विआह- 8

श्वेता के जन्मदिन पार्टी सं डेरा त आबि गेलहुं, मुदा आब ध्यान श्वेता सं हटि क' अल्का पर अटकि गेल। एकदम सं मन फ्लैशबैक मे चलि गेल—कॉलेज के दिन, जे जीवन के सबसे रंगीन आ मासूम समय छल।

बारहवीं के बाद कॉलेज के पहिल दिन, जे कहिओ नहि बिसराएब। ओहि दिन पहिल बेर मिलल छलीह अल्का। क्लास मे विद्यार्थी सभ के इंट्रोडक्शन चलि रहल छल। परिचय मे बुझायल जे हम आ अल्का दुनू दरभंगा के छी। बिहार सं आओर छात्र छल, मुदा अपन शहर के बाते किछु आओर होएत छै। जखन बात अपन शहर के होए तs लगाव कनि बेसि बढ़ि जाएत अछि।

अल्का- यानी मैथिल ब्यूटी, सभ सं अलग। एकदम सं मासूम। एकटा अलगे भोलापन लेने। मन सं, दिल सं एकदम आईना जकां साफ। दुनियादारी के छल-कपट, होशियारी सं दूर। बोली अतेक मीठ जेना आवाज में मिश्री घुलल होए। केतबो खिसिआएल छी, अल्का के आवाज सुनि सभ गुस्सा छूमंतर।
मैथिली त ओहिना मीठ, मुदा अल्का के हिंदी-इंग्लिश सेहो ओतबे मधुर। मंदिर के घंटी जकां मन प्रसन्न करि देबय वाला। सादगी एहन जे देखिते मुंह सं निकलि जाए—ब्यूटी! जिनका श्रृंगार के कोनो जरूरते नै।

पढ़ाई में तेज, अपन विषय पर पकड़। दोस्ती बढ़ैत गेल। संगहि खनाए-पीनाए, पढ़नाए-लिखनाए, घुमनाए-फिरनाए, लाइब्रेरी, फिल्म, मार्केटिंग—सभ संगे। लड़का-लड़की के कोनो बंधन नै। गाम-घर सं दूर दिल्ली मे, सभ बंधन सं मुक्त जिनगी।

क्लास के बाद कहियो सीपी, जनपथ, त' कहियो कमला मार्केट, करोलबाग, लालकिला, अक्षरधाम- घुमनाए होएत रहल। हाथ मे हाथ, कन्हा पर हाथ रखने, गली-मोहल्ला मे मकई के भुट्टा, गोलगप्पा, इंडिया गेट पर भेल-पुरी आ आइसक्रीम—सभ मिलि क' जिनगी के स्वाद बदलि दैत छल।
प्रगति मैदान के फेयर, दिल्ली हाट के झाल-मुरही, मंडी हाउस के कार्यक्रम—दुनू गोटे के संग-संग समय बितेनाए पढ़ाई मे नव ऊर्जा दैत छल। धीरे-धीरे हमर सभ सं बेसि समय संगहि गुजरय लागल। मनहि-मन अल्का के प्रति प्रेम सेहो उमड़य लागल। हुनकर बिना एक पल बितेनाए कठिन लागैत छल। हुनकर गैरमौजूदगी बेचैन करए वाला लहोए छल।

एहन नै जे एकदम दीवाना छलहुं, मुदा क्लास या कोनो ठाम, जतए हुनका होबाक चाही, ओतए नै देखैत त' लागैत छल—कखन अएतीह। एक-एक पलक इंतजार भारी लगैत छल।

दिन मस्ती मे बीतैत रहल। पढ़ाई जोर सं चलि रहल छल। अल्का के संग रहला के कारण उत्साह दुगुना।



करीब आठ मास बाद, 14 फरवरी—वैलेंटाइन डे। कॉलेज मे मस्ती, सभ अपन-अपन प्रेमक इजहार करि रहल छलखिन्ह। नव-नव जोड़ी बनि रहल छल।

मुदा जखन अल्का के बारी आयल त' ओ कहलीह-"इन रिलेशन" छथीह, लड़का मुंबई मे काज करैत अछि। ई सुनिते जेना वज्रपात भ' गेल। अचानक सभ किछ बदलल लागए लागल।

हमर बारी आयल त' हम सेहो कहि देलहुं-हमरो प्रेम अछि, ओ अपन दिस के छथीह। एहि के कोनो गलती सेहो नहि छल। किएक तं अल्का सेहो अपने दिस के छलीह। मुदा अल्का बुझलीह—कोनो दोसर लड़की के बात भ' रहल अछि।

खैर, एकर बादहुं अल्का के व्यवहार मे कोनो बदलाव नै, मुदा हमर मन मे तं कांट चुभि गेल छल—ओ दोसर के चाहैत छथीह।
अल्का एक-दू बेर हमर मनक थाह लेबय के कोशिश केलथि। हम कोनो-न-कोनो बहाना बना टालि दैत छलहुँ—"ई त' बाबूजी के हाथ मे अछि, अखन भविष्य के सोचब नीक।"

किछु दिन बाद ई बात पुरान भ' गेल। कॉलेज के दिन चलैत रहल।

कॉलेज खत्म भेलाक बाद अल्का के चयन IIM अहमदाबाद में भ' गेल, आ हम जर्नलिज्म के पढ़ाई लेल चलि गेलहुं। 

फोन, मेल, चैट-संपर्क बनल रहल। गाम जाए काल अल्का दिल्ली मे हमरा सं मिलि क' जाइ छलीह। छुट्टी मे हुनकर बेसि समय हमरे संग दिल्ली मे बीतैत छलन्हि।

मैनेजमेंट के बाद ओ एकटा नीक एमएनसी मे लागि गेलीह। एम्हर हमहुं एकटा पैघ चैनल में काज करए लगलहुं। जिनगी अपन रफ्तार सं चलि रहल छल।

मुदा नौकरी के बाद पहिल होली हमरा लेल भारी रहल। होली के बाद छुट्टी सं अएला पर ओ हमरा सं लिपटि क' जी भरि कनलीह। हम हुनकर पीठ, बाल सहलाबैत, कारण पूछैत रहलहुं, ओ फफकैत रहलि।

कतैन-कनैत मन शांत भेलन्हि त' कहलीह जे हुनकर शादी अमेरिका मे रहय वाला एकटा सॉफ्टवेयर इंजीनियर सं तय भ' गेलन्हि। लड़का अपने दिस के मैथिल।

आब लड़खड़ाए के बारी हमर छल। एक त हुनका कानय के कारण पहिनहि सं दिलक धड़कन तेज छल, कोनो अनहोनी के आशंका सं। हुनकर गप सुनि एकदम सं सन्न रहि गेलहुं।

हम एकदम सं पाथरि बनि गेलहुं। आब हमहुं कानय लगलहुं। आंखि सं लोर नै, मुदा छाती फाटि रहल छल।
 
घंटा-डेढ़ घंटा बाद मन शांत भेल त' पूछलिअइ—"अहां त' कहैत रही जे मुंबई मे काज करय वाला के संग इन रिलेशन छी, फेर ई की?"

ओ फेर फफैक पड़लीह- "गाम-घर सं बाहर रहनाए, खास क' लड़की लेल, बड्ड कठिन होए छै। दरभंगा सं दिल्ली, एकदम बदलल जिनगी। कॉलेज मे सिंगल लड़की के पाछां तs कतेको लड़का पड़ल रहय छै। जखन लोक के पता चलि जाए जे फलां लड़की ककरो संग रिलेशन मे छै, त' लड़का सभ ओकरा परेशान नै करय छै। प्रेम के नजर सं नै देखैय छै। फ्लर्टिंग नै करय छै। एहि लेल ऑर्कुट, फेसबुक पर 'इन रिलेशन' लिखि दैत छै। जेहि सं कि लड़का सभ के फ्लर्टिंग सं बचल रहय।"
 
"हमहुं एहि कारण सभ के कहने रही जे इन रिलेशन छी। जेहि सं कॉलेजक लड़का सभ प्रेम-प्यार के नजर सं नै देखय। आओर अहां ओतेक दिन हमरा संग रहलौं अहां के कहिओ बुझाइल जे हम ककरो संग रिलेशन मे छी? अहां के ई नै लागल जे हम ऐना सिर्फ लड़का सभ के दूर राखय लेल कहने छलौं। मुदा हमर छोड़ू अहां तं रिलेशन मे छी न?"

आब रहल नै गेल। करेज फाटि गेल। हम जोर-जोर सं कानय लगलहुं—"हमरो त' अहि जकां हाल छल। हमरा लेल त' अहीं सभ किछु रही। जखन अहां के मुंह सं इन रिलेशन के बात सुनलहुम, हमहुं ओहि झौंक मे ओहने कहि देलहुं।"

"मुदा हमर बात में सच्चाई छल। हम कहने रही जे लड़की अपने शहर के छथिन्ह। अहां हमरे शहर के छलहुं आओर अहां के बारे मे मां-बाबूजी कहियो ना नै कहितथि।"
अल्का लेल त' जेना करेज आ धरती दुनू फाटि गेल। ओ कहलीह—"हे भगवान, ई की भ' गेल। हितेन, अगर अहां एकहुं बेर अपन दिलक हाल कहने रहितौं त' ई नै भेल रहित। अहां अगर एक बेर हिंट देल रहितौं त' हम ई नै होए देतहुं।"

ई कहि ओ अपन दूनू हाथक मुक्का सं हमर छाती पर मारय लगलीह- "आई हेट यू... आई हेट यू!"

फेर अपन बैग उठा, दरवाजा खोलि, बाहर निकलि गेलीह। रोकय के कोशिश केलहुं, मुदा ओ झटकारैत, तेजी सं चलि गेलीह।

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18 टिप्‍पणियां:

  1. जल्दी नवं पार्ट जल्दी रिलीज़ करू !

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  2. Gautam jee aur Kanchan jee ahanke kahani neek laagal... man gadgad bha gel. Kahani parhai lel ahank dhanyawad aur ummeed achhi aagaan seho apan vichaar san avgat karabait rahab

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  3. Abhilash Thakur

    Nice one dude...Thanx for sharing.

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  4. Vinay Kumar

    neek chal waah ....hitendra ji ahaank jarurat achi hamra lokain ke. ahun awashya visit karu "purvottarmaithil.com"

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  5. हम नियमित रूप स' पढ़ी रहल छी
    बड्ड नीक ऐछ

    Bhawesh Nandan

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  6. आब अहाँ अपन कहानी के किताब के रूप में प्रकाशित कराऊ ...बड्ड नीक रहतइ...आधुनिक छै

    Bhawesh Nandan
    bhavesh_nandan@yahoo.co.in

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  7. नवम पार्ट के इंतजार में हम सब छी. जल्दी लिखू.

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  8. pahil pahil ver mithilak aadhunik rup saw sajal e site saw abjat bhelaw. "hamar vivah" padhi neek lagal.

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