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ट्विटर स्पेस पर रोज भs रहल अछि मिथिला-मैथिली पर सार्थक चर्चा, अहुं सभ लिअ भाग

मिथिला-मैथिलीक लेल मैथिल युवा सभक प्रतिबद्धता देखि मन गदगद अछि। मिथिला राज्य लेल हिनक सभक तीव्र इच्छा सभ मैथिल के दिल मे हलचल मचा देने अछि। पिछला किछ साल सं अलग मिथिला राज्यक मांग लेल जे आंदोलन चलि रहल छल ओकर एकटा आकार 21 अगस्त के जंतर-मंतर पर देखय लेल मिलल। एहि आंदोलन के संपूर्ण मिथिलाक लोक के सहयोग मिलल। संगहि संग पहिल बेर कइटा संगठन एक संग आबि अलग मिथिला राज्यक मांगके अपन समर्थन देलखिन्ह।


जंतर-मंतर आंदोलन के बाद किछ लोक के लगैत छलनि जे आब किछ दिन लेल ई मामला ठंडा पड़ि जाएत। मुदा आंदोलन के तुरंत बाद सभ गोटे ट्विटर स्पेस पर रोज मिथिला-मैथिली पर चर्चाक चिंगारी के सुनगैने छथिन्ह। मिथिला स्टूडेंट यूनियन के तेजतर्रार युवा नेता अनूप मैथिल के मार्गदर्शन मे नित्यानंद झा जी आ नितेश झा निक्की जी ट्विटर स्पेस पर काफी सार्थक चर्चा करा रहल छथिन्ह। नित्यानंद झा एहि के संग कइटा आओर ट्विटर स्पेस के संचालन करै छथिन्ह। एहि लेल हुनका साधुवाद!

ट्विटर स्पेस पर मिथिला-मैथिली के लsक ई चर्चा रोज साढ़े 8 बजे राति सं साढ़े 10 बजे राति धरि होएत अछि। किछुए दिन मे ट्विटर स्पेस पर होए वाला ई चर्चा एतेक लोकप्रिय भ गेल अछि कि लोक सभ 11 बजे राति के बादहुं टस-स-मस होएत नहि छथिन्ह। टाइम के हवाला द आ फेर सं अगिला दिन मिलय के भरोस द चर्चा के विराम देल जाएत अछि।


पिछला किछ दिन हमहुं ट्विटर स्पेस पर होबय वाला एहि चर्चा मे शामिल भेलहुं। ओना आमतौर पर हम पर्दा के पाछां रहय वाला लोक छी, आ कोनो मंच पर रहय सं बचय छी। बेसि लोक के बीच किछ बाजय मे अपना के अनकंफर्टेबल महसूस करय छी। मुदा एहि स्पेस पर अएला के बाद आ नित्यानंद जी/ निक्की जीक आग्रह के बाद हमहुं किछ विचार प्रकट करलौं। हमर कंफिडेंस सेहो बढ़ल। एहिठाम एतेक नीक चर्चा होई छै, जे हम सेहो कई बेर आबि बाजय के कोशिश करलहुं। अपन आवाज तं खुद नहि सुनि सकलौ... मुदा जे होए अपना मे लगैत अछि जे एहने बीच-बीच मे किछ बाजब तं झिझक टूटत।

रवि दिन, 18 सितंबर के एहि मंच पर मिथिला मे पर्यटन आओर रोजगार विषय पर चर्चा भेल। एहि मे रामायण सर्किट, बौद्ध सर्किट संग पर्यटन सं संबंधित कइटा बात पर चर्चा भेल। एहि मे प्रवीण नारायण चौधरी जी, सूरज मोहन झा जी, अविनाश जी, अभि जी आ नित्यानंद जी प्रमुखता सं अपन विचार राखलखिन्ह। हमहुं किछ प्वाइंट राखलहुं। एहि मे विचार भेल जे मिथिलाक जतेक मंदिर आ ऐतिहासिक स्थल अछि ओहिठाम पर्यटन के बढ़ावा देल जाए। ओहिठाम आबय-जाए लेल बेहतर ट्रांसपोर्टेशन, रहय-ठहरय लेल नीक होटल आ दोसर सुविधा पर ध्यान देल जाए।

माता जानकी प्रकाट्य स्थल पुनौराधाम, सीमामढ़ी जानकी स्थान मंदिर, देकुली मंदिर, दरभंगा राज कैंपस, अहिल्या स्थान, राजनगर, बलिराज गढ़, उच्चैठ भगवती स्थल, तारापीठ, फूलहर, कुशेश्वरस्थान, सिंघेश्वर स्थान, उगना स्थान, बिस्फी, सौराठ आ दोसर कइटा स्थान अछि जकरा पर्यटन के रूप मे विकसित कएल जा सकैत अछि। आ ई सभ एहन स्थल अछि जतए देश-विदेश के लोक सभ काफी संख्या मे आबि सकैत छथिन्ह।

एहि परिचर्चा मे इहो चर्चा भेल जे मिथिलाक पर्यटन स्थल के विकास लेल अपन इलाका के जतेक एमपी-एमएलए आ दोसर जन प्रतिनिधि सभ छथिन्ह, हुनका सभ पर दबाव बनाएल जाए। सदन मे सवाल पूछि सरकार पर विकास लेल प्रेशर बनाएल जाए। अपन इलाका ले पिछड़ापन लेल लोक सभ अपन प्रतिनिधि के सेहो जिम्मेदार मानलाह। पर्यटन केर चर्चा के बीच मैथिली-अंगिका आ बज्जिका के लsक सेहो किछ लोक अपन विचार राखलखिन्ह। एहि पर कहल गेल जे ई सभ मैथिलीए के एकटा अंग अछि। ई सभ मैथिली सं अलग नहि अछि आओर एहि दुनु के पहिचान मैथिली के लsक अछि।


एहि सं पहिने के किछ ट्विटर स्पेस मे मिथिला राज्यक पिछड़ापन पर आ मैथिली भाषा मे प्राथमिक शिक्षा पर सेहो चर्चा भेल अछि। लोक सभके कहनाए छलन्हि जे मैथिली बजनिहार लोक दिन पर दिन कम भ रहल छथिन्ह। मिथिला लिपि विलुप्त होए के कगार पर अछि। मिथिलाक धरोहर मिट रहल अछि आ लोक संस्कृतिक दिन पर दिन खत्म भs रहल अछि।

पिछला दिनक चर्चा मे ई बात प्रमुखता सं उठल जे आजादी के 75 साल बादहुं अपन मिथिला काफी पिछड़ल अछि। गाम घर मे रहला पर ओतेक पता नहि चलै छै, मुदा देश-दुनिया घुमला पर पता लगै छै जे हम कतेक पाछा छी। चाहे ओ आधुनिक तरीका सं खेती-बारी सं होए आ इंफ्रास्ट्रक्चर के मामला होए, उद्योग धंधा होए, स्कूल कॉलेज होए, सहकारिता के काज होए अपना सभ सभ मे पाछा छी। एहन मे इलाका के पिछड़ापन दूर करै लेल मिथिला राज्य जरूरी अछि।

पिछला किछ दिनक चर्चा मे दीनानाथ झा जी, माला झा जी, छाया जी, अनूप मैथिल जी, बालकृष्णा झा जी, पंकज मिश्रा जी, रुपेश झा जी आ मुकुंद जी संग कइटा गणमान्य लोक सभ अपन विचार राखलखिन्ह। हिनका सभ के सुनि लगैत अछि जे सुनिते रहि। अपन मीठगर मैथिली के सुनि एकटा दोसरे दुनिया मे चलि जाए छी। अहां सभ सेहो रोज साढ़े 8 बजे राति सं साढ़े 10 बजे राति धरि एहि चर्चा सं जुड़ु। नीक लागत... आ हमरे जकां एक बेर जुड़ब तं रोज एहि चर्चा केर इंतजार करब।

जय मां जानकी... जय मिथिला... जय मैथिली।

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