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हमर विवाह -1

किर्र..किर्र...फोन के घंटी टिटिआई लागल. दफ्तर मे काज के बीच कोनो फोन आबैत अछि त मन खिसिआ जाएत अछि. ओना आई भोरे सं मूड खराब अछि. बाबूजी जी शादी के बात चला टेंशन द देलाह. देखलौं त फेर बाबूजी के फोन छल. ई आई हुनकर पांचम फोन छल.

पूछलिएन्हि... बाबूजी ! आब कि ? कहय लागलाह बौआ अगर कोनो बात छै त बता दिअ. हम सभ तैयार छी. मां के सेहो कोनो परेशानी नहिं छ. मां एडडस्ट कs लेथुन्ह. जतय तोहर मर्जी ओतय हमर सभ के मर्जी. बस सभ किछ नीक सं भs जयबाक चाही. तों कोनो चिंता नहिं करिअहs, हम सभ छी नहिं. शादी मे कोनो दिक्कत नहिं अएतह. हम बाबूजी के कहैत-कहैत रहि गेलहुं जे ओहन कोनो बात नहिं छै...जेहन अहां सभ सोचैत छी. एहि ठाम ओहन कोनो चक्कर नहिं छै. मुदा बाबूजी मानय लेल तैयार नहिं.

पंडितजी ई सभटा बता...एकटा नवका खुरपेंच लगा चलि गेलाह. आब जखन सं मां आओर बाबूजी पंडितजी के ई बात सुनलखिन्ह तखन सं हुनका मन मे गुनधून-गुनधून करय लगलन्हि. बेर- बेर फोन कs हमरा सं जानय चाहय छथिन्ह जे तों लड़की के नाम.. ओकर परिवार के बारे मे बताबह हम लड़की के परिवार वाला सं बात कs लेबय. परेशान होए के कोनो बात नहिं छै.

हम जानैय छलहुं जे पंडितजी सभ किछ बता देने होथिन्ह मुदा जाति-बिरादरी के बारे मे किछ नहिं बतौंने होएतन्हि जेहि कारण सं बाबूजी परेशान छथिन्ह. जे कोन जाति के लड़की पसंद कएने अछि... अपना सं पैघ के होएत त कोनो बात नहिं... नहिं त गाम-घर मे नाक कटि जाएत. भने बाबूजी हमरा से नहिं कहलाह मुदा हुनकर बेचैनी सभ किछ कहि रहल छल.

एहन भेल जे ऑफिस सं डेरा अएला के बाद सेहो बाबूजी के फोन सं पाछां नहि छूटल. हुनका मन मे घुच्च-पुच्ची जकां भs गेलन्हि. जखन तक हुनका हमर बात पर पूरा सं यकीन नहिं भs जएतन्हि ओ हमरा फोन करैत रहथिन्ह. ओ फेर सं शुरू भ गेलाह. कहय लगलाह जे अगर एहन कोनो बात छलs त पहिने कहने रहतs. हम बेकारे तोरा ओतेक दिन सं शादी के लेल परेशान कएने छलहुं. अगर पहिने सं पता रहैत त दस ठाम कुटमैति के लेल दौड़नेहो नहिं रहतौं.

आब हम बाबूजी के कि कहएन्हि. हम हुनका कहैत-कहैत रहि गेलहुं जे एहन कोनो बात नहिं छै. पंडित जी के बात मे कोनो सच्चाई नहिं अछि. ओ मानय लेल तैयार नहिं. हम हुनका कहलिएन्हि जे अहां जेहि ठाम ठीक क देब हम ओतय शादी कs लेब. हमरा तरफ सं अहां निश्चिंत रहुं. अहां के हमरा पर विश्वास अछि कि नहिं. हम अहां के कहिओ डाउन नहिं होए देब. अहांक पाग सभ दिन उठल रहत. एहिठाम कोनो लड़की के चक्कर नहिं अछि. अगर ओहन कोनो बात होएत त सभ सं पहिने हम अहिं के बताएब. आब अहां बेफिक्र भs सुतु.

ई सभ पंडितजी के लगाएल आगि अछि. असल मे पंडितजी के त पता छैन जे हम दिल्ली मे नीक कंपनी मे काज करय छी... नीक पाई मिलैत अछि. मां गाम-घर मे सभ के हमर भेजल फोटो-एलबम देखाबैते रहय छथिन्ह. पंडितजी सेहो हमर कॉलेज के पढ़ाई-लिखाई वाला कइटा फोटो देखने छथिन्ह. जेहि मे हम अपन संगी सभ के संग छी. कइटा फोटो मे संग पढ़य वाली लड़की सभ सेहो अछि.


कॉलेज के बात त अहां सभ जानिते छी. कोनो फोटो मे लड़की हमर कन्हा पर हाथ रखने अछि त कोनो मे कमर मे. ग्रुप फोटोग्राफी मे एहन होएत अछि. आ फेर एहिठामक माहौल गाम सं एकदम भिन्न अछि. हमरा लगैत अछि जे पंडितजी फोटो के देखि समझने होताह जे बच्चा के लड़की के संग कोनो चक्कर अछि. आओर पोथी-पतरा के संग फोटो के ज्ञान मिला विद्वता गांठि देने होताह. ओ त चूड़ा-दही-चीनी खा फोंफ काटैत होताह. एहि ठाम हम बिछावन पर करवट बदलि रहल छी. आब अहिं सभ बताउ हम कि करि.



मन भेल जे ओ पंडितबा के पकड़ि का गला दबा दी. खापड़ि सं कपार फोड़ि दी. जतेक पोथी-पतरा अछि सभ छिन कs डबरा मे फेंकि दी. धक्का मारि गाम सं बाहर बेलाs दी. जं गाम मे रहितौं त हजार टा बात कहितौं. मुदा हम दिल्ली मे रहि पंडितजी के कि कs सकैत छी. ओ पंडित सवा सय रुपया दक्षिणा के चक्कर मे बाबूजी आओर मां के एहन मंत्र देलक जे हम घनचक्कर बनि गेलहुं ...जिनगी मे भारी तूफान आबि गेल. सभ किछ उलट-पुलट भs गेल. ऑफिस मे नबका प्रोजेक्ट पर काज मिलल छल. सोचय छलहुं जे खूब मन लगा कs...खूब नीक स करब त बॉस खुश भs जएताह. मुदा ई त तेसरे भांगंटि लागि गेल. आब किएक कोनो काज मे मन लागत.

असल मे भेल जे आई बाबूजी हमर शादी के बारे मे जानय लेल पंडितजी के घर बजैलखिन्ह. जन्मपत्री देखा हमर शादी-बिआह के बारे मे पूछलथिन्ह. पंडितजी बाबूजी के बतैलखिन्ह जे सभ किछ त बड़ नीक अछि. लड़की सेहो नीक मिलतन्हि सुन्दर...संस्कारी आओर सुशील मिलत. अहांक लड़का जकां लड़की सेहो खूब नाम कमएतीह. नाम रौशन करतीह. मुदा शादी त लड़का अपने सं करत. ई गप्प सुनतहिं मां- बाबूजी सन्न. किछ नहिं फुरैलन्हि.






5 टिप्‍पणियां:

  1. I am unable to read your complete blog as it is full of advertisemets. It breaks the reading consitency!

    The issue was very intresting as we all have to suffer this reality particularily the maithil migrant group who earn well, but they don´t have gfs.

    Plaese bring less ads. i will try to complete reading.

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  2. bhaiya lage yah laddu kabe ka time ab gayel hamra sab ka..........badhai ho.....

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  3. Sabyasachi jee aur Sumit jee... ee bus kahaani chhai aur kichh nai... haan ee zaroor chhai ki ee kahaani hamar ekta dost par gujari rahal chhain... ahan sab kichh upaay bataabi ta hunkar kasht door hoi...bus hum maadhyam banlaun...shukriya.

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  4. बहुत नीक लागि रहल अछि. मैथिली के बहुत शब्द दिल्ली में आबि के प्रयोग में नहिं अछि, लेकिन अहांक ब्लॉग में पढ़ि के पुरान फिल्म जंका सब किछ आंखिक सामने चलि रहल अछि. पूरा पढ़लाके बाद फेर टिप्पणी करब

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  5. hum bahut din sa chahait chhalu je kichhu bises dekhi ,par aai sach me bahut kichhu bhetal appan mait pain ke khabar aur e lekh ta aur mast chhai ...dhanyawad.....

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