कैदी आओर मिथिला पेंटिंग. दुनु मे कोनो मेल नहिं देखाअत अछि. एकबेर त विश्वास नहिं होएत अछि. मुदा मोतिहारी जेल मे कैदी के मिथिला पेंटिंग बनाबैत देखि एहि पर यकीन करय पड़त. एहि जेल मे किछ कैदी मिथिला पेंटिंग सीख रहल छथिन्ह. कैदी सुधार... जेल सुधार के दिशा मे ई नीक कदम कहल जा सकैत अछि. ई एहि लsक आओर नीक गप्प अछि जे जेहि हाथ मे हथियार होएत छल ओहि मे कूची...पेंसिल अछि. आओर सभ सं पैघ गप्प त ई जे कैदी सभ खूब मन लगा कs मिथिला पेंटिंग सीख रहल छथिन्ह. अपन पहिलका जिनगी के भूलय लेल ई नीक काज अछि. एहि सं हुनका सभ के नवका जीवन शुरू करय के एकटा मौका मिलतन्हि. अपन गलती के सुधारय के मौका मिलतन्हि. एहि के लेल जेल प्रशासन सेहो बधाई के पात्र अछि जे ओ एहि तरहल नीक कदम उठौलक. ओना कहल जाएत अछि जे छोटका-मोटका अपराध कsक जेल गेला के बाद अपराधी पिजाsक... पक्का भs क बाहर आबैत अछि. मुदा जेल प्रशासन के एहि प्रयास के बाद आब कैदी एकटा नीक इंसान बनि बाहर आएत. आओर लोक के सेहो एहन लोक के सुधरय के पूरा मौका देबाक चाही.
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