नवका- पुरनका लेख सर्च करु...

आई सं राजनगर आओर सौराठ मे मधुबनी लिटरेचर फेस्टिवल

राजनगर राज कैंपस मे आई सं मधुबनी लिटरेचर फेस्टिवल शुरू भ रहल अछि। चारि दिन चलई वाला एहि आयोजन केर उद्घाटन मिथिला चित्रकला केर प्रतिमान पद्मश्री गोदावरी दत्त जी करतीह। उद्घाटन सत्र मे
मधुबनी ज़िला पदाधिकारी, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र, दिल्ली केर सदस्य सचिव डॉ सचिदानंद जोशी, नेपाल अकादमी के साहित्यकार रामभरोस कापड़ी भ्रमर, भाषाविद प्रो सीताराम झा 'श्याम', एस. एस. बी. कमांडेंट ए. के. वरुण आओर स्थानीय महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ हीरानंद आचार्य मौजूद रहताह।
मधुबनी लिटरचेर फेस्टिवल उद्घाटन सत्र के बाद शैक्षणिक न्याय, मिथिलाक स्थानीय इतिहास, मैथिली भाषा आ संबद्ध बोली, पानि: पोखरि-रजोखरि सत्र कर आयोजन होयत। एकर बाद सांझ मे पंडित हरिनाथ झा जीक ध्रुपद गायन आओर पण्डित सुब्रतो डे जीक सितार वादन होयत। 
दोसर दिन 25 दिसंबर के मैथिली साहित्य समीक्षा: ठओर आ ठाम, मिथिलाक्षर: नबका बाट,स्थानीय संगीत आ कला-परपंराक चुनौती, मैथिली कथा साहित्य, मैथिली उपन्यास: दशा ओ दिशा, सांस्कृतिक परिदृश्य में डयोढीक अवदान, इस्लामी बौद्धिक परंपरा, मैथिली नाटक आ रंगमंच: आजुक परिदृश्य, स्पीक अप मिथिला, सिनेमा: गामक घर - पदार्पण आ विमर्श विषयक सत्रक आयोजन कयल गेल अछि। सांझ मे वीणा सी शेषाद्रि जीक भारतनाट्यम होयत। एहि के संग डाॅ रंजन कुमार जीक एकल वायलिन वादन सेहो होयत।
आयोजन केर तेसर दिन कार्यक्रम ऐतिहासिक नगरी राजनगर के संग पौराणिक नगरी सौराठ मे सेहो आयोजित होयत। एहि लेल विशेष तैयारी कयल गेल अछि। राजनगर मे हेरिटेज फोटो वाॅक, भारतीय वाडंगमय मे सीता जैसन महत्वपूर्ण सत्र अछि, जखन की सौराठ मे पुनरूत्थान पर विमर्श के संग पंजीक विविध पहलू आ संरक्षण पर विद्वान सभ अपन बात राखताह। सौराठ मे काव्य संध्या केर आयोजन कयल गेल अछि। राजनगर मे डाॅ दीपेश विशनावत जीक ग़ज़ल संध्या सेहो अछि।
आयोजन के अंतिम दिन 27 दिसंबर, 2019 के राजनगर मे कोहबर: मिथिलाक चित्रकलाक परिदृश्य, आंदोलन: मिथिला-मैथिली, मैथिली कविताक वर्तमान स्वरूप, मिथिलाक दर्शन परंपराक अवसान पर चर्चा होयत। समापन सत्र के बाद मैथिली नाटक राखल गेल अछि। अंतिम सत्र पुरस्कार वितरण समारोह के होयत।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

अहां अपन विचार/सुझाव एहिठाम लिखु