श्वेता हिनका सं मिलु... अपन दरभंगे के छथीन्ह... ई कहि राजीव जी विस्तार सं हमर परिचय देबय लागलखिन्ह. हम दूनु हाथ जोड़ि नमस्कार करि हुनका जन्मदिनक शुभकामना द अपना संग लाएल गिफ्ट हुनका थमा देलिएन्हि.
राजीव जी हमरा दूनु के छोड़ि खाना-पीना के तैयारी देखय चलि गेलाह. बर्डडे विश के बाद आब की गप कएल जाए... दुनु गोटे के जेना फुराए नहि रहल छल. बस एक-दोसरा के देखैत ठाड़ भ मुस्कुरा रहल छलौं. मन मे होए छल जे ई कहिएन्हि त ओ कहिएन्हि... मुदा किछ निकलि नहि रहल छल.
राजीव जी हमरा दूनु के छोड़ि खाना-पीना के तैयारी देखय चलि गेलाह. बर्डडे विश के बाद आब की गप कएल जाए... दुनु गोटे के जेना फुराए नहि रहल छल. बस एक-दोसरा के देखैत ठाड़ भ मुस्कुरा रहल छलौं. मन मे होए छल जे ई कहिएन्हि त ओ कहिएन्हि... मुदा किछ निकलि नहि रहल छल.
जिनका सं मिलए लेल ओतेक तैयारी... सामने अएलीह तं एकदम सं बोलती बंद. जेना-जेना लोक सभ के हमरा बारे मे पता चलय लगलन्हि...खुसुर-पुसुर शुरू... सभ गोटे के नजर हमरे दूनु दिस.
मुदा हम त जेना ओहि ठाम के लोक...देश-दुनिया सं बेखबर एकदम सं श्वेता मे खोएल छलहुं. एतबा मे श्वेता के नजर शेखर पर पड़लन्हि. 'हाए शेखर, केहन छी अहां?' 'कि सभ भ रहल अछी?' शेखर सं गप करैत देखि राजीव जी हमरा अपन आओर रिश्तेदार आओर गाम दिस के लोक सभ सं मिलाबय लगलाह.
लोक सभ सं मिलनाए भ रहल छल... गप भ रहल छल. मुदा बीच-बीच मे नजर अपने-आप श्वेता दिस चलि जा रहल छल आओर इहो महसूस भेल जे ओ सेहो कनखी सं देखि ल रहल छथीह. श्वेता जीक संगी-सहेली सभसं सेहो गप होए लागल...काम-काज सं लsक दस तरहक गप.
हमरा त लागल जेना एहि बर्थडे पार्टी मे श्वेता सं बेसि चर्चा मे हमहीं आबि गेल छी. ई हमर भ्रम सेहो भ सकैत अछि. किएक त पार्टी मे आएल बेसि लोक हुनकर जान- पहचान के छलन्हि. एकटा हमहीं टा हुनका सभ लेल अनजान लोक छलहुं.
कोन गाम के छी? बाबूजीक नाम कि भेल? कि काज करय छी ? बाबूजी कि करय छथिन्ह ? दस तरहक बात होए लागल. मुदा हमर ध्यान त श्वेता पर टिकल छल.
शेखर सं एकटा गप पूछय क बहाने फेर श्वेता के पास पहुंचलौं आ शेखर के दोसर लोक सं बात करय लेल भेज देलौं. शेखर गेलाह त श्वेता के दू-चारिटा संगी सभ आबि गेलीह. धीरे-धीरे हमहुं खुलय लगलौं... हंसी-मजाक आ खुलिsक गप सेहो होए लागल.
हॉबी...खनाए-पीनाए...घुमनाए-फिरनाए...पढ़ाए-लिखाए...काम-काज सं लsक नहि जाने कोन -कोन विषय पर गप होए लागल. फोन नंबर... ई मेल के आदान-प्रदान होए लागल. एतबा मे राजीव जी आबि श्वेता के कहलखिन्ह गप्पे होएत रहतै कि? हिनका किछ खिएबो-पिएबो करबहुं?
ई सुनि हमरा ओ डिनर एरिया मे ल गेलीह. खाए-पीबए के नीक इंतजाम. वेज-नॉनवेज दूनु के व्यवस्था. नॉनवेज मे अपन मिथिलाक लोक के लेल खासतौर पर माछ के इंतजाम. रसगु्ल्ला आओर दोसर मिठाई सभ सेहो छल.
खाना खएलाह के बाद जिम्हर गीतनाद...गजलक कार्यक्रम भ रहल छल ओम्हर चलय लगलौं कि एकटा बच्चा आबि श्वेता के कहलक अल्का दीदी आबि गेलीह. ई सुनतहिं ओ हमरा एक्सक्यूज मी बोलि दीदी सं मिलय लेल डिनर एरिया सं मेन एरिया दिस बढ़लीह.
खाना खएलाह के बाद जिम्हर गीतनाद...गजलक कार्यक्रम भ रहल छल ओम्हर चलय लगलौं कि एकटा बच्चा आबि श्वेता के कहलक अल्का दीदी आबि गेलीह. ई सुनतहिं ओ हमरा एक्सक्यूज मी बोलि दीदी सं मिलय लेल डिनर एरिया सं मेन एरिया दिस बढ़लीह.
हमहुं दोसर लड़की सभ सं गप करैत धीरे-धीरे ओतहिं पहुंचलहुं. श्वेता अपन दीदी के गोर लागि गला मिलए छलीह. गला मिलय काल अल्का जीक नजर हमरा सं मिललन्हि. ओ श्वेता के अलग करैत हमरा दिस दौड़ि कs हमरा भरि पांज पकड़ि चिहकलीह...हितेन तुम !
Kahani Dumdar ba...
जवाब देंहटाएंhasan.roohani@gmail.com
Kya bat hai sir ji kya twist diya hai kahani mai....Woh bhi romantic...Wah wah wah...Maza aya gaya padh kar...!!!
जवाब देंहटाएंNoor Khan
Dhanyawad Hasan aur Noor Bhai...
जवाब देंहटाएंvisualisation or presentation k jawab nhn...
जवाब देंहटाएंHasan Jawed
Nik lagal....
जवाब देंहटाएंKumar Kali Bhushan
Mumbai-Keoti