नवका- पुरनका लेख सर्च करु...

मच्छर भगाउ कर्पूर सं...


आई नीता जीक एकटा मैसेज मिलल. नीता जी आर्ट ऑफ लिविंग सं जुड़ल छथीह आओर दिल्ली विश्वविद्यालय मे पढ़ाबय छथीह. हिनकर मैसेज मे लिखल छल जे कर्पूर जलाएला सं या गरम पानी मे रखला सं मच्छर नहि आबैत अछि. जेहि सं मलेरिया...डेंगू जैसन बीमारी सं बचल जा सकैत अछि.

एहि मैसेज सं हमरा गाम याद आबि गेल. गाम मे हर दिन भोर मे आ सांझ मे आरती आ दीप जलाएल जाएत अछि. सांझ मे एकरा सांझ देनाय सेहो कहल जाएत अछि. एकर एक तरहक महत्व इहो देखल जा सकैत अछि जे गाम मे मच्छर के बेसि प्रकोप किएक नहि रहैत अछि.
कर्पूर के बारे मे लिखल छल कि घर मे कर्पूरक धेला आ टिकिया एक कटोरा गरम पानि ने राखि घरक कोना मे राखि दिअउ आ फेर कोनो गर्म चीज पर राखि दिअउ...कर्पूर सं निकलल भाप... सुगंध सं मच्छर भागि जाएत. जेहि तेल-घी सं सांझ दैत छी ओहि मे सेहो कर्पूर मिला सकय छी.

एकरे संग गाम मे हर आंगन मे तुलसी जीक चौड़ा रहैत अछि. दलान के पास फूलक गाछ के संग तुलसी जीक पौधा सेहो लागल रहैत अछि. जेना अखन दिल्ली आ दोसर ठाम डेंगू... स्वाइन फ्लू... वायरल चलि रहल अछि ओहि मे ई खूब फायदा करैत अछि. तुलसी पत्ताक रस शहद के संग मिलाक आ फेर एकर काढ़ा बनाकय पीनाय नीक रहैत अछि.
गाम सभ मे एकरे संग लोक सभ नीम के दातुन करय छथिन्ह. एकरो बड़ फायदा अछि. लोक सभ नीम के गाछ लगाबय छलखिन्ह. एकर पत्ता...बीज सभ कीटनाशक के काज करैत अछि. एकर पत्ताक धुआं सं मच्छर आओर दोसर कीट सभ पड़ाएत अछि. शहर मे ई सभ मुश्किल अछि. ओना आब गाम सेहो शहर के रंग मे रंगल जा रहल अछि.

आई-काल्हि जे बीमारी चलि रहल अछि ओहि मे लोक सभ अदरख... काला मिर्च... हींग... तुलसी पात के बेसि प्रयोग मे लाबय छथिन्ह. एकर सभक जतेक इस्तेमाल करब ओतेक नीक रहत. आओर हां कहल जाएत अछि जे अगर शरीफा खाएल जाए तं डेंगू सं बचाव होएत रहत. ई सभ अगर ओना नहि देखि तखनो परहेज के तौर खाएल जा सकैत अछि.
किछ लोक के त सेहो कहनाय छनि जे आई–काल्हि अगर मन खराब रहय तं पात वाला सब्जी... अरबी... दही... ठंडा चीज खाय सं बचबाक चाही. अगर किछ दिन छोड़िओ देल जाए तं कोनो फर्क नहि पड़ैत अछि. ई सभ बीमारी सं पहिने के बचाव वाला बात अछि. लोक सभक कहनाय के अनुसार गरम पानि आ दूध मे हल्दी डालि क पीबय सं सेहो फायदा होएत अछि.

ईश्वर नहि करय मुदा अगर कोनो तरहक परेशानी होए तं डॉक्टर ... वैद्य सं दिखानाय नहि भूलब. जेना –जेना दुनिया विकास करैत जा रहल अछि... दस तरहक बीमारी सामने आएल जा रहल अछि. खैर परहेज तं अपना हाथ मे अछिए. कहबाको अछि उपचार सं परहेज भला.
Share/Save/Bookmark  
हमर ईमेल:-hellomithilaa@gmail.com

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

अहां अपन विचार/सुझाव एहिठाम लिखु