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अलग मिथिला राज्य केर मांग भेल तेज, देखु जंतर-मंतर प्रदर्शन केर फोटो

अलग मिथिला राज्यक मांग तेज भ गेल अछि। 21 अगस्त के दिल्लीक जंतर-मंतर पर मिथिला स्टूडेंट यूनियन के तरफ सं पैघ धरना-प्रदर्शन कएल गेल। मिथिला राज्यक मांग लेल पहिल बेर दिल्ली मे एतेक पैघ स्तर पर आंदोलन भेल। एहि बेरक आंदोलन के खास बात ई रहल जे एकरा सभ वर्गक समर्थन हासिल भेल। अखिल भारतीय मिथिला संघ सेहो अलग मिथिला राज्यक पक्ष मे ठाड़ छल।

ओना तं बहुत दिन सं अलग मिथिला राज्य क मांग चलि रहल अछि। बताएल जा रहल अछि कि पहिल बेर मिथिला राज्यक मांग 1912 मे कएल गेल छल। एकर बाद 1921 मे दरभंगा महाराज कामेश्वर सिंह सेहो अलग मिथिला राज्य बनाबय के आवाज उठौने छलखिन्ह।

आजादी के बाद पहिल मिथिला राज्यक आन्दोलन सन 1952 मे भेल छल। बीच-बीच मे कई बेर आंदोलन भेल मुदा ओ गति नहि पकड़कल। एहि बेरक मिथिला स्टूडेंट यूनियन के आंदोलन के देखि लगि रहल अछि जे आब मैथिल सभ शांत नहि रहताह आ अलग मिथिला राज्य लए के मानताह।

लोक सभ के कहनाए छनि जे जा धरि बिहार सं मिथिला के अलग करि नव राज्य नहि बनाएल जाएत ता धरि मिथिलाक प्रगति संभव नहि अछि। लोक सभ के इहो कहनाए छनि जे नीतीश राज मे मिथिलाक उपेक्षा ककरो सं छिपल नहि अछि। आइ मिथिला मे एकोटा उद्योग नहि अछि। जे पुरान उद्योग छल, सभ बंद पड़ल अछि। रोजगारक अभाव मे लोक सभ पलायन करय लेल मजबूर छथिन्ह।

गंगा के उत्तर इलाका मिथिला मे रहय वाला लोग सभ के मननाए छनि जे बिना अलग राज्य बनने दरभंगा, मधुबनी, सहरसा, मधेपुरा, पूर्णिया, सुपौल, बेगूसराय, समस्तीपुर, कटिहार, अररिया, सीतामढ़ी, चंपारण के विकास संभव नहि अछि। अखन ई इलाका सभ उपेक्षा के शिकार बनल अछि। विकासक काज लटकल पड़ल अछि।

सोशल मीडिया सं मिलल किछ फोटो देखल जाए-








 

मिथिला स्टूडेंट यूनियन के अनुप मैथिल के ई वीडियो देखु-

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