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एयर इंडिया के घाटा पहुंचाबय के खेल



दिल्ली मे कई बेर नोएडा आबय-जाय के क्रम मे एकटा चीज देखय के लेल मिलल जे प्राइवेट बस सरकारी डीटीसी बस के आगा नहि बढ़य दैत छल. धौलाकुआं सं नोएडा के बीच दू नंबर के बस चलैत अछि 392 आओर 398. धौलाकुआं आओर नोएडा दुनु तरफ सं डीटीसी के खुलला के पांच...सात मिनट बाद प्राइवेट 392 या 398 नंबर के बस खुलैत छल. मुदा प्राइवेट बस के दू -चारि टा बदमाश लड़का डीटीसी बस मे बसैल रहैत छल आओर डीटीसी के दस कदम आगां बढला पर आगां जाs क रोकि दैत छल. आब जखन धरि प्राइवेट बस आगां नहि भs जाएत छल डीटीसी बस रुकल रहैत छल. प्राइवेट बस आगां निकलि सभ स्टैंड सं पहिनहिं सवारी उठा लैत छल आओर डीटीसी ढनढनाएत रहैत छल. एहि मे अफसर के मिलि भगत जरूर रहैत होएत किएत त बिना सहमति के सभदिन एना नहि चलैत होएत. ई त एकटा उदाहरण अछि भs सकैत अछि दोसरो रूट मे एहने होएत होए. डीटीसी के एहि सं घाटा बढैत गेल.
एहिने खेल चलि रहल अछि एयर इंडिया मे. प्राइवेट एयरलाइन के खुलला के 5 से 15 मिनट बाद सरकारी एयरलाइंस के विमान उड़ैत अछि. एहि सं सब लोक पहिने वाला विमान मे चलि जाएत अछि... टिकट बुक कराबय छथिन्ह आओर सरकारी विमान ढनढनाएत रहैत अछि. आओर हमेशा सरकारी पैकेज ... सहायता मांगेत रहैत अछि. एहि बारे मे दिल्ली सं प्रकाशित एकटा अखबार नई दुनिया मे खबर आएल अछि. खबर फ्रंट पेज पर एयर इंडिया को घाटा पहुंचाने का खेल नाम सं अछि.. खबर पढ़ि कs अहां के लागत जे सरकारी तंत्र सं केना खेलल जा रहल अछि. सरकारी पाई के बर्बाद कएल जा रहल अछि. आओर ओहि विभाग के मंत्री सभ नीक बनल रहैत छथि. जनता के पाई सं निजी कंपनी के..संस्थान के फायदा पहुंचाबय के एहि खेल पर अपन विचार जरूर राखब.
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4 टिप्‍पणियां:

  1. नहीं, जो आप कह रहे हैं, वो बात हो सकती है, मगर वो पूरा सच नहीं है | मैंने कई बार जेट, सहारा (जेट लाइट ) और किंगफिशर में सफ़र किया है | यहाँ तक कि इस भारत दौरे सितम्बर ०९, में भी कई सेक्टर में मैं, हवाई जहाज़ से तय करूँगा | लोग अपनी सहूलियत देखकर हवाई जहाज़ चुनते हैं| किराया कमोबेश सबका बराबर है | मैंने Deccan और GO Air से सफ़र नहीं किया है |

    इंडियन के साथ जो समस्या है, है वह यहाँ है कि इसकी अधिकाँश होस्टेस मोटी आंटी होती है, हालाँकि अब हालत सुधर रही है | भोजन में जेट के पास कई आप्शन हैं| सुमुधर धुनें दोनों ही एयर लाइंस मुहैया करवाती है| जेट स्टाफ कई बार आपसे टिप मांग सकता है, ख़ास कर बॉम्बे और चेन्नई एअरपोर्ट पर | जेट में आपको जूस वैगरह मिलता रहता है |

    वैसे DEL-MUM सेक्टर में लेट नाईट AI से बेहतर कोई विकल्प नहीं है | सस्ता और बढिया | बस भगवान् से मानिए कि आने वाली फ्लाईट लेट न हो |

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  2. Sabyasachi jee... apan vichaar raakhai lel dhanyawad... hum t delhi ke Paper me chhapal khabar ke hawala d k ee lekh likhlau a.... agar Nai Dunia ke ehi khabar mein aadho (50%) sachchaai achhi t ee ghambheer maamla achhi... ona ahan ee baat sahi kahlau je lok khud neek service lel niji airlines ke taraf murhi rahal chhathinh.

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  3. नमस्ते हितेन्द्रजी, मुझे मैथिली लिखनी नहीं आती, लिहाजा मैं आपको हिंदी में पत्र लिख रहा हूँ | आप बहुत अच्छा लिखते हैं, और आपके ब्लॉग से मुझे अपनी दुनिया का पता चलता रहता है | हमारे हिन्दुस्तान में एक बात मैंने देखी है: कुछ लोग गधों की तरह काम करते हैं, और कुछ लोग काम के मामले में गधे होते हैं | और, यही वजह है कि हम में से अधिकांश लोग बाहर जाने के लिए मजबूर हो जाते हैं | हमारा सिस्टम दुनिया में सबसे अच्छा है, और हमारे आदमी से बढ़कर कोई कामचोर और रिश्वतखोर नहीं | कुछ दिन पहले शायद मै ने दैनिक हिन्दुस्तान की खबर में पढ़ा था कि हिंदी अकादेमी के सम्मलेन तक से लोग TA & DA का पैसा खा जाते हैं | दरअसल गरीबी बहुत है, और इसी वजह से लालच जन्म लेती है | मै स्पेनी साहित्य से पी एच डी कर रहा हूँ | आरक्षण आन्दोलन के बाद, मुझे यह तक कहा गया कि आप स्पेनी नहीं जानते, और अंत में मैंने बहुत दुखी होकर बाहर की छात्रवृति के आवेदन किया और मुझे शोध की अनुमति मिली | यहाँ मेरा स्केल 10 में 9.2 का है | बताइए, यही से आदमी कुंठित होता है | और हुनर की हत्या में हम सबसे आगे हैं | अब मेरा हिन्दुस्तान में रहने का मन ही नहीं करता | नकली चेहरे वाले आदमी कितनी फरेब से भरी बातें करते हैं, शायद अब आपको पत्रकारिता में रहने के बाद अंदाज़ हो गया होगा| खैर, मैं आपको आपके महत्वपूर्ण काम के लिए अपनी शुभकामनाएं अर्पित करता हूँ, अगर आपको स्पेनी साहित्य में, रुचि है, तो अपना नया अनुवाद भेजूंगा | अंत में शुभकामनाओं सहित, साची

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