प्रेमक साक्षात मूर्ति... हुनकर रूप यौवनक आभा छनि-छनि कs गुलबिया साड़िक तर सं बहरा रहल छल. ताड़क तरकून के डाभ जका डबडबाइत यौवन केहुना क आंचर सं संभारने छलीह. लागैत छल बटन तोड़ि आब बाहर आएल... तब बाहर आएल. हुनकर सम्मुन्नत अञ्चल रेखावली देखि हमर छाती पर सांप लोटय लागल.
हुनकर फोटो के रूप माधर्य मे हम एतेक तल्लीन भs गेलहुं जे हमरा प्रतीत भेल जे ओ साक्षात हमरा समक्ष ठाड़ छथि. आ कहि रहल छथि... कि देख रहल छी ? ... आगां आउ. रस सं भरल ई लाल-लाल ठोर अहिं के लेल अछि. हमर गालक लालिमा... ई रूप-यौवन सभ अहिं के लेल अछि. डरू नहिं... आगां बढुं. हमरा अपन आंलिंगन मे ल लिअ. अपन बांहि मे भरि हमर अतृप्त यौवन के तृप्त करि दिअ. जन्म-जन्म सं पिआसल एहि नवयौवना के पिआस बुझा दिअ. हमरो उत्साह बढ़ल... किछ हिम्मत आएल. मन भेल जे कम सं कम हुनकर चेरी सन ठोरक स्वाद त ल लेल जाय. प्रेमक प्रथम निशान हुनकर खिलल अधर पर द त देल जाय.
हम फोटो के साक्षात हुनका समझि चुमय लेल आगां बढ़य लगलौं. एतबा मे फोनक घंटी बाजि उठल. हमर तंद्रा भंग भs गेल. हम अपन स्वपन सं जागि उठलौं. दिल ऐना धधकय लागल जेना दिवाली मे चारि दिन पहिने सं फुलाएल हुक्कालोली सलाइयक काठी देखते धधकि उठैत अछि. ओह... एहन मधुर सपना सं जगा देलक. ई सार फोनो के अखने बजय के छल. मन भेल जे उठा कs जोर सं पटकि कs फोड़ि दी. मुदा ओम्हर सं मामाजी के आवाज सुनि मन मसौसि कs रहि गेलौं.
मामाजी सेहो बिआहे के बात लs कs फोन कएने छलाह. हुनकर गप्प सुनि तमसाएल मन किछ शांत भेल. बिआहक गप्प सुनय मे नीक लागय लागल. कहय लगलाह... मनीगाछी के वीरेन्द्र बाबू के भेजने छलीअह. मिलल होतुन्ह. जेहि प्रयोजन सं बायोडाटा अहां के देल गेल अछि ओकरा साकार करबाक कोशिश करिऔं. नीक गप्प त ई अछि जे लड़की सेहो दिल्लीए मे काज करय छथीह. बायोडाटा सं हुनकर नंबर ल अहां हुनका सं कंटेक्ट करू. मेलजोल बढाउ. हुनका बारे मे बेसि सं बेसि जानय के कोशिश करु. फेर अहां छोटका भाय सेहो लाइन मे छथि. 10 बजिया गाड़ी लेट त 12 बजिया सेहो लेट भs जाएत. अहां त लेट भ गेलहुं हुनका लेट नहिं करबन्हि. करीब 20 -25 मिनट धरि ओ अपन फिलॉस्फी झाड़ैत रहलाह. जखन हम लड़की सं सम्पर्क करबाक कोशिश करय लेल तैयार भेलहुं... तखन फोन धरलाह.
मामाजी के फोन रखलाह के बाद हम लिफाफा सं बायोडाटा निकालि भावी पत्नी के बारे मे जानकारी एकत्रित करय लगलौं. पता चलल जे हुनकर शुभ जन्मदिन आबय वाला छनि. आब हमरा हुनका फोन करय के लेल बहाना आओर दिन दुनु भेट गेल. हम तय कएलौं जे हुनका जन्मदिनक तोहफा जरूर देब. आब हमर पूरा ध्यान एहि पर लागि गेल जे आखिर प्रथम मिलन मे हुनका कि गिफ्ट देल जाय.
सुंदर।
जवाब देंहटाएं-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
मुझे आपका लेख बहुत अच्छा लगा मैं रोज़ आपका ब्लॉग पढ़ना है। आप बहुत अच्छा काम करे हो..
जवाब देंहटाएंमैं आपकी वेबसाइट को बहुत ही ज्यादा पसंद करती हूं, ऐसी वेबसाइट किसी की नहीं मिली अभी तक। और आपके ऑर्टिकल पढ़ने के बाद मैंने भीं ब्लॉग लिखाना शुरू किया हैं, क्या आप मेरी वेबसाइट देख कर बता सकते हैं। क्या मैं सही काम कर रही हूं प्लीज़ मेरी मदद करें।
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