पानि आब सिर के ऊपर जा रहल अछि. बर्दाश्त नहि भs रहल अछि. किछ करु नहिं त किछ कs लेब. कतेक इंतजार करु. सिर्फ कोसी के पानि सिर के ऊपर सं नहिं बहि रहल अछि. हालात सेहो तेहने अछि. बांध टूटला के एतेक दिन भेला क बादो कईटा इलाका मे राहत के कोनो किरण नहिं दिखाई द रहल अछि.



अहां कहय छी जे बाढ़ि मे सय- दु सय लोक मारल गेल अछि मुदा सोचिऔ जे पानि अपना संग गाम केर गाम बहा लs ओ कि लोक के राहत केर लेल छोड़ि देने होएथिन्ह. सैकड़ों- हजारो लोक बहि गेल.


bura hal hai....paani baha nahi, bahaa ker le jaa raha hai
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