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मिथिला विभूति


मिथिला विभूति

स्व. ललित नारायण मिश्र'क क 90वीं

जयन्ती(2 फरवरी 2012) पर विशेष:-

मैथिला विभूति ओ राजनीतिज्ञ आओर प्रशासक स्व ललित नारायण मिश्रक सभसँ पैघ विशेषता छल- हुनक आत्मीयता.


ओ किनको सँ खुशी पूर्वक भेँट करैय छलाह. भेंट करैय बाला सँ हुनक व्यवहार अतेक स्नेहपूर्ण ओ निश्छल होइत छल जे सभ कियो हुनक मधुर स्मृति लएकेँ
विदा होइत छलाह. ललित बाबू रेलमंत्रीक रुपमे विकट समस्याक सामना केने छलाह.
 

कर्मचारी सभ द्वारा नियमक अनुसार काज करैयक नीति आओर बहुत पैघ स्तर पर हड़तालक सिलसिला 
भारतीय रेलक अंग बनि गेल छल. बिजलीक अभाव, रौदी , तेलक संकट आदिकेँ कारणे विश्वव्यापी मुद्रास्फीतिक शिकार भारतीय रेल सेहो भेल.
 

एहन घोर सँकटक कालमे ललित बाबू दृढता संग रेलक संचालन केला. भारतीय रेलकेँ वित्तीय स्थिति सुधारैय खाति ललित बाबू किछु कठोर ओ अलोकप्रिय कदम सेहो उठेला.




तथापि जनताकेँ बीच लोकप्रिय ओ प्रसिद्ध रेलमँत्री आओर नेताक रूपमे प्रतिष्ठापित भेला. एहि सँ हुनक प्रशासनिक बुद्धि आ राजनीतिक कुशलताक परिचाय भेटैत अछि.
 
तत्कालीन रेलमंत्री कमलापति त्रिपाठी 1975-76क बजट अनुमान प्रस्तुत करैत ललित बाबूकेँ श्रद्धांजलि अर्पित करैत कहने छला "मेरे सुयोग्य पूर्ववर्ती ललित नारायण मिश्र ने रेलों के इतिहास के घोर संकट काल में जिस कौशल व सँकल्प का परिचाय दिये , वह अविस्मरणीय है.
 
पिछले दो वर्षोँ में रेल को न केवल औद्योगिक संबंध मेँ , बल्कि वित्तीय समार्थ्य के मामले में भी बड़ी विषम परिस्थियों का समाना करना पड़ा है.
 
1965क बाद देशक राजनीति खासकेँ बिहार ओ मिथिलाकेँ राजनीतिमे ललित बाबूक रचनात्मक योगदान स्मरणीय अछि.निष्ठावान राजनीतिक जँका ललित बाबू जीवन पर्यँत देशक स्थिरता आओर नेतृत्वकेँ सुदृढ करैयमे महत्वपूर्ण भुमिका निभेलैत.
 
ललित बाबू मिथिला लेल प्राण ओ आशा छलैत.
 

मुदा ओ असमय मिथिलाकेँ अनाथ छोड़ि चलि गेला. जेकर पूर्ति अखैन तक मिथिलामे नहि भेल अछि. 
शायद अखन किछु समय लागत. मुदा आब देरि भय हल अछि. मिथिलाकेँ जरुत अछि जे ललित बाबू 
अवतार लौथ.
 
जय मिथिला

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