एहि अवसर पर नीतीश जीक कहनाय छलन्हि जे लोक के अपन बिहारी पहचान नहि भूलबाक चाही. बस अहां सभ अपन गौरवशावी इतिहास के जानि... भविष्य के लेल आगां बढ़य के कोशिश करु. बिहार दिवस मनाबय के मुख्य कारण अहां सभ के भीतर बिहारीपन के जगाबय के अछि । जखन अहां सभ बिहार सं बाहर जाsक नीक काज कs सकय छी त एतय किएक नहि? अखन अहां सभ कनिक अंगड़ाई लेलौं नहि कि दुनिया मे बिहारक चर्चा होबय लागल अछि... कनि जोर लगा देबय त बिहार फेर मुड़ि कs नहि देखत. मुख्यमंत्री सेहो कहलखिन्ह जे बिहार के लेल एकटा अलग राज्य गीत होएत. अहां सभ एकरा लिखि कs भेजु कोनो एकटा गीत के चयन कएल जाएत. बिहार दिवस के मौका पर मुख्यमंत्री कइटा किताब के विमोचन सेहो कएलखिन्ह. एहि मे सं एकटा बिहार की बेटियां स्कूल मे सेहो पढ़ाएल जाएत.
एहि सं पहिने आई भोरे सं पटना अलग रंग मे दिख रहल छल. स्कूल-कॉलेज सभ मे प्रभात फेरी निकालल गेल... सांस्कृतिक कार्यक्रम सभ भेल. सांझ होए सं पहिने राज्य भर सं आएल लोक आओर पूरा पटना शहर के लोक जेना गांधी मैदान के तरफ बढ़य लगलाह. कइ लोक अलग-अलग महापुरुष के वेश घारण करि सेहो पहुंचल छलाह. बिहार उत्सव तीन दिन चलत. एहि के लेल गांधी मैदान मे 44 टा स्टॉल लगाएल गेल अछि. जतय मधुबनी पेंटिंग से लsक बिहारक कला संस्कृति सं जुड़ल सामान... लकड़ी के सामान... खेती-बारी के सामान... खाए-पीबए के करीब 300 तरहक पकवान मिल रहल अछि.ओना समारोह के लेल कइटा प्रमुख लोक के न्योत नहि देबय के लेल विवाद सेहो भs रहल अछि. आओर पटना सं बाहर के लोक के इहो कहनाय छलन्हि जे समारोह मे भोजपुरी छाएल रहल.मुदा एकर चर्चा दोसर बेर.
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