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सात सितंबर... श्रीराम सेंटर मे मैथिली नाटक उगना हाल्ट. मैथिलीक विद्धान डॉ ब्रजकिशोर वर्मा मणिपद्म जीक जयंती. मिथिलांगन केर ओर सं ई नाटक मणिपद्मजीक जयंती पर कएल गेल छल. सात सितंबर के हमरो जन्मदिन छल. मुदा आई धरि कहिओ जन्मदिन नहिं मनएला केर कारण सात तारीख सांझ धरि ध्यान पर नहिं छल जे आई हमरो जन्मदिन अछि. उ त हमर संगी आओर सीनियर जर्नलिस्ट मृगांक शेखर जीक मैसेज आएल जे जन्मदिन मुबारक होय. मैसेज मिलला केर बाद किछ देर तक जोर सं हंसलौं. किएक त ई पहिल बेर छल जे हमरा जन्मदिन केर कोनो बधाई संदेश मिलल छल . हुनका फोन कs धन्यवाद देलिएन्हि आ कहलिएन्ह जे अहां पहिल लोक छी जे हमरा जन्मदिन पर बधाई देलहुं अछि. खैर हुनकर संदेश के बाद नाटकक आनंद आओर बढ़ि गेल.
ओना नाटक केर मंचन सच मे नीक रहल. ई नाटक दिल्ली मे रहय वाला युवक सभ पर केंद्रित छल . एहि मे हमर बगल के गाम केर एकटा लड़का संजीव जी सेहो छलाह. संजीव जी पाठकजी केर किरदार सशक्त ढंग सं निभएलाह. हिनकर रोल केर जतेक प्रशंसा कएल जाए कम होएत. एहि नाटक मे दिल्ली मे रहय वाला मैथिल... मैथिलीभाषी लोकनिक संघर्षक चित्रण कएल गेल अछि. उगना हाल्ट केर लेखक छथिन्ह कुमार शैलेन्द्र जी. शैलेन्द्र जी मिथिलाक ओहन नवतुरिया सभ के दर्द के नीक जकां सामने लाबय के कोशिश कएलथिन्ह जिनकर अभिनय... नाच... गाना के अपना सभ लोकनि अधम समझय छियैक. अपना सभ कहैत छियैक जे ई नाटक ... टाटक छोड़ु आओर पढ़ाई- लिखाई पर ध्यान दिऔ... कतहुं कोनो काज करु... आईएस...आईपीएस नहिं तs क्लर्क बनि जाउ... मुदा एहि एक्टिंग-वैंक्टिंग के चक्कर मे नहिं पड़ु... ई नीक लोकक काज नहिं अछि. एहि नाटक मे ओहने संघर्ष केर झलक दिखाएल गेल अछि. शैलेन्द्र जी खुद रंगमंच सं जुड़ल छथि... मंडी हाउस सं जुड़ल छथिन्ह... ताहि लेल ओ एहि क्षेत्र सं जुड़ल लोक केर तकलीफ के करीब सं बुझय छथिन्ह...जानय छथिन्ह.
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एहि अवसर पर मिथिलांगन केर ओर सं मिथिलांगन 2008 स्मारिका केर विमोचन सेहो कएल गेल. एकरे संग मैथिलीक पारिवारिक त्रैमासिक पत्रिका मिथिलांगन केर दोसर अंक सेहो निकालल गेल. मैथिली मे एहन कार्यक्रम बराबर होए के जरूरत अछि एहि बहाने हम मैथिल सभ एक ठाम जुटय छी. दस- पांच मिनट लेल बतिआइत छी. अपन गाम घर केर गप्प करय छी. उम्मीद अछि मिथिलांगन आओर मैलोरंग सं जुड़स लोक सभ एहन आओर कार्यक्रम करैत रहताह.
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