अखिल भारतीय मिथिला राज्य संघर्ष समिति मार्च में बजट सत्र के दौरान संसद के घेराव करय जा रहल अई. घेरा डालो डेरा डालो आंदोलन में लोक के जुटाबय के लेल... अलग मिथिला राज्य के लेल समिति के लोक सभ गामे - गामे जा रहल छथिन्ह. समिति के अध्यक्ष बैद्यनाथ चौधरी बैजूजी खुद जोर- शोर दौरा में लागल छथिन्ह. ओ गाम में जाs कs सभ मैथिल लोकनि के मार्च के तेसर हफ्ता में दिल्ली में जुटय लेल कहि रहल छथिन्ह. ओ लोक सभ सं अपील करय छथिन्ह जे जखन तक अहां सभ लोकनि के सहयोग नहिं मिलत अलग मिथिला राज्यक बननाय संभव नहिं अछि. हुनकर कहनाय छनि जखन भाषा के आधार पर पंजाब... पश्चिम बंगाल... असम... गुजरात बनि सकय अ त मिथिला किएक नहिं.
समिति के कहनाय छै मिथिला में जे बाढि़... सुखाड़... बिजली आओर पलायन के जे समस्या छै ओकर समाधान अलग राज्य बनले पर भs सकय अ. अलग राज्य बनवा के बादे मिथिलाक विकास संभव अछि. अखन धरि सभ राजनीतिक दल राजनीति कए एहिठामक लोक के ठगैत रहल. ई इलाका दोसर इलाका के तुलना में बेसि पिछड़ल रहल. लोकक समस्या परेशानी दूर करय के लेल सही मायने में प्रयास नहिं कएल गेल. लोक सं खिलवाड़ कएल गेल. वोट लेबय लेल दस तरहल भरोसा... वायदा कएल गेल मुदा लोक के हाथ में कि आएल ... किछ नहिं. विकास त छोड़ु उल्टा ऐहन भेल जे स्कूल कॉलेज में जे मैथिलीक पढ़ाई होयत छल कई ठाम बंद भ गेल. स्कूल में जखन पढ़ाई नहिं होयत त लोक ओहि भाषा के जानथिन्ह कोना. दोसर के छोड़ु हमर केवटी, दरभंगा गाम में सौ में सं नब्बे टा बच्चा मैथिली में बात नहिं करय छथिन्ह. कोनो स्कूल में पढ़ाई नहिं होय छै. अंग्रेजी स्कूल में तं मैथिली बोलला पर मुर्गा बना देल जाय छै. ई हाल हमरे गाम के नहि अछि ...मिथिला के बेसि गाम में अहां के इहे हाल मिलत. नहिं पढ़ाई होय छै आओर लोक सेहो नहिं पढ़य लेल चाहय छथिन्ह. पढला के बाद जखन मैथिली में कोनो काजे नहिं भेटत त पढ़ि कs कि करब. पढ़िओ लेब तs दरभंगा... मधुबनी... समस्तीपुर... पूर्णिया सभ ठाम एकोटा दोकान... दफ्तर... फिल्म के नाम... ट्रेन के नाम.. बस के नाम मैथिली में नहिं मिलत. दोसर त छोड़ु ई जे आंदोलन चलि रहल अछि ओकर नारा अछि डेरा डालो...घेरा डालो.
bullshit. Only our attitude can change Mithila and maithili scenario. Hoe many state we need now? After Jharkhand now Mithila? Why cant we think about the unity rather than destruction and separatism. Angrejk divide and rule s ekhani dhari ham sabh prabhavite chhi. chhoDu chhodu i dhvansatmak pravritti. je jata baisal chhi, mithila lel mithilavasi coondtructuve tarika se sochi, mithila badalat, ham sabh badalab, maatr ekara le attitudnal change is required.
जवाब देंहटाएंहितेन्द्रजी क्षमा चाहब, मुदा अहाँ सs इ अपेक्षा नहिं छल जे अहाँ एहि तरहक विनाशकारी बात'क समर्थन करब। आखिर भाषा आ जाति'क आधार पर राष्ट्र'क कतेक टुकडा करब। अहाँ कोन आधार पर अलग मिथिला प्रांत'क समर्थन कय रहल छी, की इ माँग वास्तविकता'क धरातल पर अपन सार्थकता सिद्ध कय सकैत अछि? की मैथिली-मैथिली कयला स मिथिला आ मैथिली'क विकास भs जायत? झारखण्ड जेकर राजकीय कोष लाभ के साथ खुजल छल आई ओ नेता लोकनि के लूट-खसोट सs नुकसान में चलि रहल अछि। एखनो आम झारखण्डी'क जीवन में कोनो परिवर्त्तन नहिं भेल अछि। अलग प्रांत'क निर्माण स त किछु आओर नहिं होयत मुदा नेता लोकनि कें एकटा नवका दोकान खुजि जेतन्हि।
जवाब देंहटाएंरहल बात मैथिली भाषा'क विकास के तs एहि सन्दर्भ में श्री हरिमोहन झा'क बात मोन परैत अछि जे यदि कोनो भाषा में दम हेतैक त ओ विकास'क लेल केकरो मोहताज नहिं रहतैक, आओर हाँ यदि ओहि में सामर्थ्य नहिं हेतैक तs ओकरा विलुप्त होमय से सेहो केओ नहिं बचेतैक। मिथिला आ मैथिली'क एहि दुर्दषा'क मुख्य कारण किछु आओर नहिं, कारण स्वयं मैथिल सभ छथि। आई जे दम्पत्ति शहर में बसि चुकल छथि हुनका सभ केँ मैथिली बाजय में लाज होयत छन्हि। बात एतय खतम नहिं होयत अछि ओ अपन धिया-पूता सभ केँ केवल अँग्रेजी आ हिन्दी तक सीमित राखैत छथि। देखल जाउ तs नव पीढी में कतेक एहन छथि जे मैथिली नहिं बाजि सकैत छथि। एकर उत्तरदायी के? की इ सभ मैथिली के एहि स्तिथि के लेल उत्तरदायी नहिं छथि? की एहि तरहक मनोवृत्ति अलग राज्य बनउला सs समाप्त भs जायत?
आशा अछि जे अहाँ एहि विषय पर गम्भीरता सs सोचब। अपनेक जवाब'क प्रतीक्षा रहत!
सादर-
कुन्दन कुमार मल्लिक,
बंगलोर, सम्पर्क- +91-9739004970,
ई-मेल- kkmallick@gmail.com