अपन मिथिला सेहो धीरे-धीरे एड्स के गिरफ्त में आबि रहल अछि. एचआईवी... एड्स आब बाहर रहय वाला बिहारी मजदूर के मार्फत गाम घर में दस्तक द रहल अछि. मिथिलांचल ... बिहार के लाखों लोक बाहर रहय छथिन्ह... एहि में बेसि लोक एहन छथि जे पंजाब... हरियाणा... दिल्ली... मुम्बई... कोलकाता जैसन बड़का शहर... मेट्रो में जाS क मजदूरी करय छथि. रिक्शा... ऑटो... ट्रक चलाबय छथि. सब्जी बेचय... ठेला लगाबय के काज करय छथि. छोट छिन्ह काज कय... नौकरी कय जिनगी चलाबय छथि. महीनों घर सं दूर रहय छथि. एम्हर ओम्हर चलि जाय छथि. जरूरी उपाय नहि करय छथि. सतर्कता नहिं बरतय के कारण एचआईवी के चपेट में आबि जाय छथि. ओना बीमार पड़ला आ दोसरो कारणे खून चढ़यला सं सेहो ई बीमारी कई बेर भ जाय छै. कई बेर छोट छिन अस्पताल में खून के जांच सेहो ठीक सं नहिं होय छै आओर ओ खून जखन चढ़ा देल जाय छै त नीक लोक सेहो बीमार भय जाइत छथिन्ह.
मजदूर सभ एक ठाम काज खत्म भेला पर दोसर ठाम जाS क काज करय छथि. ट्रक ड्राइवर सेहो देश भर में घुमय रहय छथि. ई लोकनि एड्स के बेसि शिकार बनय छथि. बिना कोनो सतर्कता बरतने सम्पर्क बना लैत छथि. आओर एकरा लेल कहि सकय छी सभस बड़का कारण छै जागरूकता के कमी...जानकारी के कमी. सरकार के आओर स्वयंसेवी संस्थान सभ के चाही जे अंग्रेजी चैनल आ अखबार के हटि छोट छिन स्तर पर गाम घर के स्तर पर जागरूकता अभियान चलयताह. दरभंगा... मधुबनी... पूर्णिया... कटिहार... सीतामढ़ी... मुजफ्फरपुर स्टेशन पर बाहर जाय वाला लोक सभ के जागरूक करताह. गाम घर में जाक एकर दुष्परिणाम से लोक के अवगत करयताह. हुनका बताबय पड़तन्हि जे अहां के किछ भ जायत त परिवार के कतेक कष्ट उठाबय पड़त. सरकारी आंकड़ा देखल जाय त सिर्फ मघुबनी में दु साल में करीब सात सौ लोक एचआईवी पॉजिटिव मिलल अछि. ई बड़ गंभीर गप्प अछि . ज्यादातर लोकक परिवार बिखड़ि गेल अ. परिवार... बाल बच्चा बिलखि रहल छै.
पिछला दिन एहि सभ पर जागरूकता लाबय लेल फिनलैंड दूतावासक अधिकारी अन्ना काइसा हेक्कीनेन पंडौल के गुरमाहा गाम में छलाह. ओ साफ कहलथिन्ह एकर बचाव एकर सुरक्षा अछि. बिना जागरूकता किछ नहिं होयत. गाम में भेल सेमिनार एहि पर चर्चा सेहो भेल जे रोजी रोटी कमाय लेल जे गरीब लोक सभ बाहर जाय छथि अनजाने में एकर शिकार बनि जाय छथि. एहि लेल अपना पर कनि नियंत्रण राखु आओर काज पर चलु.
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