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चालू भ गेल मिथिलाक विकासक महासेतु कोसी पुल


कोसी महासेतु चालू भ गेल अछि. आई बुध दिन सुपौल जिलाक निर्मली मे केंद्रीय सड़क आ परिवहन मंत्री सीपी जोशी जी एकर उद्घाटन कएलखिन्ह. एहि अवसर पर बिहारक मुख्यमंत्री नीतीश सेहो मौजूद छलखिन्ह.

एहि पुल के बनला सं मिथिला जे 78 साल पहिने दू भाग मे बंटि गेल छल ओ फेर सं एक भ गेल अछि. 1.87 किलोमीटर लंबा एहि पुल के बनला सं मिथिलाक
9 जिलाक लोक के सुविधा होएतन्हि.

एहि पुल के बनाएबा पर करीब 418 रुपया खर्च भेल अछि. 6 जून 2003 मे अटल बिहारी वाजपेयीजी एकर शिलान्यास कएने छलखिन्ह.

लोक सभ के कहनाय छनि जे कोसी पर पहिने पुल छल मुदा 1934 मे आएल विनाशकारी भूकंप मे पुल टूटि गेल. एहि के बाद मिथिला बंटि गेल. मिथिलांचल आओर सीमांचल मे. एक तरफ दरभंगा... मधुबनी आ दोसर तरफ सहरसा...मधेपुरा आआोर सुपौल.

कोसी मे हर साल आबय वाला बाढ़ि के कारण एकरा बिहार के शोक सेहो कहल जाएत अछि. कोसी हर किछ साल बाद इलाका मे भारी तबाही लाबैत अछि. ओना बांध बनला के बाद एहि मे किछ कमी आएल छल. मुदा
कुसहा मे बांध टूटला के बाद जे भंयकर तबाही मचल तकर कोनो जवाब नहि.

कोसीक धार के सामने जे आएल से बहि गेल. एहन मे एहि नदी पर पुल सेहो नहि बनि पाबय छल. बड़ दिक्कत होए छल. कई बेर कोशिश भेल मुदा लोक के कहनाय छनि जे हर बेर पुलक पाया बहि जाए छल.

आब 78 साल बाद जे ई कोसी महासेतु बनि क चालू भेल अछि तं लोक के खुशी समझि सकय छी अहां.

पुल नहि होए के कारण लोक के घंटा भरि के रास्ता 6-6...7-7 घंटा मे तय करय पड़य छलन्हि. पांच किलोमीटर जाए लेल पचास किलोमीटर के रास्ता नापय पड़य छलन्हि.

आ तं जान जोखिम मे डालि नाव सं जाउ नहि तं दस गाम घुमि पचास किलोमीटरक चक्कर लगाउ.
एकदम सं कटल छल पूरा के पूरा इलाका. पास रहितौं कई बेर लोक के मामा गाम...सासुर गेलाह सालों साल भ जाए छलन्हि. लोग सभ कोसी पार बारात जाए सं हिचकय छलखिन्ह.

मुदा आब एहि करीब दू किलोमीटर के पुल बनला सं...महासेतु बनला सं लोक के दिल कतेक करीब आबि गेल अछि से नहि कहि सकय छी.

कोसी महासेतु चारि लेन के अछि. आब एकरा खुलला सं इलाका केर चौतरफा विकास होएत. इलाका के दरभंगा...मधुबनी...पूर्णिया...किशनगंज...बंगाल...असम के दूरी कम भ जाएत. रोजगार...व्यापार मे तेजी आएत.

जे लोक एहि इलाका मे आबय सं कतराएत छलाह आब ओ पहिने जका नाक-मुंह नहि फुलैताह.

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