दिल्ली मे रविदिन 16 अक्टूबर के छुतहा घैल नाटक भ रहल अछि. ई नाटक तालकटोरा
स्टेडियम के सुरताल ओपन थियेटर मे होएत.
मैथिली भोजपुरी अकादमी दिल्ली के सौजन्य सं ई नाटक मिथिलांगन के तरफ सं भ रहल
अछि.
छुतहा घैल के नाटककार छथिन्ह महेन्द्र मलंगिया जी. मैथिली नाटक
के हिट होए लेल
हिनकर नामे काफी छनि.
ओना एहि नाटक के निर्देशक संजय चौधरी जी सेहो कोनो कम नहि छथिन्ह. एकदम मांजल
निर्देशक छथिन्ह.
हिनकर निर्देशन मे भेल नाटक तकनीकी दृष्टि सं काफी नीक रहय छनि.
निर्देशन पर हिनकर नीक पकड़ छनि, दर्शक के एकदम सं बांधिsक राखय छथिन्ह.
नाटक के डेढ़ सं दू घंटा केना बित जाएत अहां के पता नहि चलत.हिनकर नाटक मे
कॉमेडी के छौंक सेहो कसि क रहय छनि.
संजय जी दिल्ली के संग-संग दोसरो ठाम कइटा नाटक के निर्देशन करि चुकल छथिन्ह.
मिथिलांगन के तरफ सं दिल्ली मे कइटा नाटक भ चुकल अछि. जेहि में किम्कर्तव्यविमुढ,
उगना हाल्ट, सोन
मछरिया आ नैका बनिजारा शामिल अछि.
मैथिली रंगमंचक क्षेत्र मे मिथिलांगन नीक काज करि रहल अछि. मिथिलांगन नाम सं
एकटा मैथिली पत्रिका सेहो निकलैत अछि.
छुतहा घैल नाटक के कलाकार में शामिल छथिन्ह
राजेश
कर्ण, मुकेश दत्त ,कुमार शैलेन्द्र, कल्पना मिश्र,
अंजलि, संजीव, सुबोध साहा आओर आशुतोष प्रतिहस्त
गीतनाद सुन्दरम जी आओर राखी दास जीक रहत.
तं पहुंचु रवि दिन 16 तारीख के तालकटोरा स्टेडियम
सांझ मे साढ़े 6 बजे.
kono nimantran patra jarurat achhi ki onahi aabi sakait chhi?
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