मिथिलाक बिहार प्रान्तक दरभंगा में लदारी गाम आ ओहि गाम में अभियंता श्री प्रकाश झा आ हुनक धर्म्पत्निक सुपुत्र श्री स्वरुपम कुमार झा जे १९९५ में दीक्षा प्राप्त क बनिगेला स्वामी निग्मानंद.
३४ वर्षीय स्वामी १९ फरवरी , २०११ सं निरंतर रूपें पवित्र गंगाक अस्तित्व बचेबाक हेतु आमरण अनशन पर बैसल छलाह. ३ मासक कठोर अनशन पर बैसल स्वामी जीक दिस कहियो सरकारक नजर नई गेल २७ अप्रैल, २०११ के दिन हुनक अचेतन स्वास्थ अवस्था देखि
हुनका अस्पताल में भर्ती कयल गेल. अस्पताल में रहला के बादहुं स्वामी अप्पन अनशन नहीं तोड़लाह आ गंगाक अस्तित्व रक्षाक लेल सरकार सं गुहार करैत रहलाह.श्री स्वामी जी मां गंगाक पक्ष में लड़ैत लड़ैत अप्पन देह त्याग क देलन्हि... मुदा मूकदर्शक बनल ई सरकार पर एक्कर किछ प्रभाव न पडल. कि स्वामीक प्राणक कोनों मोल नई अछि ? कि स्वामी निग्मानंद अप्पन कोनों व्यक्तिगत स्वार्थ में लिप्त भ ई आंदोलन केने रहैथ? नहीं . ओ बस पवित्र गंगाक अस्तित्व रक्षाक हेतु अप्पन प्राण त्याग देलन्हि.
ई निर्लज सरकार सं यूथ ऑफ मिथिला आग्रह करैत अछि जे स्वामी जी के उचित राज्यों सम्मान द गंगाक अस्तित्व रक्षा में जल्दी अप्पन अग्र्सर्ता देखाबय.
यूथ ऑफ मिथिला सरकारक अहि प्राण आहुति नीति के खंडन करैत स्वामीक प्रति हार्दिक श्रधांजलि व्यक्त करैत अछि.
माँ मिथिला स्वामी जी के आत्मा के शान्ति प्रदान करैथ.
-:यूथ ऑफ मिथिला:-
हमर ईमेल:-info@hellomithilaa.com
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
अहां अपन विचार/सुझाव एहिठाम लिखु