छुट्टी तं मिलत मुदा सरकार अहां के छुट्टी पर नजर सेहो राखत. एहि छुट्टी के दौरान अगर अहां सेवा करैत नहि पाएल गेलहुं तं अहां दंड के भागी सेहो बनि सकैत छी.
अपन मां-पिताजीक सेवा नहि करय वाला कर्मचारी के अपन मां-पिताजी के हर मास दस
हजार रुपया देबय पड़तन्हि. जेहि सं हुनकर दिन नीक सं कटि सकय. आओर बुढ़ापा मे कोनो परेशानी नहि होए.
अगर लोक शिकायत करि देलक कि अहां अपन माता-पिता के नीक सं सेवा नहि करि रहल छी तं अहांक नौकरी सेहो जा सकैत अछि.
सरकार के माननाए अछि जे एहि सं लोक मे माता-पिताक सेवा के प्रति जागरूकता बढ़त आओर एहि आधुनिक दौर मे जे संयुक्त परिवार टूटि रहल अछि ओहि मे कमी आएत.
संयुक्त परिवार मे सुरक्षा के भाव रहैत अछि. बाल-बच्चा के नीक सं पालन-पोषण होएत अछि...नीक विकास भ पबैत अछि. आई-काल्हि जे नौकरी के लsक लोक मे असुरक्षा के भाव अछि ओहि मे ई नीक कदम अछि.
बिहार सरकार ओना पटना, गया, मुजफ्फरपुर, भागलपुर आओर दरभंगा मे ओल्ड एज होम बनाबय जा रहल अछि. एहिठाम हुनका रहय-सहय के सभ सुविधा मौजूद रहतन्हि.
माता-पिजा के शिकायत के दूर करय लेल सभ जिला मे एकटा विशेष कोर्ट सेहो बनाएल जाएत. जेहि सं जल्दी सं शिकायत के निपटारा भ सकय.
बिहार सरकार के एहि कदम के दोसर राज्य सेहो अपना सकैत अछि. एहि मे कोनो अचरज नहि जे केंद्र सरकार सेहो एकरा लागू करि देय. किएक तं अगर अहां अपन मां-बाबूजी के ध्यान नहि रखब तं अहांक पुत्र अहांक ध्यान केना राखताह.
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