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बिहारी लोक मे आक्रोश

बिहार मे विधानसभा चुनाव के बीच आई- काल्हि एकटा फिल्म के लsक लोक के बीच काफी गुस्सा अछि. ओ त राज्य मे एक मास सं बेसि सं चुनाव प्रक्रिया चलि रहल अछि जेहि सं ई मामला किछ दबल रहि गेल.

फिल्म के लsक लोक विरोध दर्ज करा रहल छथिन्ह. ई फिल्म अछि प्रियदर्शन केर आक्रोश. हम खुद प्रियदर्शन जीक फैन छी... ओ नीक फिल्म बनाबय छथि. मुदा आक्रोश के हुनकर सभ सं खराब फिल्म कहि सकय छी.

दिल्ली के आसपास के इलाका मे ऑनर किलिंग मामला पिछला दिन छाएल रहल. डायरेक्टर साहेब विषय त एकदम सटीक चुनला मुदा एकरा एतेक खराब ढंग सं पेश करला जे कहानी के लs बैसल.
फेर कहानी के जेहि परिवेश मे फिल्माएल गेल अछि ओकर तालमेल नहि बेसि रहल अछि.

प्रियदर्शन अखन धरि कइटा नीक कॉमेडी फिल्म बनएलाह मुदा एहि मे चूकि गेलाह.
देश भर मे बच्चा- बच्चा जानैत अछि जे ऑनर किलिंग के मामला कतs के अछि. दिल्ली के आसपास... हरियाणा आओर उत्तर प्रदेश के किछ इलाका मे एहि क लs क काफी बवाल भेल.

मुदा फिल्म के कहानी मे बिहार के एकटा गाम के देखाएल गेल अछि. बिहार के ई एहन गाम अछि जतय एसपी... कलक्टर सं लsक आईजी तक रहय छथिन्ह. कतउ अहां देखलौं अ एहन स्टोरी.

एहि मे प्रियदर्शन जी पात्र ... परिवेश के बीच पेंच बैसाबय मे कामयाब नहि रहलाह. डॉयलॉग बिहारी आओर पुरबिया हिंदी मे अछि जे कहि सकय छी कमजोर कहानी सं कनिओ मेल नहि खाएत अछि... जेहि सं फिल्म के एकदम सं कूड़ा- कबाड़ा भ गेल अछि.

प्रियदर्शन खुद ठहरलाह साउथ के...आओर उत्तर भारत के खाप पंचायत... ऑनर किलिंग जैसन संवेदनशील मुद्दा के उठाबय के कोशिश मे गड़बड़ा गेलाह. लोकेशन... परिवेश के चयन के मामला पर मारि खा गेलाह.

फिल्म मे देखाएल गेल अछि जे दिल्ली के चारिटा छात्र बिहार के झांझर गाम सं गायब भ जाएत अछि. आब अगवा भेल एहि विद्यार्थी के खोजए के जिम्मा सीबीआई के दूटा अफसर के सौंपल जाएत अछि.
ई दूनु अफसर अजय देवगन आओर अक्षय खन्ना बिहार के झांझर गाम आबि खुद मुश्किल मे फंसि जाए छथि. केस उलझि जाएत अछि. एहि मे भ्रष्ट पुलिसवाला परेश रावल झांझर के शूलसेना के हेड सेहो रहैत अछि.

ओ ऑनर किलिंग मे शामिल रहैत अछि. एकर भंडाफोड़ करैत छथीह परेश रावल के पत्नी बिपाशा बसु... जे एकटा सीबीआई अफसर के प्रेमिका रहि चुकल छथीह.

आखिर मे लोक ऑनर किलिंग के खिलाफ एकजुट भ आवाज उठाबय छथिन्ह. फिल्म एतेक नीक विषय के रहैत फ्लॉप रहल. ई त भेल कहानी के बात... मुदा हर खराब बात पर बिहार के जिक्र सं लोक आहत छथिन्ह.

लोक सभ के कहनाए छनि जे बिहार के बेवजह बदनाम कएल जाएत अछि. डायरेक्टर मे हिम्मत छलनि त सीधा हरियाणा... दिल्ली के नाम लेताह. मुदा नाम लेलाह बिहार के.

खाप पंचायत जकां त बिहार मे किछ नहि होएत अछि. फेर बिहार के देखाबय के की जरूरत छल? सभ सं अचरज के गप ई जे पूरा मीडिया बिहारी सं भरल अछि मुदा बिहारी अस्मिता के मुद्दा पर ओ सटैकि जाए छथिन्ह.

बिहारी लोक के दुनिया मे बदनाम करल गेल जखन कि बिहारी लोक शांतिप्रिय होए छथिन्ह. ओ आवाज उठाबय छथिन्ह मुदा कोनो अन्याय के खिलाफ... अत्याचार के खिलाफ.

स्वतंत्रता संग्राम के बात होए आ फेर ओहि सं पहिने सम्राट अशोक... चंद्रगुप्त... आ भगवान बुद्ध आ भगवान महावीर. वैशाली गणतंत्र के जमाना सं बिहार आओर बिहारी लोक के आवाज के बुलंद करय वाला रहल अछि.

एहन मे जे लोक बिहार के बदनाम करय के कोशिश करय छथिन्ह ओ बिहार के नहि जानय छथिन्ह. बिहार के खराब कहय वाला लोक पहिने बिहार आबि देखौं जे बिहार केहन अछि आओर एकर कतेक वैभवशाली इतिहास रहल अछि.

संगे-संग आइओ बिहारी छात्र सभ क्षेत्र मे डंका बजौने अछि. अगर अखनो बिहार सं बाहर रहय वाला सभ बिहारी एकजुट भ जाए त दुनिया बिहार के ताकत देखि सकैत अछि.

एहि मुद्दा पर फेसबुक पर सेहो बहस चलि पड़ल अछि. किछ लोक के कमेंट हम अहांक सामने राखि रहल छी.

भवेश नंदन: 
प्रियदर्शन की फिल्म 'आक्रोश' ऑनर किलिंग पर है.यह मुख्यतः दिल्ली और आस-पास की समस्या है.इसे फिल्म के शुरुआत में कुछ पेपर कटिंग के जरिये 'फैक्ट' के रूप में दिखाया भी गया है.फिर बारी आती है 'फिक्शन' की.जिसमे भाषा और गाड़ियों के नंबर प्लेट से दिखाया जाता है की काल्पनिक जगह 'झांझर' बिहार में हो.'ऑनर किलिंग' की कोई खास घटना न होने पर भी इसे बिहार में ही क्यों दिखाया गया.किसी को कोई हक नहीं की वो बिहार को नीचा दिखाये

Akbar Rizvi :
बिहार की बोली को कॉमिक रूप देना तो फिल्म जगत के लिए आम बात है। लोगों ने तो अब इसका विरोध भी बंद कर दिया है। एक दौर था, जब फिल्मों का नौकर अक्सर भोजपुरी बोलता था या फिर टूटी-फूटी बिहारी हिन्दी। अब बिहार में ऑनर कीलिंग को दिखाने का मक़सद तो यही लगता है कि फिल्म का स्क्रीप्ट लिखने वाले को दिल्ली-हरियाणा के जाटों की भाषा नहीं आती होगी।या फिर वही पुरानी लत । वैसे गाड़ियों का नंबर प्लेट बिहार का दिखाना प्रियदर्शन की मंशा पर सवाल तो खड़े करता ही है।

Sheshnath Mishra : 
iska virodh jaroor kiya jana chahiye......ye film wale bihar ko pata nahin kya samajhte hain....crime aur abyabstha ka icon bana dala hai..,....jara apne gireban men jhank kar to dekh bhai.....
Mritynjoy Thakur:
Film makers are always showing Bihar as crime place... Why Biharis are not reacting on the issue.. We all have to come upfront and react.. The anti Bihar role must have to remove from film Aakrosh..

Santtosh Prasad :  
Bihar mein utna crime nahi hai jitna show kiya jata hai...wahaan ke log aman pasand hote hain....aur Biharwasiyon ko hamesha koshish karte rahna chahiye ji jiss tarah se atit se lekar aajtak duniya ko nayaab cheeze dete hain...aage bhi dete rahein... Kuchh filmmaker hain jo ek-aadh ghatna ko adhaar banakar Bihar ko badnaam karte rahte hain....Bihar se zyada crime Delhi aur aas paas ke jagho mein hai...lekin koshish karni chahiye ki jo bhi aapradh ho rahaa hai Bihar mein usse dur karne mein apna sahyog dein...


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हमर ईमेल:-hellomithilaa@gmail.com

1 टिप्पणी:

  1. ye kam priyedarshan ne kiya hai lekin ye ek baa rnai hua hai jitna bhi abhadrata ho gabarpan ho ye filmi duniyan bale bihar ke naam par hi dikhate hai jabki ye filmi log khud sabse jada abhadra hote hai chahe vo boli ke sandarbh me ho ya kapra ke sandarvh me rhai baat ye to south ke hai jab bihar ke prakash jha or kitne filmkar apne naam or paisa kamane ke khatir na jane kon kon sa film nirman kar is rajya ko badnam karte rhae hai kya kar sakte hai in pe to court me case kar dena chahiya or is film ko kisi bhi haalt me nai chalne dena chahiya .

    Anand jha

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