पार्टी में मौजूद सभ लोक एक-दोसर के मुंह ताकए लगलाह। सभ के चेहरा पर अचरज छल—ई की भ' रहल अछि? खुसुर-पुसुर शुरू भ' गेल। जेठ-पुरान लोक सभ त सोचए लगल—कहां त हवा चलि रहल छल जे श्वेता लेल ई लड़का देखल जा रहल छै, आओर ई त...!
एम्हर अल्का जी के खुशी के ठेकान नै रहल। मुदा जखन हुनका ई भान भेलनि जे ओ पार्टी में छथि, त' अपना के संभारैत, हमरा अपन पांज सं मुक्त करैत श्वेता के कहली—"जानए छी! हितेन कॉलेज के जमाना के हमर बेस्ट फ्रेंड छथि।"
अल्का जी अपन उत्साह मे कहए लगली-"जखन अहांक रिश्ता के गप सुनलौं, त' मोन मे आयल जे शायद ई ओहे हेताह, मुदा सौ प्रतिशत श्योर नै रही। कॉलेज के बाद एकदम सं कटि गेल रही, आओर हम पूछताछो नै कएलौं।"
अल्का हमरा आ श्वेता के पकड़ि राजीव जी लग ल' गेलीह आओर कहलीह- "भैया, जानए छी, हम सभ एके कॉलेज में छलहुं। कॉलेज मे हमर सभक अलगे धाक रहए। आ हिनकर त' पूछबे नै करु-पढ़ाई मे हमर खूब हेल्प करैत छलाह।"
"एकटा आओर गप—लोक सभ गाम-घर सं बाहर निकलि क' अपन मिथिला, अपन लोक के बिसरि जाइत छथिन्ह, मुदा ई एतए मैथिल छात्र सभ के एकजुट रखने छलाह। हम सभ आंखि मुनि क' हिनका पर भरोसा करैत रही। हिनका बिना हमर सभक कोनो काज नै होए छल। पढ़ाई के संग मस्ती सेहो खूब करैत रही। कॉलेजक दिन के बाते किछु आओर होए छै!"
अल्का बोलैत जा रहल छलीह, आ हम सभ सुनि रहल रही। श्वेता अचरज मे कखनो हमरा, त' कखनो अल्का दीदी के देखैत जा रहल छलीह।
एम्हर शेखर लाल के सेहो ओहे हाल—शेखर के नै बुझा रहल छल जे ई अएलाह श्वेता के देखए, आ बीच मे कतए सं बड़ बहिन टपकि अएलीह। अएलीहे नै ओ त' भरि पांजि भरि क अपन खुशी के इजहार सेहो क' देलीह।
शेखर हमरा पकड़ि एक कात ल' गेलाह- "ई की भ' रहल छै... हमरा त' किछु बुझाइए नै रहल अछि।" हम शेखर के हँसैत कहलिए—"पैघ कहानी छै... बाद मे कहब। अखन बस एतेक बुझि ल' जे हम सभ संगे पढ़ैत रही आ ओ हमरा सं प्यार करैत छलीह।"
पार्टी धीरे-धीरे समाप्ति दिस बढ़ल। लोक सभ विदा लेबय लागल। हमहुं राजीव जी सं कहलिए- "आब आज्ञा दी।" ओ पार्टी मे अएबाक लेल आभार प्रकट केलाह। विदा होए सं पहिने एक बेर फेर श्वेता के जन्मदिन के शुभकामना देलौं।
राजीव जी, श्वेता आ अल्का समग हमरा बाहर तक छोड़य अएलाह। अल्का हंसैत पूछली- "यौं, अखनो विआह के लेल मन डोलैत अछि कि नै?"
हम मुस्कियाइत उत्तर देलौं- "ई त' मां-बाबूजी पर निर्भर करैत अछि। ओ जे चाहथिन्ह, सेहे होएत।"
राति के खुशगवार हवा मे, पार्टी के रंग, श्वेता के मुस्कान आ अल्का के अपनापन—सभ किछु मोन मे गड़ि गेल। जिनगी के ई मोड़, जेना नवका कहानी के शुरुआत छल।
एम्हर अल्का जी के खुशी के ठेकान नै रहल। मुदा जखन हुनका ई भान भेलनि जे ओ पार्टी में छथि, त' अपना के संभारैत, हमरा अपन पांज सं मुक्त करैत श्वेता के कहली—"जानए छी! हितेन कॉलेज के जमाना के हमर बेस्ट फ्रेंड छथि।"
अल्का जी अपन उत्साह मे कहए लगली-"जखन अहांक रिश्ता के गप सुनलौं, त' मोन मे आयल जे शायद ई ओहे हेताह, मुदा सौ प्रतिशत श्योर नै रही। कॉलेज के बाद एकदम सं कटि गेल रही, आओर हम पूछताछो नै कएलौं।"
अल्का हमरा आ श्वेता के पकड़ि राजीव जी लग ल' गेलीह आओर कहलीह- "भैया, जानए छी, हम सभ एके कॉलेज में छलहुं। कॉलेज मे हमर सभक अलगे धाक रहए। आ हिनकर त' पूछबे नै करु-पढ़ाई मे हमर खूब हेल्प करैत छलाह।"
"एकटा आओर गप—लोक सभ गाम-घर सं बाहर निकलि क' अपन मिथिला, अपन लोक के बिसरि जाइत छथिन्ह, मुदा ई एतए मैथिल छात्र सभ के एकजुट रखने छलाह। हम सभ आंखि मुनि क' हिनका पर भरोसा करैत रही। हिनका बिना हमर सभक कोनो काज नै होए छल। पढ़ाई के संग मस्ती सेहो खूब करैत रही। कॉलेजक दिन के बाते किछु आओर होए छै!"
अल्का बोलैत जा रहल छलीह, आ हम सभ सुनि रहल रही। श्वेता अचरज मे कखनो हमरा, त' कखनो अल्का दीदी के देखैत जा रहल छलीह।
एम्हर शेखर लाल के सेहो ओहे हाल—शेखर के नै बुझा रहल छल जे ई अएलाह श्वेता के देखए, आ बीच मे कतए सं बड़ बहिन टपकि अएलीह। अएलीहे नै ओ त' भरि पांजि भरि क अपन खुशी के इजहार सेहो क' देलीह।
शेखर हमरा पकड़ि एक कात ल' गेलाह- "ई की भ' रहल छै... हमरा त' किछु बुझाइए नै रहल अछि।" हम शेखर के हँसैत कहलिए—"पैघ कहानी छै... बाद मे कहब। अखन बस एतेक बुझि ल' जे हम सभ संगे पढ़ैत रही आ ओ हमरा सं प्यार करैत छलीह।"
पार्टी धीरे-धीरे समाप्ति दिस बढ़ल। लोक सभ विदा लेबय लागल। हमहुं राजीव जी सं कहलिए- "आब आज्ञा दी।" ओ पार्टी मे अएबाक लेल आभार प्रकट केलाह। विदा होए सं पहिने एक बेर फेर श्वेता के जन्मदिन के शुभकामना देलौं।
राजीव जी, श्वेता आ अल्का समग हमरा बाहर तक छोड़य अएलाह। अल्का हंसैत पूछली- "यौं, अखनो विआह के लेल मन डोलैत अछि कि नै?"
हम मुस्कियाइत उत्तर देलौं- "ई त' मां-बाबूजी पर निर्भर करैत अछि। ओ जे चाहथिन्ह, सेहे होएत।"
राति के खुशगवार हवा मे, पार्टी के रंग, श्वेता के मुस्कान आ अल्का के अपनापन—सभ किछु मोन मे गड़ि गेल। जिनगी के ई मोड़, जेना नवका कहानी के शुरुआत छल।
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