अखन हरिनाथ झा जीक ‘सहज चटकनि के मारि’ सुनि रहल छलौं. बड़ नीक गीत अछि. एकरे संग ‘हे गे भगजोगनि’... ‘दुमका मे झुमका’ ... ‘हे गे गोरिआ तोहर रूप चंदा जकां’ ... ‘हे गे बुधनी माए एकटा बीड़ी दिहे गे’ ... ‘खाके मगहिआ पान यौ पाहुन हमर’ ...सेहो सुनि रहल छलहुं. मुदा मैथिलीक गीत संगीत के बेसि प्रसार नहि होबाक कारणे. कैसेटक... सीडीक सभ दोकान पर नहि मिलबाक कारणे कइटा एहन लोकप्रिय गीत सभ अछि… जे नहि सुनि पाबय छी.
ओना एहि बेर गाम गेल रहौं तं राजनगर सं दस टा मैथिली गीतक एमपी-3 सीडी खरीद कs आनलौं. तखनो अपन मैथिली गीत सुनि मोन नहि भरैत अछि. अहां सभ सं आग्रह जे ई बताबय के कोशिश करु.. कष्ट करु जे अहांक नजर मे मैथिलीक सभसं लोकप्रिय पांचटा गीत कोन-कोन अछि.
एहि सं हमरा तं फायदा होएबे करत... हेलो मिथिलाक पाठक सभ के सेहो नव-नव गीतक बारे मे पता चलतन्हि आओर ओ ओकरा खरीदय... सुनय के कोशिश करथिन्ह. एकरे संग हमर कोशिश ई रहत जे हम ओकरा अपन गीत-संगीत वाला ब्लॉग मस्त गाने पर सेहो डालि दी.
तखन देरी नहि करि जल्दी सं पांच टा अपन पसंदक झमकौआ गीतक नाम लिख का भेज दिअ...कमेंट के जरिए पठा दिअ... आ हमरा hellomithilaa@gmail.com पर पठा दिअ. धन्यवाद.
हमर ईमेल:-hellomithilaa@gmail.com
हितेंद्र जी,
जवाब देंहटाएंई गीत सभ त बड्ड नीक छी. जौं एहि सुमधुर गीता सबहक लिंक दए दितियैक तखन तो सों मे सुगंध भ' जाएत छल. एहि के अलावे, हमारा किछु आओर मैथिली गीत ओतके नीक लागैत अछि,
१. जय-जय भैरवी असुर भयाउनी.....
२. धनि दरभंगा दोहरी अंगा...
३. बदरा उमरि-घुमरि घन गरजे... बुंदिया बरसान लागी न...
४. ब्रहम बाबा हमरा करा दिअ ब्याह.....
५. दुर्र-दुर्र इहो पुरुख अलबत्ते...
सादर,
केशव