अंतर्राष्ट्रीय मैथिली परिषद आओर मिथिला राज्य संघर्ष समिति के ओर सं दिल्ली के जंतर-मंतर पर अलग मिथिला राज्य के लेल धरना देल गेल. धऱना मे मैथिली सभ के संग बीजेपी के पूर्व नेता गोविंदाचार्य सेहो शामिल भेलाह आओर अलग राज्य के समर्थन कएलखिन्ह. अंतर्राष्ट्रीय मैथिली परिषद के प्रवक्ता धनाकर ठाकुर जीक कहनाय छलन्हि जे मिथिलांचलक विकास बिना अलग राज्य के बनले संभव नहि अछि. आओर फेर अलग राज्य के मांग दोसर राज्य के देखैत नहि कएल गेल अछि. मिथिला राज्य के मांग करीब एक सय साल पहिने सं भs रहल अछि. आजादी के बाद सेहो अलग राज्य के मांग होएत रहल. मुदा नेता आओर पार्टी सभ के उदासीनता के कारण एकरा पर ध्यान नहि देल गेल. मिथिला राज्य राजनीति के शिकार बनि गेल.
इलाका के विकास नहि होए के कारण लोक सभ के कमाय-खाय लेल बाहर जाए पड़य छनि. इलाका सं लोक के पलायन भs रहल अछि. बाढ़ि आओर सूखा के समाधान नहि भs पाबि रहल अछि. उद्योग-धंधा चौपट अछि. इंफ्रास्ट्रक्चर पर ध्यान नहि देल जा रहल अछि. एहि कारण मिथिला इलाका दिन पर दिन पिछड़ल जा रहल अछि देश के दोसर इलाका के तुलना मे. पढ़ाई लिखाई से नहि भs रहल अछि. उच्च शिक्षा के लेल लोक के राज्य से बाहर जाए पड़य छनि.
धरना मे खूब भीड़ जुटल. लोक सभ के कहनाय छलनि जे बस आखिरी चोट देबय के जरूरत अछि. एह बेर राज्य नहि बनल त फेर कहिआ बनत तकर ठेकान नहि. ई देश के 5 करोड़ सं बेसि मैथिल लोक के मांग अछि. धरना के डॉ के. एन. झा जी सेहो संबोधित कएखिन्ह. आखिर मे राष्ट्रपति आओर प्रधानमंत्री के ज्ञापन सेहो सौंपल गेल.
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