बिहारक कला-संस्कृति आओर राज्यक बदलल छवि दुनिया केर सामने लाबय लेल बिहार महोत्सवक आयोजन कएल जाएत. शुरू मे बिहार महोत्सवक आजोयन चेन्नई...बंगलौर आओर इलाहाबाद मे कएल जाएत. शुरूआत इलाहाबाद सं होएत. संगम नगरी इलाहाबाद मे 20 सितम्बर के पहिल बिहार महोत्सव होएत. एकरे संग दिल्ली के राजीव गांधी चौक (कनॉट पैलेस)... द्वारका...शाहदरा मे मेट्रो हाट लगायल जाएत. एहि में मिथिला पेंटिंग आओर बिहार में बनय वाला सामान के राखल जाएत. संगहि संग बिहारक कला संस्कृति केर बढ़ावा देबय लेल 6 आओर 7 अक्तूबर के दशहरा महोत्सव के आयोजन कएल जाएत. गीत संगीतक एहि कार्यक्रम में लोक के बिहारक झलक देखय के मिलत. लोक के ई देखय के लेल मिलत कि बिहार सांस्कृतिक रूप सं कतेक समृद्ध अछि. मैथिली... भोजपुरी गीत नाद सं मनोरंजन कएल जाएत. लोक के बिहारक पावनि त्योहार... खेल तमाशा... खनाय पिनाय सं अवगत करायल जाएत. बिहारक भाषाक मिठास सं जुड़य के मौका देल जाएत. एहि दौरान लोक के बिहारक गौरवशाली... प्राचीन इतिहास सं दु चारि होबक अवसर सेहो मिलत. अगर सरकार बिहार महोत्सव के दौरान बिहारक बदलल छवि के बेहतर ढंग सं पेश करि सकल तs ई राज्य केर लेल नहिं बल्कि राज्य सं बाहर रहय वाला बिहारी सभ केर लेल एकटा नीक गप्प होएत. बिहार के लs क अखनो लोक सभ में बड़ गलतफहमी अछि. लोक गलत धारणा बना लेने अछि. बिहारक गलत छवि पेश कएल गेल अछि. बिहार सं बाहर बिहारी संबोधन गारि जकां देल जाएत अछि. ऐ बिहारी... अबे ओ बिहारी... भइया कहि कs बुलाबल जाएत अछि. भs सकैत अछि एहि प्रयास सं ओहि छवि में बदलाव आबय ...लोक सभ के बिहारक नीक छवि देखय लेल मिलय आओर लोकक धारणा बदलय इहे कामना कएल जा सकय अ.
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