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आबि गेल सावन...

सावन आबि गेल. सावन आबय के संग कांवड़ ल s क बाबाधाम जनाय सेहो शुरू भs गेल अछि. बोल बम के नारा अछि... बाबा एकटा सहारा अछि.... आओर बोल बम- बोल बम बोलैत लोक सुल्तानगंज सं जल भरि बाबाधाम के लेल निकलि पड़लाह अछि. सुल्तानगंज सं लsक बाबाधाम देवघर रावणेश्वर महादेव तक 105 किलोमीटर के रास्ता केसरिया... भगवा रंग में रंगि जाएत अछि. आन दिन त लोक बस... गाड़ी सं बाबाधाम चलि जाइत छथि मुदा भरि सावन लोकक कोशिश पैदल कांवड़ ल जाइ के रहैय छन्हि. भरि सावन बिहार... उत्तर प्रदेश... बंगाल...असम... नेपाल के संग दोसरो ठाम सं लोक आबि बाबा के दर्शन करैत छथि. सुल्तानगंज में उत्तरवाहिनी गंगा में नहाकए पूजा पाठ कS जल भरि नंगे पैर बोल बम- बोल बम बोलैत बाबा धाम लेल विदा होएत छथि. सुल्तानपुर में बाबा अजगैबीनाथ के दर्शन सेहो करय छथि ई मंदिर बीच गंगा में अछि आ नाव सं जाsक दर्शन करय पड़ैत अछि. सुल्तानगंज सं भगवा...केसरिया कपड़ा पहिन लोक कांवड़ लए चलैत छथि. एहि 105 किलोमीटर के यात्रा कई तरहे होएत अछि. कइटा लोक भरि रास्ता डंडवत करैत चलय छथि. हुनका बाबाधाम पहुंचय में बीस दिन सं मास दिन तक लगि जाइत छनि. जखन कि डाकबम के दौड़ैत -दौड़ैत चौबीस घंटा के भीतर जल धारय के रहय छनि. ओना पैदल चलय वाला में लोक अपन सामर्थ्य के अनुसार दु...तीन... चारि दिन में बाबा धाम पहुंचय छथि. यात्रा के बीच सभ तरहक साफ-सफाई पर विशेष ध्यान राखय पड़ैत अछि. मन भक्ति भाव सं भरि यात्रा करय पड़ैत अछि. दर-दुनिया भूलि... सभ किछ बिसरि बस बाबा के याद करैत...बोलबम...बोलबम बोलैत चलैत रहुं. बाबाधाम पहुंचि बाबा के दर्शन करू. बाबा पर जल धारु. सभ चिंता ...फिकिर सं मुक्त भs जाउ. भरि सावन रोज सत्तर...अस्सी हजार लोक बाबा भोलेनाथ के दर्शन करय छथिन्ह. सोमवार के तs लाख...सवा लाख तक चलि जाइत अछि. आखिरी सोमवारी के तs तीन...चारि लाख धरि लोक पहुंचय छथिन्ह जल धारय लेल. बाबाधाम में सांझक श्रृंगार देखय वाला होइत अछि. बड़ नीक दृश्य होएत अछि ओकर. हमर घर के त सं सभ गोटे कइ बेर बाबाधाम गेल छथिन्ह. हम एके बेर गेल छी जखन मिडिल स्कूल में छलहुं. गांव सं एकटा बस रिजर्व कएल गेल छल. तीस...चालीस टा लोक छलहुं. बड़ नीक लागल. एकटा स्वर्गीक आनंद छल. मन करैत छल जे सालों भर एहन यात्रा होएत रहत त कतैक नीक रहत. हम अपना बारे में एकटा गप्प आओर सुनाबैत छी जे सुल्तानगंज सं जल भरि चलला के बाद बाबाधाम धरि हम केवल रसगुल्ला खा रहलौं. हमर नाम रसगुल्ला बन राखि देल गेल रहय ओहि समय. बच्चा में तs ओकर आनंद जे मिलल से कहल नहिं जा सकैत अछि. रास्ता में धर्मशाला में रुकनाय... भरि रास्ता सत्संग... प्रवचन... धर्मक बात...नैतिकताक गप्प. बड़ असर पड़ैत अछि नैतिक शिक्षा के. कोनो सभ्य समाज... शांतिपूर्ण समाज के लेल माता -पिता... बड़ लोकक ज्ञानक बात बड़ असर करय छै. आधुनिकता के दौर में नैतिक शिक्षा के कमी शुरू में नहिं लोकक के उम्र भेला पर जरूर खटकैत अछि. खैर छोडुं एहि गप्प के. बाबाधाम के पेड़ा बड़ स्वादिष्ट होएत अछि. मन करैत अछि खाइते रहि. केतबो खाउ मन नहिं भरत. एहि ठामक मकुरदाना... पेड़ा के प्रसाद के कोनो जवाब नहिं अछि. बाबाधाम सं बद्धि... प्रसाद... सिंदुर लाबि पूरा गाम... रिश्तेदारी में बांटल जाइत अछि. आई काल्हि लोकक के कामकाज में व्यस्त रहला के कारणे समय नहिं मिलैत छनि. मुदा समय मिलय त एक बेर पैदल एहि यात्रा पर जरूर जाउ. सब किछ भूलि... कामकाज घरे पर छोड़ि जाएब त बेसि आनंद आएत. भरि रास्ता हरियाली... केसरिया... भगवा रंग में रंगल गाम घर... रास्ता... लोकक मजा लिअ. मस्ती में डूबि जाउ. लागत सभ किछ एहिठाम छै. मुदा एहि के लेल अहां के... अपना के वर्तमान में राखय पड़त. ई नहिं के अपने कांवड़ ल चलि रहल छी आओर ध्यान घर पर आ दोसर ठाम अछि.
19 जुलाई सं 18 अगस्त मास धरि चलय वाला एहि श्रावणी मेला के लेल सरकार के तरफ सं सेहो खूब तैयारी रहय छै मुदा कहल जा रहल छै जे एहि बेर आन सालक हिसाब सं सुविधा कम छै. सुल्तानगंज सं बाबाधाम तक रास्ता में रहय... बैसय..खाय पिबय... शौचालय...चिकित्सा के व्यवस्था दुरुस्त नहिं अछि. एहि गर्मी में लोकक लेल पानि के जे इंतजाम छै ओकरा अहां समुचित नहिं सकैत छी. लोक के पानि खरीद के पिबय पड़ि रहल अछि. एहि बेर गर्मी सेहो किछ बेसि अछि. उम्मीद करु जे सावन में मेघ बरसय. आओर जंs मेघ बरसि गेल तं फेर कोन चिंता... मेघक झूमति बौछार के बीच झूमति चलु. तं देर कोन बात केर निकलि चलुं बाबा के दर्शन करय लेल.

3 टिप्‍पणियां:

  1. हीतेन्द्रजी,
    साओन कऽ बात तहू मऽ बाबाधाम कावँर लय के जेबाक चर्चा कय अहाँ तऽ जेबाक हेतु उत्सुक कय देलहु मुदा शोधकार्य अनुमति नहि देलक।
    ब्लाग श्लाघार्ह अछि।
    मैथिली गीतक link हो त मेल करब।
    बिपिन

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  2. विपिनजी,
    हितेन्द्रजी तँ झुमबैत रहथि छथि, मिथिलाक कोनो महत्त्वपूर्ण घटना हिनकासँ नञि छुटैत छन्हि।
    मैथिली गीतक डाउनलोड साइट अछि,

    http://music.cooltoad.com/music/

    एहि एडरेस पर गेलाक बाद नीचाँमे वर्ल्ड आयत ओकरा क्लिक करबैक तँ आन भाषाक संग मैथिली आयत। 100 सँ ऊपर नीक मथिली गीत,विद्यापति गीत आदि ओतए भेटत।
    গজেন্দ্র ঠাকুব
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