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मैथिलीक अपन गौरवपूर्ण इतिहास आओर समृद्ध साहित्य रहल अछि...अष्टम अनुसूची में एकरा स्थान मिल चुकल अछि। सरस आ मधुर मैथिलीक लेल सैकड़ों साल पहिने विद्यापति कहने छलथिन्ह देसिल बयना सभ जन मिट्ठा...मैथिलीक मिठास, भाषाक लोच अद्भुत अछि...लालू यादव के मुख्यमंत्री बनला के बाद सं मैथिली मातृभाषा के रूप में सिलेबस सं हटा लेल गेल...आब त मैट्रिक या कॉलेज में विद्यार्थी सभ तं मात्र ५०...१०० नंबर लेल एकरा एकटा विषयक रूपे रखि लैत छथि।
ओना अगर कॉलेज, विश्वविद्यालय में पढ़ाई के रूप में देखल जाय त मैथिलीक पढ़ाई सभस पहिने कलकत्ता विश्वविद्यालय में १९१७-१९१८ में शुरू भेल....१९२५-२६ में बनारस में शुरू भेल...पटना विश्वविद्यालय में सेहो १९३७-३८ में मैथिलीक पढ़ाई शुरू कएल गेल... १९७२ में दरभंगा में ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय बनला के बाद एहिठाम सेहो एकर पढ़ाई शुरू भेल...एखन बिहार झारखंड के सभ विश्वविद्यालय में मैथिलीक पढ़ाई भ रहल अछि...मिथिलाक संगहि मैथिलीक पढ़ाई नेपाल के त्रिभुवन विश्वविद्यालय में होयत अछि.....बांग्लादेश के ढ़ाका विश्वविद्यालय में कवि कोकिल विद्यापति एकटा विषयक रूप में पढायल जाइत अछि...जकरा लेल मैथिली भाषाक ज्ञान जरूरी अछि...इंदिरा गांधी मुक्त विश्वविद्यालय में मैथिलीक पढ़ाई शुरू करबाक लेल प्रस्ताव भेजल सेहो गेल अछि।
मुदा मैथिलीक प्रचार प्रसार के लेल मिथिलाक लेल संघर्ष करय वाला लोक सभ के ई बात पर ध्यान देबय पड़त कि मिथिलांचल में दोकानक, ऑफिसक बोर्ड, प्रचारक बैनर होर्डिंग मैथिली में होय एकर कोशिश कएल जाय...एहन कोशिश कएल जाय जे मैथिली भाषा में बेसी सं बेसी किताब सभ मार्केट में आसानी में उपलब्ध भ सकय.गीत-नादक कार्यक्रम बेसी सं बेसी भ सकय त आओर नीक.
मैं हिन्दी की बोलियों के अन्तरजाल स्थित शब्दकोश तथा मुहावरा-कोश, लोकोक्ति-कोश आदि संग्रह कर रहा हूँ। यदि आपको कुछ (विशेष रूप से मैथिली के बारे में) जानकारी हो तो बताने का कष्ट करें।
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