बिहार मे कन्ट्रैक्ट पर भ रहल टीचरक भर्ती के खामी के अहसास आब सरकार के होबए लागल अछि.
बिहार मे छह हजार...सात हजार...आठ हजार रुपया महीना पर टीचरक भर्ती कएल गेल. अनट्रेंड टीचर के कारण पढ़ाई के स्तर गिरैत गेल.
एकहिं स्कूल मे एकहिं क्लास के लेल एकटा मास्टर के 25 हजार टका मिलैत अछि आ दोसर
के छह-सात हजार. एहि सं छह-सात हजार टका पाबए वाला टीचर के मानसिकता पर केहन असर पड़ैत होएत से सोचि सकैत छी.
बस मारल मोन सं केहुना क्लास ल अपन ड्यूटी निभा दै छथिन्ह. कतेक मास्टरजी एहन छथिन्ह जिनका छात्र...विद्यार्थी सभ के केना हेंडल कएल जाए तकर कनिओ ज्ञान नहि छनि. नहि हुनका नीक सं पढ़ाबए आबैए छनि न ओ नीक सं बच्चा के जिज्ञासा के शांत करि पाबए छथिन्ह.
बच्चा जखन कोनो सवाल पूछि देलक तं डांटि क भगा दै छथिन्ह जे जो बुड़बक एतबो नहि आबए छौ... एकदम सं मूर्ख छे तो. तोरा किछ नहि आबए छौ. दस तरहे डांटि-फटकारि दै छथिन्ह जे आगां से दोसर सवाल पूछय के हिम्मते नहि रहय.
आओर बचपन मे... नेना भुटका के लेल पढ़ाई से बेसि इंटरेस्ट खेलकूद मे रहैत अछि. मास्टरजी जतेक कम पढौलाह ओतेक मस्ती. एहन मे बच्चा के नींव कमजोर भ जाएत अछि.
एहि सभ सं बिहार मे प्राइमरी शिक्षाके एक तरहे सत्यानाश भ गेल अछि. सरकारी स्कूल मे पढ़ाई आब पढ़ाई नहि रहि एक तरहे खेल भ गेल अछि.
बिहार मे लोक आब सरकारी स्कूल छोड़ि प्राइवेट स्कूल मे... पब्लिक स्कूल मे अपन बच्चा के भेज रहल छथिन्ह. पाई वाला लोक तं दिल्ली...देहरादून... नैनीताल आ दोसर ठाम भेज रहल छथिन्ह.
आम लोक के बात कs सत्ता मे आबए वाला नेता... आम लोक के हित पर ध्यान नहि दैत अछि.
मुदा आब लगैत अछि सरकार के एकर भान भ रहल अछि. सरकार के लगि रहल अछि जे टीचर ट्रैनिंग नहि होए के कारण पढ़ाई चौपट भ रहल अछि.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जीके के कहनाए छनि जे राज्य मे टीचर ट्रेनिंग कार्यक्रम चलाबय के लेल ओ विश्व बैंक सं मदद लेत. एहि सं बिहार मे ट्रेंड टीचर के कमी दूर भ सकत.
बिहार मे अखनो कइटा गाम बिना स्कूल के अछि आओर नवका पुरनका स्कूल के लेल सरकारके लाखों मास्टर जीक जरूरत अछि. एहन मे मास्टर जीके ट्रेंड करय लेल पैघ स्तर पर कार्यक्रम चलाबय के जरूरत पड़त.
बिहारक शिक्षा व्यवस्था पर अहांक कि कहनाए अछि? कि सभ करय के जरूरत अछि? पढ़ाई-लिखाई के माहौल केना सुधैरि सकैत अछि?
अहांक राय केर इंतजार मे. निचा देल गेल कमेंट के क्लिक करि अपन राय लिखु.
बिहार मे छह हजार...सात हजार...आठ हजार रुपया महीना पर टीचरक भर्ती कएल गेल. अनट्रेंड टीचर के कारण पढ़ाई के स्तर गिरैत गेल.
एकहिं स्कूल मे एकहिं क्लास के लेल एकटा मास्टर के 25 हजार टका मिलैत अछि आ दोसर
के छह-सात हजार. एहि सं छह-सात हजार टका पाबए वाला टीचर के मानसिकता पर केहन असर पड़ैत होएत से सोचि सकैत छी.
बस मारल मोन सं केहुना क्लास ल अपन ड्यूटी निभा दै छथिन्ह. कतेक मास्टरजी एहन छथिन्ह जिनका छात्र...विद्यार्थी सभ के केना हेंडल कएल जाए तकर कनिओ ज्ञान नहि छनि. नहि हुनका नीक सं पढ़ाबए आबैए छनि न ओ नीक सं बच्चा के जिज्ञासा के शांत करि पाबए छथिन्ह.
बच्चा जखन कोनो सवाल पूछि देलक तं डांटि क भगा दै छथिन्ह जे जो बुड़बक एतबो नहि आबए छौ... एकदम सं मूर्ख छे तो. तोरा किछ नहि आबए छौ. दस तरहे डांटि-फटकारि दै छथिन्ह जे आगां से दोसर सवाल पूछय के हिम्मते नहि रहय.
आओर बचपन मे... नेना भुटका के लेल पढ़ाई से बेसि इंटरेस्ट खेलकूद मे रहैत अछि. मास्टरजी जतेक कम पढौलाह ओतेक मस्ती. एहन मे बच्चा के नींव कमजोर भ जाएत अछि.
एहि सभ सं बिहार मे प्राइमरी शिक्षाके एक तरहे सत्यानाश भ गेल अछि. सरकारी स्कूल मे पढ़ाई आब पढ़ाई नहि रहि एक तरहे खेल भ गेल अछि.
बिहार मे लोक आब सरकारी स्कूल छोड़ि प्राइवेट स्कूल मे... पब्लिक स्कूल मे अपन बच्चा के भेज रहल छथिन्ह. पाई वाला लोक तं दिल्ली...देहरादून... नैनीताल आ दोसर ठाम भेज रहल छथिन्ह.
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मुदा आब लगैत अछि सरकार के एकर भान भ रहल अछि. सरकार के लगि रहल अछि जे टीचर ट्रैनिंग नहि होए के कारण पढ़ाई चौपट भ रहल अछि.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जीके के कहनाए छनि जे राज्य मे टीचर ट्रेनिंग कार्यक्रम चलाबय के लेल ओ विश्व बैंक सं मदद लेत. एहि सं बिहार मे ट्रेंड टीचर के कमी दूर भ सकत.
बिहार मे अखनो कइटा गाम बिना स्कूल के अछि आओर नवका पुरनका स्कूल के लेल सरकारके लाखों मास्टर जीक जरूरत अछि. एहन मे मास्टर जीके ट्रेंड करय लेल पैघ स्तर पर कार्यक्रम चलाबय के जरूरत पड़त.
बिहारक शिक्षा व्यवस्था पर अहांक कि कहनाए अछि? कि सभ करय के जरूरत अछि? पढ़ाई-लिखाई के माहौल केना सुधैरि सकैत अछि?
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