बिहार के हरा-भरा करय के कोशिश मे राज्य भर मे 25 करोड़ पौधा लगाएल जाएत. बिहार मे ई पौधा हरियाली मिशन के तहत लगाएल जाएत.
एहि के लेल बिहार वन आओर पर्यावरण विभाग के तरफ सं हरियाली मिशन बनाएल गेल अछि.
बिहार मे अखन जतेक वन क्षेत्र होबाक चाही ओकर करीब
आधा अछि. बिहार मे खेत बेसि आ पेड़-पौधा कम अछि. खेत मे परती जमीन बेसि रहैत अछि.
कम पेड़-पौधा होए के कारण ग्लोबल वार्मिंग के असर दिन पर दिन बढ़ि रहल अछि.
आब सरकार एकटा अभियान चला ई पौधा लगाएत. 25 करोड़ पौधा मे करीब दस करोड़ वन क्षेत्र मे आ बाकी गाम-घर आ खेत-दलान आ रोड कात मे लगाऔल जाएत.
बांध के काते-कात सेहो लगाओल जाएत. गाम-घर के आसपास फल वाला पौधा लगाऔल जाएत जखन कि बांधक कात आ बांध पर बांसक पौधा आ दोसर ठाम शीशम, जामुन, महोगनी के संग दोसर पौधा लगाऔल जाएत.
ई पौधा जखन पैघ गाछ भ जाएत तं सड़क कात...बांधक कात छाहैर के काज करत... फलक मौसम मे फल सेहो देत. मौसम नीक रहत. लोक के बेसि मात्रा मे ऑक्सीजन सेहो मिलत. चूंकि अपन बिहार बाढ़ि वाला इलाका अछि तं बाढ़िक समय जमीन के क्षय कम होएत. उपजाउ माइट बहिsक नहि जाएत. भूमि के कटाव कम होएत.
लोक सभ के सरकार के एहि अभियान मे मदद करबाक चाही. सरकार नहि लोक के खुद सेहो अपन गाम-घर के हरा-भरा करय मे योगदान देबाक चाही. खुद आम-लताम, लीची, बरहर, कदम्ब, जामुन, बेल, शीशम के संग-संग पीपल के गाछ लगएबाक चाही. फल के संग लकड़ी सेहो मिलत.
जरूरत के समय मे अहां चाही तं गाछ बेचिsक दस काज क सकय छी.
एकटा गाम मे तं जखन कोनो लड़की के जन्म होएत अछि तं लोक दसटा आमक गाछ लगाबए छथिन्ह आ जखन ओ लड़की विवाह लायक होए छथीह तखन धरि ओ गाछ एतेक पाए देबय लायक भ जाएत अछि जेहि सं ओहि लड़की के शादी आराम सं भ सकय.
अहां सभ सेहो एहि तरीका के अपना सकय छी. अगर अहां ओहिठाम बेसि खर्च आबैत अछि विवाह समारोह मे तं दसटा के जगह किछ बेसि गाछ लगा सकय छी.
तखन इंतजार नहि करु... एहि बरसात मे किछ गाछ लगा दिअ.
एहि के लेल बिहार वन आओर पर्यावरण विभाग के तरफ सं हरियाली मिशन बनाएल गेल अछि.
बिहार मे अखन जतेक वन क्षेत्र होबाक चाही ओकर करीब
आधा अछि. बिहार मे खेत बेसि आ पेड़-पौधा कम अछि. खेत मे परती जमीन बेसि रहैत अछि.
कम पेड़-पौधा होए के कारण ग्लोबल वार्मिंग के असर दिन पर दिन बढ़ि रहल अछि.
आब सरकार एकटा अभियान चला ई पौधा लगाएत. 25 करोड़ पौधा मे करीब दस करोड़ वन क्षेत्र मे आ बाकी गाम-घर आ खेत-दलान आ रोड कात मे लगाऔल जाएत.
बांध के काते-कात सेहो लगाओल जाएत. गाम-घर के आसपास फल वाला पौधा लगाऔल जाएत जखन कि बांधक कात आ बांध पर बांसक पौधा आ दोसर ठाम शीशम, जामुन, महोगनी के संग दोसर पौधा लगाऔल जाएत.
ई पौधा जखन पैघ गाछ भ जाएत तं सड़क कात...बांधक कात छाहैर के काज करत... फलक मौसम मे फल सेहो देत. मौसम नीक रहत. लोक के बेसि मात्रा मे ऑक्सीजन सेहो मिलत. चूंकि अपन बिहार बाढ़ि वाला इलाका अछि तं बाढ़िक समय जमीन के क्षय कम होएत. उपजाउ माइट बहिsक नहि जाएत. भूमि के कटाव कम होएत.
लोक सभ के सरकार के एहि अभियान मे मदद करबाक चाही. सरकार नहि लोक के खुद सेहो अपन गाम-घर के हरा-भरा करय मे योगदान देबाक चाही. खुद आम-लताम, लीची, बरहर, कदम्ब, जामुन, बेल, शीशम के संग-संग पीपल के गाछ लगएबाक चाही. फल के संग लकड़ी सेहो मिलत.
जरूरत के समय मे अहां चाही तं गाछ बेचिsक दस काज क सकय छी.
एकटा गाम मे तं जखन कोनो लड़की के जन्म होएत अछि तं लोक दसटा आमक गाछ लगाबए छथिन्ह आ जखन ओ लड़की विवाह लायक होए छथीह तखन धरि ओ गाछ एतेक पाए देबय लायक भ जाएत अछि जेहि सं ओहि लड़की के शादी आराम सं भ सकय.
अहां सभ सेहो एहि तरीका के अपना सकय छी. अगर अहां ओहिठाम बेसि खर्च आबैत अछि विवाह समारोह मे तं दसटा के जगह किछ बेसि गाछ लगा सकय छी.
तखन इंतजार नहि करु... एहि बरसात मे किछ गाछ लगा दिअ.
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