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पुरस्कार

मरा इ सूचित करैत अपार हर्ख भए रहल अछि जे मैथिलीक एक मात्र गजलक ब्लाग " अनचिन्हार आखर"http://anchinharakharkolkata.blogspot.com/ नव शाइर के प्रोत्साहित आ पुरान शाइरक निन्न तोड़बाक लेल एकटा तुच्छ मुदा भावना सँ ओत-प्रोत पुरस्कार अहाँ लोकनिक माँझ लाबि रहल अछि जकर नाम "गजल कमला-कोशी-बागमती-महानंदा" रखबाक नेआर
अछि।

इ पुरस्कार दू चरण मे पूरा कएल जाएत जकर विवरण एना अछि--------

पहिल चरण-----------हरेक मास मे प्रकाशित गजल, रुबाइ, कता, फर्द, समीक्षा, आलोचना, समालोचना, इतिहास ( गजल, रुबाइ, कता, फर्द आदिक) मे सँ एकटा रचना चूनल जाएत जे सालक बारहो मास चलत (साल मने १ जनवरी सँ ३१ दिसम्बर)

एहि तरहें चयन कर्ता लग अंतिम रूप सँ बारह रचना प्राप्त हेतन्हि।

दोसर चरण------ चयनकर्ता अंतिम रुप सँ मे प्राप्त रचना के ओकर भाव, व्याकरण आदिक आधार पर एकटा रचना चुनताह, जे अंतिम रुप सँ मान्य हएत आ ओकरे इ पुरस्कार देल जाएत।
रचना चुनबाक नियम-------------
) रचना अनिवार्य रुपें "अनचिन्हार आखर" http://anchinharakharkolkata.blogspot.com/पर प्रकाशित होएबाक चाही। जँ कोनो रचनाकारक रचना अन्य द्वारा प्रस्तुत कएल गेल छैक सेहो मान्य हएत।
) रचना मौलिक होएबाक चाही। जँ कोनो रचनाक अमौलिकता पुरस्कार प्राप्त भेलाक बाद प्रमाणित हएत तँ रचनाकार सँ अबिलंब पुरस्कार आपस लए लेल जाएत आ भविष्य मे एहन घटना के रोकबाक लेल " अनचिन्हार आखर" कानूनी कारवाइ सेहो कए सकैत अछि।
) रचना चयन प्रकिया के चुनौती नहि देल जा सकैए।
) एहन रचनाकार जे मैथिलीक रचना के अन्य भाषाक संग घोर-मठ्ठा कए लिखैत छथि से एहि पुरस्कारक लेल सवर्था अयोग्य छथि, हँ ओहन रचनाकार जे मैथिली आ अन्य भाषा मे फराक-फराक लिखैत छथि तिनकर रचना के पुरस्कार देल जा सकैए, बशर्ते कि ओ अन्य पात्रता रखैत होथि।
) पहिल चरणक प्रकिया हरेक मासक ५ सँ १० तारीखके बीच आ दोसर चरण हरेक तिला-संक्रान्ति के पूरा कएल जाएत।
) एहि पुरस्कारक चयन पूर्णतः आन-लाइन होएत ।
) रचनाकार कोनो देशक नागरिक भए सकैत छथि।
) " अनचिन्हार आखर"क संस्थापक एहि पुरस्कार मे भाग नहि लए सकैत छथि।
) पुरस्कार राशिक घोषणा बाद मे कएल जाएत।

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