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नेताजी चललाह पटना...

विधानसभा चुनाव केर घोषणा होएतहि राज्य भरि मे चहल-पहल शुरू भ गेल अछि. एकदम शादी-विवाह जकां तैयारी भ रहल अछि. चुनाव के लेल नेताजी सं लsक पार्टी कार्यकर्ता तक...सभ जोर-शोर सं जुटि गेलखिन्ह ताल ठोकि क.

चुनाव के मैदान मे कूदय सं पहिने सभ गोटे के ध्यान कोनो तरहे टिकट जोगाड़ करय पर छनि. टिकट के लेल जतेक सम्पर्क साधय के जरूरत भ रहल छनि जोड़ि रहल छथिन्ह. कोनो कसर छोड़ि नहि रहल छथिन्ह.

पेटी मे चपतल राखल खादीक धोती-कुर्ता-पायजामा-गमछा आओर टोपी निकलि गेल अछि. नील-टिनोपाल आओर आयरन सं चमका देने छथिन्ह. खादी दोकान सं नवका–नवका धोती-कुर्ता-पायजामा-गमछा आओर टोपी खरीद सेहो रहल छथिन्ह.

चुनाव के कारण खादी के कपड़ा के एतेक मांग बढ़ि गेल अछि जे खादी ग्रामोद्योग के बाहर सं सेहो कपड़ा मंगाबय पड़ि रहल अछि. नेताजी अपनहि लेल नहि अपन आगां-पाछां रहय वाला कार्यकर्ता सभक लेल सेहो कपड़ा खरीद आ बनबा रहल छथिन्ह.
चुनाव अएला सं नेताजी क व्यवहार...बर्ताव मे सेहो काफी परिवर्तन आएल छनि. चेहरा पर एकटा अलगे मुस्कान आबि गेल छनि. सभ लोक सं मुस्कुरा क बात करय छथिन्ह. हाल-चाल पूछय छथिन्ह...कष्ट-परेशानी के बात करय छथिन्ह.

नेताजीक अखन एकसूत्री लक्ष्य टिकट के जोगाड़ छनि. एहि के लेल नेताजी सभ पटना मे डेरा जमौने छथिन्ह. टिकट के लेल सभ लिंक भिरौने छथिन्ह. पटना के त एहन हाल जे एकोटा होटल मे कमरा नहि मिल रहल अछि.

पटना के सभ होटल...धर्मशाला...गेस्टहाउस फुल चलि रहल अछि. जकर भाड़ा सय रुपया दिन छल ओ पांच सय... हजार रुपया दिन पर मिल जाय त अपना के खुशकिस्मत समझु. बेसि पैसा पाबय के लेल किछ कमरा रिजर्व सेहो राखि लेने अछि.

कमरा नहि मिलला पर अपन इलाका के लोक सभ के पास सेहो डेरा जमा देने छथिन्ह नेताजी. पूरा पटना राज्य भर के पार्टी कार्यकर्ता सभ सं भरि गेल अछि. लागत जेना पटना मे नेताजी छोड़ि दोसर लोक रहते नहि छथिन्ह.

चुनाव के घोषणा के संग आम लोक के सेहो पैसा कमाई के मौका मिल गेल छनि. कई ठाम पढ़ल-लिखल लोक सभ बॉयोडाटा बनाबय के काज शुरू करि देने छथिन्ह. ओ नेताजी सभ के बॉयोडाटा के चमका दय हुनका खुश करि दय छथिन्ह.

पटना मे बीजेपी के कार्यालय मे जाउ आ जेडीयू...आरजेडी आ एलजेपी के...सभ ठाम टिकट चाहय वाला नेताजी सभ के रेला लागल छनि. एहि मे कतेक अहां के एहन नेताजी सेहो मिलि जएताह जिनका राजनीति सं कोनो पाला नहि छनि.

कतेक लोक त इलाका मे नाम होए... लोक जानय-पहचानय एहि लेल चुनाव लड़य चाहय छथिन्ह. हुनका ई फर्क नहि पड़य छनि जे टिकट बीएसपी सं मिलय आ एनसीपी सं आ फेर शिवसेना सं. बस केहुना टिकट मिलबाक चाही.

किछ नेताजी त बस एहि चाह मे छथिन्ह कि एक बेर टिकट मिल जाए त जिनगी सुधरि जाएत. एहि के लेल ओ खर्च करय सं पाछां सेहो नहि हटि रहल छथिन्ह. बस टिकट मिल जाए.., खर्च त अपने –आप ऊपर भ जाएत.
टिकट के लाइन मे फुलटाइम नेताजी सभ सेहो छथिन्ह. ओ अपन काम-काज के ब्योरा सेहो द रहल छथिन्ह. हुनका संग आएल इलाका के लोक सभ पार्टी के बड़का नेता के ई बताबय के कोशिश करय छथिन्ह जे हिनका टिकट मिलनाय कतेक जरूरी अछि.

जे होए पार्टी के तरफ सं लिस्ट जारी होए तक नेताजी अपन पूरा जोर लगौने छथिन्ह. जे ई ठानि क आएल छथिन्ह कि चुनाव त लड़बे करब चाहे टिकट मिलय आ नहि. ओ त दस ठाम अपन जोगाड़ लगौने छथिन्ह. नहि त स्वतंत्र उम्मीदवारी त अछिए.

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