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सुधा के कामयाबी के कहानी...

आई पेड़ा खाय काल एकाएक सुधा पेड़ा के याद आबि गेल. बिहार सं बाहर सुधा पेड़ा बड़ याद आबैत अछि. ओहन पेड़ा बीच मे इस्कॉन मंदिर के गोविंदा रेस्त्रां मे मिलैत छल मुदा किछ दिन सं ओ बंद अछि. बिहार मे तं एहन हाल अछि जे लोक आब दूध के संग-संग पेड़ा... गुलाब जामुन... रसगुल्ला... आइस-क्रीम... लस्सी... मिस्टी दही... पनीर आओर कलाकन्द जकां कतेक चीज के लेल पूरा के पूरा सुधा पर निर्भर छथिन्ह.

सुधा के सामान शुद्ध आओर स्वादिष्ट के संग नीक क्वॉलिटी वाला रहैत अछि. बिहार मे आई एहन हाल अछि जे सुधा हर घर के लेल जानल-पहचानल नाम बनि गेल अछि. दूध आओर दूध के उत्पाद के लेल तं अहां कहि सकय छी लोक सुधा के आसरे छथिन्ह. सुधा ब्रांड एतेक मजबूत भs गेल अछि कि एकरा ISO 9001: 2000 आओर ISO 15000 के सर्टिफिकेट तक मिलल अछि.

सुधा डेयरी असल मे बिहारक सहकारी दुग्ध उत्पादक संघ... कॉम्फेड के अंग अछि. आओर ई अमूल... मदर डेयरी सं टक्कर ल रहल अछि. सुधा डेयरी के दूध दिल्ली...कोलकाता आओर गुवाहाटी तक भेजल जाएत अछि. आब तं नेपाल सेहो भेजल जाएत. नेपाल डेयरी के संग भेल समझौता के मुताबिक रोज 50 हजार लीटर दूध नेपाल भेजल जाएत. दिल्ली...कोलकाता के जगह नेपाल दूध भेजनाय आसान रहत. किएक त ई बेसि करीब अछि.

ऑपरेशन फ्लड कार्यक्रम के छोट स्तर पर 1972 मे शुरू भेल ई अभियान 1983 मे कॉपरेटिव के रूप लs सुधा डेयरी के रूप मे गाम-गाम मे पहुंचनाय शुरू करि देलक. सहकारी दुग्ध उत्पादक संघ के पहल सं गाम-घर के लोक के लेल रोजगार के एकटा नवका रास्ता खुलल. एकर फायदा आई राज्य के लाखों लोक के मिल रहल अछि. बिहार मे जतय रोजगार के साधन कम अछि...एकरा एकटा वरदान जकां कहि सकय छी.

किएक त हमरा याद अछि 1990-91 सं पहिने जखन गाम मे पढ़य छलहुं तखन पावनि-त्योहार मे दूध के भयंकर कमी भ जाएत छल. दूघ वाला के हफ्ता दस दिन पहिने कहलौं पर कई बेर पूरा दूध नहि मिलैत छल. आओर क्वॉलिटी के तं बाते छोड़ु. गाम-घर मे ई हाल छल...शहर के तं बाते छोडुं. मुदा सुधा के अएला सं ई सभ दूर भेल अछि. आब तं गाम-घर मे दूध वाला के छोड़ि सुधा के गाड़ी के इंतजार होएत अछि.

सुधा डेयरी वाला ऐना करने अछि जे हर कमिश्नरी...जिला मे अपन यूनिट बनौने अछि. ओहि ठामक किसान... गाय...महीस पालय वाला सं सुधा डेयरी के लोक दूध ल जाए छथिन्ह ओकरा सभ के क्वॉलिटी के ध्यान मे राखैत पॉलीपैक दूध आओर दूध सं बनल सामान के वितरण राज्य घर मे कएल जाएत अछि. कही सकय छी जे सुधा किसान आओर ग्राहक के बीच एकटा कड़ी के काज करैत अछि.

पहिने ऐना छल जे गाम के किसान भाई... गाय वाला लोक दूधिया सं औना-पौना दाम पर दूध बेचय लेल मजबूर रहय छलखिन्ह... दूधिया ओहि दूध के बेसि दाम पर हमरा-अहां के बेच बीच मे कमाय काटय छल. मुदा आब दूध उत्पादन...गाय के देखरेख... दूध आओर दोसर उत्पाद के दाम तय करय सभ मे किसान के भागीदारी रहैत अछि. आई एहन हाल अछि जे बिहार के करीब 6 लाख किसान सुधा सं जुड़ल छथिन्ह.

किसान भाई सभ के सेहो एहि सं नियमित कमाई होए छनि. सुधा के तरफ सं हुनका सभ के बराबर प्रशिक्षण सेहो देल जाएत छनि. परिवार के युवा... महिला लेल सेहो कार्यक्रम सभ चलाएल जाएत अछि. जरूरत पड़ला पर दोसर तरहक मदद सेहो देल जाएत अछि. एहन मे लोक कोनो साधन नहि भेलाह पर दू-चारि टा गाय.. भैंस पालि लैत छथि. एहि सं पाई के लेल दोसर के मुंह नहि ताकय पड़य छनि.
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