लोक के लेल जाति...धर्म...क्षेत्रीयता आओर भाषा सभ चीज सं ऊपर होएत अछि देश. मुदा लगैत अछि जे मराठा नेता सभ के लेल सभ सं पैघ मराराष्ट्रे अछि. महाराष्ट्र के आगां राष्ट्र छोट पड़ि रहल अछि. हिनका सभ के राज्य सं बाहर किछ देखाएते नहि छनि. इनारक बेंगक जकां काज कs रहल छथिन्ह. चाहे विलासराव देशमुख होताह... अशोक चव्हाण ... शरद पवार या राज ठाकरे. शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे के मराठी मानुस सं शुरू भेल ई खेल आब देश के विविधता मे एकता वाला स्वरुप के नष्ट करय पर तुलल अछि. एकटा खेल कनि ठंडाई नहि अछि कि दोसर शुरू भs जाएत अछि. कहिओ बाल ठाकरे के मराठी मानुस त कहिओ राज ठाकरे के उत्तर भारतीय के खिलाफ आगि उगलनाए... आओर एहि सभ मे कांग्रेस के स्थानीय क्षत्रप के मौन स्वीकृति रहय छनि. नहि त कि उत्तर भारतीय पीटाएत रहैत आओर सरकार... पुलिस देखैत रहैत?
मराठी के नाम पर कहिओ परीक्षा देबय वाला विद्यार्थी के मारल-पीटल जाएत अछि त कहिओ महाराष्ट्र मे रहय वाला बिहारी लोक के खदेड़ल जाएत अछि. सब्जी... ठेला वाला के पीटल जाएत अछि. टैक्सी तोड़ल जाएत अछि. महाराष्ट्र सं भगाबय के हर संभव कोशिश कएल जाएत अछि. आब नवका फरमान टैक्सी चालक के ल s क अछि. ओना यूपी-बिहार मे भेल भारी विरोध के बाद महाराष्ट्र के कांग्रेस सरकार के अपन रुख मे कनि नरमी लाबय पड़ल अछि... मुदा ई काफी नहि अछि. ईहो नरमी एहिलेल अछि जे बिहार मे चुनाव होए वाला अछि आओर राहुल गांधी के पूरा ध्यान अखन बिहार पर छनि... आ ओ माहौल के खराब नहि करय चाहय छथिन्ह अखन. बाद मे जे होए.
कि एहने कांग्रेसी सरकार अहां बिहार... यूपी आओर दोसर ठाम सेहो चाहैत छी? राज ठाकरे आगि उगलैत रहल... सरकार ओकर मन बढ़ाबैत रहल. बिहारी के पीटैत देखि मजा लैत रहल. कि एहन कांग्रेसी सरकार के राज करबाक चाही? कि देश राज ठाकरे... बाल ठाकरे... शरद पवार... प्रफुल्ल पटेल जैसन नेता के सामने लाचार बनल रहत... कि हिनकर करनी के फल भुगतय के लेल अपना सभ मजबूर छी? कि हिनकर सभहक मेलपांच के हम सभ एहिने देखैत रहब? आखिर हम सभ आवाज किएक नहि उठा रहल छी? हमर गला किएक फंसल अछि? उठुं… कांग्रेसे अछि त कि भेल? अगर वो देश के अधिकांश लोक के खिलाफ काज कs रहल अछि त ओकर विरोध करु. महंगाई मारि रहल अछि त ओकरा लेल आगां आउ. जमाखोरी... कालाबाजारी के बढ़ावा देबय वाला पवार के अगुवाई वाला कृषि मंत्रालय के खिलाफ हल्ला बोलु. मराठी के नाम पर देश के बांटय वाला चव्हाण... देशमुख... राज ठाकरे के विरोध करु.
आखिर कहिआ तक एहिना पड़ल रहब. आई मराठी अछि. काल्हि बंगाली होएत... पंजाबी होएत... तमिल होएत... मलयाली होएत... उड़िया होएत. कहां जाएब. आई मराराष्ट्र अछि... काल्हि असम होएत... परसु बंगाल... पंजाब-हरियाणा... केरल... कर्नाटक आओर दिल्ली होएत. कतs जाएब? बिहार के केंद्र के कांग्रेसी सरकार विशेष पैकेज देत नहि. बिहार पिछड़ल रहत? कि कमाएब कि खाएब? कहां पढ़ब? आखिर बिहारक अनदेखी के कारण जे विकास नहि भेल अछि... ओकरे कारण न लोक बाहर जाए छथिन्ह...बिहार सं काम-काज के तलाश मे पलायन होएत अछि. अगर बिहार मे नौकरी रहैत... मेडिकल... इंजीनियरिंग... आईटी कॉलेज... संस्थान रहैत त लोक किएक कोई बाहर जाएत? हम सभ किएक नौकरी... काज लेल बिहार छोड़तहुं. आखिर अपन गाम घर ककरा नीक नहि लगैत अछि? बिहार के संग शुरूए सं पक्षपात कएल गेल. आब नौकरी सं वंचित राखय के कोशिश भ रहल अछि. ई तं संविधान के मौलिक ढ़ांचा के तहस-नहस करय के कोशिश अछि. केंद्र के कांग्रेसी सरकार के सेहो चाही जे कुर्सी सं चिपकल रहय के मजबूरी छोड़ि एहन कदम उठाबय वाला के खिलाफ सख्त कदम उठाबथुन्ह नहि त फेर जनता खुद हुनका कुर्सी सं उतारि देतन्हि.
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