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बिहार मे बाढ़ि Barhik haal - behaal


बाढ़िक हाल-बेहाल


बिहार मे बाढ़िक हाल बड़ खराब अछि. एकदम सं तबाही मचल अछि. गाम के गाम डूबल अछि. लोकक जीवन अस्त- व्यस्त भs गेल अछि. लोक सभ दाना- दाना के लेल मोहताज बनि गेल छथिन्ह. पानि के कारण नहि रहय के ठिकाना... नहिं खाय पिबय के. लोक खुलल आसमानक नीचा रहल लेल मजबूर छथिन्ह...आ आसमान दिस ताकि भगवान सं मनाबय छथिन्ह जे जतेक जल्दी होs एहि कष्ट सं पाछां छोड़ाउ. हुनका लगय छनि जे कोई देखय -सुनय वाला नहिं . जेम्हर देखु पानिए-पानि. पानि सं बचय लेल लोक अपन बाचल-खुचल सामान सभ के लs सड़क... ऊंच ठाम आबि गेलाह अछि. रहय के लेल त ऊंच जगह... सड़क ... बांध...स्कूल.. सरकारी भवन... छत मिलि जा रहल अछि मुदा खाय लेल किछ नहिं मिलि रहय छनि. कई ठाम सरकार के तरफ सं खनाय के पैकेट गिराएल गेल अछि... आ बांटल गेल अछि मुदा ओ सभ गोटे के नहिं मिलि पाबि रहल अछि. जिनका मिलिबो कएलन्हि अ ओ कतेक दिन चलतन्हि. लोक बेसि आ राहत सामान... खाय पिबय के सामान कम... बड़ कठिनाई सं कतोहुं- कतोहुं मुरही ... चूड़ा.. गुड़... नमक... सत्तू मिलि पाएल अछि. ओ तं जतए-जतए बाढ़ि नहिं छै ओतेए के लोक सभ सेहो धर्मार्थ काज मे जुटल छथिन्ह आ लोक सभ के भोजन करा... कपड़ा-लत्ता दs पुण्य कमा रहल छथिन्ह.
दरभंगा... मधुबनी... सीतामढ़ी... सुपौल... मधेपुरा... पूर्णिया... किशनगंज... अररिया... भागलपुर... खगड़िया के कईटा गाम पानि मे डुबल अछि. कोसी... बागमती के पानि उफान मचौने अछि. बाढ़ि सं लाखों लोक प्रभावित छथिन्ह...
स्थानीय लोक सभ के कहनाय छनि जे कतेक लोक मारल सेहो गेलाह अछि. बाढ़ि सं लोकs नहिं मवेशी ...जानवर सभ सेहो प्रभावित भेल अछि. बीमारी सभ से फैल रहल अछि. ओना सरकार तरफ सं राहत ... बचाव के कोशिश कएल जा रहल अछि...मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद एहि पर नजर राखि रहल छथिन्ह... लोक के पास हेलीकॉप्टर... नाव सं सामान... मदद पहुंचाएल जा रहल अछि. मुदा कईठाम प्रशासनिक सुस्ती... अव्यवस्था के लs क लोक सभ मे गुस्सा सेहो बड़ अछि. मदद केर नाम पर सिर्फ आश्वासन... भरोस देल जा रहल अछि. प्रशासन मदद करय के जगह पर बाढ़िक आकलन करए मे जुटल अछि जे ई कतेक गंभीर अछि...आ कतेक नुकसान भेल अछि.
जखन तक बाढ़िक स्थायी समाधान... हल नहिं निकालय जाएत बिहारक... मिथिलांचलक विकास संभव नहिं अछि. बिहारक लेल ई एकटा नियति बनि गेल अछि. हर साल बाढ़िक उफनैत पानि अपना संग सभ किछ बहा कs लs जाइत अछि. सड़क... रेल लाइन सभ टूटि जाइत अछि. हर साल फेर सं बनाउ... मरम्मत कराउ. नवका काज पूरा होए नहि छै कि बाढ़िक समय आबि जाएत अछि. चारू कात पानिए -पानि रहला पर मटिया तेल... गैस... आटा... चावल... तरकारी... मसाला... मिरचाई सं लs कs नून तक...सभ किछ के दिक्कत भs जाइत अछि. लोक सभ सेहो कि करथिन्ह. नून तेल देखताह कि विकासक बात करताह. खाली पेट तs भजन सेहो नहिं होएत अछि.

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