दरभंगा महाराज कामेश्वर सिंहजीक जन्मशती समारोह में राष्ट्रीय हिंदी मासिक इंडिया पोस्ट क लोकार्पण सेहो भेल. एहि पत्रिका के संपादक छथिन्ह श्री महादेव चौहान जी. वरिष्ठ पत्रकार महादेवजी सं हमर पुरान परिचय अछि. ओ बड़ नीक लोक छथिन्ह आ एहि सं पहिने सहारा समय में छलाह. इंडिया पोस्ट पत्रिका श्री अनिल मिश्र जी निकालि रहल छथिन्ह. अनिल जी छोटकी महारानी के दामाद छथिन्ह... आओर समाजसेवा सं सेहो जुड़ल छथिन्ह. दरभंगा राज परिवार के पत्रकारिता के क्षेत्र में बड़ योगदान रहल अछि. स्वतंत्रता आंदोलन में लोक के जागृत करय लेल... लोक में शिक्षाक बयार लाबय लेल महाराज 1930 में The Indian Nation आओर 1940 में आर्यावर्त्त शुरू कएने छलाह. बाद में मिथिला मिहिर सेहो शुरू भेल. आब ओहि क्रम में राज परिवारक तरफ सं एकटा कोशिश आओर कएल गेल अछि.
एहि अवसर पर आउटलुक हिंदी के संपादक आलोक मेहता कहबो कएलथिन्ह जे हुनका याद छन्हि जे ओहि समय आर्यावर्त्त आ इंडियन नेशन भने पटना सं निकलय छल मुदा एकर प्रभाव दिल्ली के कोनो पेपर सं कनिओ कम नहिं छल. आ एकर समाज पर... लोक पर असर सेहो खूब छल. हुनकर कहनाय छल जे ओ आशा करय छथिन्ह ई पत्रिका ओहि मकसद ... उद्देश्य के लक आगां बढ़त. श्री मेहता शिक्षा आ स्वतंत्रता आंदोलन में दरभंगा महाराज के योगदान के त याद करबे कएलथिन्ह. कहलथिन्ह आर्यावर्त्त आ इंडियन नेशन समाज में जागृति पैदा करय लेल निकलैत छल. ओ मिथिला में छोट-छोट पुस्तकालय खोलय जाइ के आवश्यकता पर सेहो जोर देलथिन्ह.
केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहायजी महाराज के पत्रकारिता क्षेत्र में योगदान के चर्चा त करबे कएलथिन्ह इहो कहलथिन्ह जे ओहि राजवंश सं जुड़ल अनिल मिश्र जी ओहि परम्परा के आगां जरूर बढयता. वरिष्ठ पत्रकार श्री प्रभाष जोशी जी कहलथिन्ह जे दरभंगा महाराज कामेश्वर सिंह जी आजाद भारत के एकमात्र राजा छलाह जिनका संविधान सभा में शामिल होय के मौका मिलल छलन्हि.
एहि जन्मशती समारोह में सहारा इंडिया मीडिया एंड इंटरटेनमेंट के प्रमुख श्री सुमित रॉय, वरिष्ठ पत्रकार श्री प्रभाष जोशी, आउटलुक के संपादक श्री आलोक मेहता, सुलभ इंटरनेशनल के डॉ बिंदेश्वर पाठक , गायक उदित नारायण आओर हुनकर पत्नी गायिका दीपा नारायण के आर्यावर्त्त शिखर सम्मान सं सम्मानित कएल गेल. समारोह में श्री सुमित रॉय मौजूद नहिं छलाह एहि कारणे हुनका तरफ सं ई सम्मान सहारा इंडिया मीडिया के बिजनेस प्रमुख श्री राकेश खार ग्रहण कएलथिन्ह. जखन कि डॉ बिंदेश्वर पाठक जीक तरफ सं ई सम्मान श्री रामचंद्र झा जी ग्रहण कएलथिन्ह.
बड़ी प्यारी भाषा है. समझ में तो खास नहीं आया लेकिन पढ़ते हुए एक अपनापन लग रहा है. हमारी अवधी के बहुत से शब्द मिलते हैं.
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