दिल्ली में मैथिली अकादमीक स्थापना कएल जाइत. एकर घोषणा दिल्ली के मुख्यमंत्री शीला दीक्षित मिथिला विभूति स्मृति पर्व समारोह में कएलथिन्ह. दिल्ली के मावलंकर हॉल में आयोजित मिथिला विभूति (विद्यापति, सलेस लोरिक, अमर शहीद ललित नारायण मिश्र, सूरज नारायण सिंह, डॉ आदित्य नारायण झा, भोला पासवान शास्त्री, कर्पुरी ठाकुर, नागार्जुन एवं ब्रजकिशोर वर्मा मणिपद्म ) स्मृति पर्व समारोह 2007 के उद्घाटन के मौका पर मुख्यमंत्री कहलथिन्ह जे दिल्ली में मैथिली आ भोजपुरी अकादमी के स्थापना के लेल जे सरकारी खानापू्र्ति छै ओकरा तीन चारि महीना के भीतर पुरा कए लेल जाएत.
मिथिला विभूति स्मृति पर्व समारोह... विद्यापति स्मृति समारोह... के आयोजन अखिल भारतीय मिथिला संघ के तरफ सं भेल. सभाक अध्यक्षता पूर्व सांसद श्री आर पी यादव कएलाह. एहि समारोह के स्वागताध्यक्ष मधुबनी के सांसद आओर केन्द्रीय मंत्री डॉ शकील अहमद छलाह. ओ मिथिलाक परम्परा के मुताबिक पाग आ शाल सं मुख्यमंत्री के स्वागत कएलथिन्ह. एहि अवसर पर कएटा विधायक आ विद्वान सभ सेहो उपस्थित छलाह..हुनकर स्वागत सेहो पाग..शाल सं कएल गेल. स्वागत के बाद मुख्यमंत्री शीला दीक्षित महाकवि विद्यापति के चित्र पर माला पहिना आ दीप जला समारोह के उद्घाटन कएलिह. ओ दिल्ली के विकास में बिहारक लोक के भूमिका के सराहना कएलथिन्ह.. एहि अवसर पर मिथिलाक विकास सं संबंधित मुद्दा सभ सेहो उठल. अखिल भारतीय मिथिला संघ के महासचिव श्री विजय चंद्र झा जीक तरफ सं एहि मौका पर मुख्यमंत्री के सामने जे मांग राखल गेल ओहि में प्रमुख अछि... दिल्ली में मैथिली अकादमी के स्थापना होय... छठ पावनि पर छुट्टीक घोषणा होय... दिल्ली विश्वविद्यालय में मैथिली बेंचक स्थापना कएल जाए...कोलकाता विश्वविद्यालयत तरहें एहिठाम सेहो मैथिली में पढ़ाई शुरू होय... संगहि- संग विद्यापति... आदित्य नाथ झा आओर ललित बाबू के नाम पर सड़कक नाम राखल जाय. केंद्रीय मंत्री डॉ शकील अहमद कहलथिन्ह जे मिथिलांचल में रेल सम्पर्क के जाल बिझाउल जाइत... लौकहा..मधुबनी...बेनीपट्टी होयत सीतामढ़ी के जोड़ल जाइत.. हर गाम घर के टेलीफोन से जोड़त जाइत.
एहि समारोह में मैथिली के आठम अनुसूची में शामिल भेला खुशी सेहो व्यक्त कएल गेल आ बताओल गेल जे एहि बेर यूपीएसी... सिविल सर्विसेज में 12 टा लोक मैथिली सं परीक्षा दए रहल छथि... बीपीएससी के परीक्षा में सेहो सैकड़ों लोक मैथिली विषय सं शामिल होयताह.
एहि समारोह लेल अखिल भारतीय मिथिला संघ के जतेक प्रशंसा कएल जाय कम अछि... एहि तरहक कार्यक्रम... समारोह सं अपन इलाका...गाम घरक लोक सं मिलय के मौका मिलैत अछि...आजुक आधुनिक ...तेज रफ्तार सं भागैत दुनिया में ओ अपन लोक सं मिलय लेल दु पल दैत छथिन्ह... मौका उपलब्ध करैत छथिन्ह ई बड़का बात अछि. हम उम्मीद करैत छी जे ओ साल में दु-चारि टा एहन समारोह.. कार्यक्रम करबाबैत रहता जाहि सं लोकक के मनोरंजन तं होयबे करत... मिथिलांचलक समस्या...दुख-सुख...परेशानी सं दु-चारि होबाक मौका सेहो मिलत.आओर जखन तक एहि सभ के जानबय नहिं तखन तक एकरा दूर करय के प्रयास कोना होयत.एहि के लेल संघ के महासचिव विजय चंद्र जी के खासतौर पर बधाई के पात्र छथि. मिथिलाक विकासक लेल हिनके जकां लोकक जरूरत छै जे एहि तरहे अभियान में जी-जान सं जुटल रहताह.
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