सोम दिन, 19 सितंबर के ट्विटर स्पेस पर चर्चाक विषय छल वर्तमान राजनीतिक अवस्था मे मिथिला के जनजीवन केहेन अछि आ पंचायती राज व्यवस्था। एहि ट्विटर स्पेस के संचालन नित्यानन्द जी करलाह आ हुनका संग देलखिन्ह मुकेश कुमार झा आ नितेश जी।
चर्चा के शुरुआत करैत मुकेशजी पंचायती राज व्यवस्था मे व्याप्त कमी पर प्रकाश देलखिन्ह। ओ कहलखिन्ह जे पंचायत मे व्याप्त भ्रष्टाचार देखितो लोक शिकायत तक नहि कय पबैत छथिन्ह। हुनकर इहो कहनाय छलन्हि जे मिथिला राज्य लेल जनभावना मे कमीक एकटा बड पैघ कारण छैक लोक मे राजनीतिक जनचेतनाक अभाव।
एहि ट्विटर स्पेस मे मिथिलाक जनजीवन वर्तमान राजनीतिक अवस्था विषयपर बात भेल जे पंचायती स्तर पर जाहि तरहें लोक चुनाव लड़ैत-जितैत अछि आ बाद मे ओ खुलेआम भ्रष्टाचार करैत अछि त लोक टोकियो नहि पबैत छथिन्ह। कियैक त आपस मे कियो विवाद नहि चाहैत छथिन्ह। विधायक आ सांसद लोकनिक चुनाव भेलाक बाद कोनो खास काज नहि करि पाबैत छथिन्ह। हुनका सभक विरुद्ध कतहुं आवाज नहि उठि पाबैत अछि।
चर्चा में नितेश झा जीक कहनाय छलन्हि जे लोक मे राजनीतिक जनचेतना लगभग शून्य भ गेल छै। सत्ताक राजनीति मे जनप्रतिनिधि लागल रहैत छथिन्ह, जकर कारण अपन क्षेत्रक बेसी चिन्ता नहि कय पबैत छथिन्ह। जनताक हित आ ओकर सरोकार सिर्फ अलंकारिक रूप मे उठबैत छथिन्ह, लेकिन ताहि प्रति लागिकय काज कोना हेतए ताहि लेल कोनो प्रयास नहि करैत छथिन्ह। जनता सं चुनल नेता कम आ पार्टी के कृपा पर बेसी टिकल रहय छथिन्ह। दुर्भाग्य अछि जे लोक वोट दय सं पहिने कियो मेनिफेस्टो तक नहि देखय छथिन्ह। एखन धरि सामंती व्यवस्था कायम अछि। जा धरि हम सभ वैकल्पिक व्यवस्था नहि ठाढ़ करब, ई यथास्थिति बनल रहत आ हमरा सभक दमन-शोषण एहिना जारी रहत। जनता जे चुनलक तेकर महत्व नहि दय सिर्फ अपन पार्टीक झंडा आ नारा मे लागल रहनिहार सं मुक्त होयब जरूरी थिकैक। समय के मांग यैह थिकैक। मिथिलावाद स्थापित हो।
एहि के बाद छाया चौधरी जी कहलीह जे नेता सं सवाल कयलापर हुनकर समर्थक सभ विरोध में ठाड़ भ जाए छथिन्ह। एहि सं नेता सभके ऊपर जवाब देबाक भार पड़िते नहि छै। कोनो नेता के नीको विजन देलापर प्रभावकारी निर्णय आ काज नहि भs पबैत छै। हम एहि तरहक प्रत्यक्ष अनुभव कयलहुं। हुनकर कहलनाए छलन्हि जे हम सब वोट देलियनि पलायन रोकय लेल, कुटीर उद्योग व अन्य उद्योग व्यवसाय तथा रोजगार के अवसर उपलब्ध कराबय लेल, लेकिन हमरा सब के फुसलायल-ललचायल जाइत अछि अपना घरक आगू सोलर लाइट लगाबय लेल। एहि तरहक गलत बचाव नहि हेबाक चाही। संगहि जातिगत राजनीति बेसी छैक। ई दुर्दशा आ दुखक बात अछि। एकरे संग एहि सबलेल जोर-शोरसं आवाज उठेबाक जरूरत अछि जे नेता जनसभा मे मैथिली बाजथि, नहि त जनसभा बन्द हुए, बहिष्कार हुए।
एहि ट्विटर स्पेस मे आजुक चर्चा में आशुतोष झा जी सेहो शामिल भेलाह। हुनकर कहनाय छलन्हि जे मिथिला राज्य प्राचीन मुद्दा रहल अछि। सुगौली सन्धि के सेहो किछु भूमिका छैक। एहि मे काफी रास धारा जुड़िकय कार्य कय रहल छै। हम राष्ट्रवादी विचारधारा सं जुड़ल लोक छी आ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ छोट राज्य केर समर्थक रहल अछि। सैद्धान्तिक रूप सं किछु होयबाक छैक से सक्रियता सं हेतैक।
चर्चा मे राघव मिश्रा जी कहलाह जे कोनो काज जमीनी स्तरपर होबाक चाही। हुनकर कहनाए छलन्हि जे मिथिलाक्षर लिपि के जागृत करय लेल छोट स्तरपर काज शुरू कयलहुं आ आइ ई काफी विस्तृत स्तर पर चलि रहल अछि। मिथिला राज्य के मुद्दा सं जमीनी लोक के केना जोड़ब ताहि पर ध्यान केन्द्रित करू। जड़ि के सिंचाई बहुत जरूरी अछि। अपना लोक संग अपने भाषा मे बजबाक कोशिश करि। अपन लिपि आ निजता सं सब के जुड़य पड़तैक। हम संग छी आ संग रहब।
प्रकाश झा जीक कहनाए छलन्हि जे वर्तमान समाज आ व्यवस्था मे जनप्रतिनिधि आ सत्ता संचालक के सम्बन्ध मे बात करब तं ओहो सब अपने बीच के छथिन्ह। बिहार सरकार मगध के ज्यादा विकास करैत अछि, मिथिला के कम। पंचायत स्तर पर सेहो विभेद छै। मुखिया-सरपंच द्वारा बहुत किछु दमन कयल जाइत छै। समाज सुसंगठित रहिकय हिनका सब सं काज नहि करबा पबैत अछि। तुच्छ लोभ आ गुटबाजी के कारण बहुत किछु रुकल-ठमकल छै।
सीए शिवानंद चौधरी कहलखिन्ह जे सबसं पैघ समस्या रोजगारके अछि। मिथिला मे उद्योग के कमी छै। सालाना उत्सव मे सकारात्मक गतिविधि कम आ नकारात्मक बेसी होइत छैक। दुर्गा पूजा मे आर्केस्ट्रा आ बायजीक नाच आदि हेतैक लेकिन उद्यमशीलता केना बढावा पाओत ताहि पर कियो ध्यान नहि दैत छथिन्ह। एहि लेल समाज के जागरूक होयब जरूरी अछि।
कमलेश जी कहलाह जे पुरान बात के छोड़ि नव बात करबाक जरूरत अछि। पुरना बात के बिसारि, दोसर पर आरोप-प्रत्यारोप बन्द कय, आगू लेल रोड मैप विकसित करबाक जरूरत अछि। पूर्व मे जे गलती भेलैक तेकरे टा चर्चा करय सं नीक आगू कि हेबाक चाही ताहि पर बेसी विचार होए आ सुधार के उपाय पर ध्यान जाय हमरा सभक से जरूरी अछि।
चर्चा के आखिर मे अनूप मैथिल जी मिथिला स्टूडेंट यूनियन के आगामी कार्यक्रम आ रणनीति पर विचार राखलखिन्ह।
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