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मुक्तिपर्व सामा चकेवा



दिल्लीक श्रीराम सेंटर... लागल जेना गाम मे दुर्गापूजा मे भs रहल नाटक देखि रहल छी. अंतर बस एतबा जे एहिठाम लाइट-साउंड के नीक इंतजाम रहैत अछि आओर प्रकाश झाजी सन नीक मांजल निर्देशकक डायरेक्शन रहय छनि.
सामाक भूमिका मे स्वपना आओर चारुवक्त्रक भूमिका मे राधाकांत
लोक दूर-दूर सं श्रीराम सेंटर में होए वाला नाटक के देखय लेल एहि लेल आबय छथिन्ह जे सभ सं भेंट मुलाकात भ जाएत. गाम-घरक...मिथिलाक लोक सं दूटा गप भ जाएत. आओर एहिठाम आबि लोक निराश नहि होए छथिन्ह.

एकदम सं मिथिलाक माहौल. जानल-पहचानल चेहरा. मैथिली मे
गप. कि भाई साहेब केना छी? गोर लागय छी कका. गोर लागय छी दीदी त गोर लागय छी काकी.
गाम सं दूर गामक माहौल बनाबय लेल प्रकाशजी आओर हुनकर मैलोरंग टीम के धन्यवाद.
मैलोरंगक नाटक सामा चकेवाक कलाकार

प्रकाश जी मांजल निर्देशक छथिन्ह. हिनकर निर्देशन मे भेल करीब-करीब सभटा नाटक देखबाक मौका मिलल अछि. सभ एक पर एक. हर नाटक मे हिनकर निर्देशन निखरैत जाए छनि.

एहि के लेल हिनकर सभ कलाकार संगी सेहो बधाई के पात्र छथिन्ह जे प्रकाश जी के लोकसभ के सामने माथ ऊंच राखय मे कोनो कोर कसर नहि छोड़य छथिन्ह.

प्रकाशजी मिथिलाक नटुआ नाच शैली मे जे नाटक करय छथिन्ह ओ नाटक मे जान डालि दैत अछि. लोक के बांधिsक राखैत अछि. कुर्सी सं चिपकएने रहैत अछि. पेशकश एतेक नीक रहैत अछि जे लोक के समय के पते नहि चलय छनि.
सूत्रधार नीलेश और विपटा संतोष
नटुआ नाच शैली के प्रभाव अहां एहि बात सं बुझि सकैत छी जे दिल्ली-एनसीआर मे रहय वाला धिया-पुता सभ सेहो जमिsक आनंद उठौलक. बच्चा सभ सूत्रधार नीलेश जी और विपटा संतोष जीक एक्शन... डॉयलॉग पर जोर-जोर सं ठहाका लगाsक...थापड़ि बजाsक आनंद उठएलाह.

नीलेश जी और संतोष जीक अभिनय बड़ नीक रहलन्हि. चूड़क बनल छलाह मुकेश जी. मुकेश जी बड़ नीक कलाकार छथिन्ह. हिनकर अभिनय प्रतिभा कइटा नाटक मे देखबा लेल मिलल अछि. अपन भूमिका मे जान डालि दय छथिन्ह.

मुकेश जीक चूडक के रूप मे ई डॉयलॉग काफी नीक छल... संस्कार अछि हमर. तकिया कलाम वाला एहि डॉयलॉग पर जमि कs थापड़ि बाजल.
चूड़क भूमिका मे मुकेश

मुकेश जीक एकटा आओर बात दिल के छू लेलक जे ओ नाटक खत्म भेलाह के बाद कहलखिन्ह. मुकेश जीक कहनाय छलन्हि जे हम सभ कलाकार मिलि मास धरि मेहनत करि.... रिहर्सल करि नाटक करय छी मुदा एक नाटक के बाद ओहि मेहनत के कोई फल नहि मिलैत अछि. एकटा नाटक भेल नहि कि ओ मेहनत बेकार.

मुकेश जीक आग्रह छलन्हि जे अगर दिल्ली के बाद गाम-घर...अपन मिथिलाक दरभंगा... मधुबनी... सहरसा... पूर्णिया और विराटनगर...फारबिसगंज दिस सेहो एहि नाटक के करय के मौका मिलय तं मेहनत सफल मानल जाएत.

हिनकर कहनाय एकदम वाजिब छलन्हि. एहि सं हिनका सभ के अपन गाम-घर मे अपन लोक के संग नाटक करय के मौका तं मिलबे करतन्हि...गामक लोक के सेहो आधुनिक रूप मे कएल गेल नाटक देखय लेल मिलतन्हि.
सामाक भूमिका मे स्वपना आओर चारुवक्त्रक भूमिका मे राधाकांत

अहुं सभ अगर अपना गाम दिस नाटक करबाबय चाहय छी तं स्पांसर करि अपना गाम दिस हिनका सभ के लs ज नाटक करा सकय छी. चूंकि सभ कलाकार गामे दिस के छथिन्ह तैं अहां सभ के सेहो बेसि तामझाम करय के जरूरत नहि पड़त.

फेर मैलोरंग के सभ कलाकार नीक अभिनय करय छथिन्ह. अपन भूमिका के संग पूरा न्याय करय छथिन्ह. हिनकर सभक डॉयलॉग सेहो नीक रहय छनि. एहि सं गामघर में अहां सभ के जसे मिलत. हिनका सभ के बस अहां सभ मौका दिऔ.

एहि बेरक नाटकक खास बात ईहो रहल जे एहि बेर नाटक के लेल टिकट के व्यवस्था छल. किछ लोक के ई शंका छलन्हि जे टिकट रखलाह पर बेसि मैथिल नहि अएताह. मुदा हुनकर शंका निराधार साबित भेलन्हि.

श्रीराम सेंटर खचाखच भरल छल. एकोटा सीट खाली नहि. लोक के भारी समर्थन मिललन्हि प्रकाश जीके. एहि सं उत्साह बढ़ैत अछि. एहि नाटक सं मिलल जोश सं ओ अगिला नाटक आओर उत्साह सं करताह.

नाटकक सभ कलाकार के हमर आओर हेलो मिथिलाक तरफ सं शुभकामना. अहां सभ एहिने मन लगाकs अभिनय करैत रहुं. अहां सभ गोटे नीक काज करि रहल छी. फिल्मी दुनिया मे सेहो अवसर देखैत रहुं आओर मिथिलक नाम रौशन करैत रहुं.


1 टिप्पणी:

  1. वाह भाई हितेन्द्र जी, खूब नीक जेना संयोजन संग समीक्षा गढ़लहुँ अछि अहाँ. बहुत बहुत धब्यवाद.

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