बिहार मे आब शराबक नवका दोकान नहि खुलत. बिहार सरकारक ई फैसला अछि जे आब शराब दोकानक लेल नवका लाइसेंस जारी नहि कएल जाएत.
बिहारक आम लोक लेल ई नीक खबर अछि. लोक सभ कमाई केर एकटा बड़का हिस्सा शराब पर खर्च करि दय छथिन्ह.
बिहार मे तं कइटा घर शराबक चक्कर मे बर्बाद भ गेल. कतेक लोक
सभ दिन भर मजदूरी कs क अएला के बाद सीधे शराबक दोकान पर चलि जाए छथिन्ह.नून-तेल खरीदय के जगह शराबक बोतल खरीद लैत छथिन्ह. परिवार के संग मारि-पीट करय छथिन्ह.
सरकार एहि पर रोक लगाबय लेल शराबक दाम बेसि करि देलक मुदा कोनो खास फर्क नहि पड़ल. बिक्री जारी रहल.
ओना सरकारक नवका लाइसेंस जारी नहि करय के फैसला सं खास फर्क नहि पड़त...किएक तं पुरना दोकान तं खुलले रहत.
पुरना दोकान पर शराब तं मिलते रहत. अगर सरकार सच मे एहिपर रोक लगाबय चाहैत अछि तं ओकरा गुजरात जकां पूर्णरूप सं शराब पर बंदी लगाएबाक चाही.
सरकार के कहनाय अछि कि ओ शराब के दुष्परिणाम के बारे मे लोक के जागरूक करत...हर साल 26
नवंबर के मद्य निषेध दिवस मनाएत.
मुदा एकर खास असर नहि पड़त. अगर सरकार सच मे गंभीर अछि तं ओकरा सभ धर्मक धर्मगुरु के संग मिलि कs लोक मे एकर खिलाफ अभियान चलएबाक चाही.
लोक सभ के ई बतैनाय जरूरी अछि जे एहि सं सेहत आओर पाई दुनू के नुकसान पहुंचैत अछि. ई लोक के खोखला बना दैत अछि.
सरकार के एकटा तय समय सीमा दsक एकर दोकान करय वाला के दोसर बिजनेस करय लेल प्रोत्साहित करबाक चाही.
एहि पर दस तरहक टैक्स लगा कs एकरा एतेक महंग करि देल जाए जेहिसं लोक एकरा खरीदय मे दस बेर सोचय.
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