ई पवार कहिआ तक खून चूसैत रहताह?
आम लोक महंगाई सं मरि रहल अछि आओर सरकार सुतल अछि. सरकार त सुतल अछि... मुदा लगैत अछि देश के जागरूक लोक सेहो सुतल छथिन्ह. नहि त कि ऐना भ सकैत छल जे रोज इस्तेमाल मे आबय वाला सामान के कीमत आसमान पर जा रहल अछि...आओर हम सभ हाथ पर हाथ धएने बैसल छी. कतहुं धरना-प्रदर्शन नहि भ रहल अछि.
दूध...चीनी... दाल... पेट्रोल के बाद प्याज रूला रहल अछि... आओर महीना-दस दिन मे डीजल-गैस के दाम सेहो बढय वाला अछि. मुदा कतहुं जनता एकर विरोध नहि करि रहल अछि. आ त लोक के पास एतेक पाई भ गेल छनि जे दाम बढ़ला सं कोनो फर्क नहि पड़य छनि आ फेर जमाखोरी करय वाला के कमाय सं हुनका कोनो फर्क नहि पड़य छनि.
चीनी के दाम बढ़ल छल त लोक कहय छलखिन्ह जे कृषि मंत्री शरद पवार चीनी लॉबी के फायदा पहुंचाबय लेल ऐना करि रहल छथिन्ह...त कि प्याजक दाम बढय मे सेहो कोनो प्याज लॉबी के हाथ अछि? ओना प्याज के सभसं पैघ मंडी नासिक... महाराष्ट्रे मे अछि.
मनमोहन सरकार सेहो एकदम लाचार जकां बस टक-टक देखैत रहय छथिन्ह. किछ नहि करय छथिन्ह. एकदम सं भीष्म पीतामह बनि गेल छथिन्ह. देश मे बिचौलिआ... जमाखोरी करय वाला के मौज आएल अछि आओर प्रधानमंत्री बस दूटा डॉयलॉग झाड़ि शांत भ जाए छथिन्ह.
मनमोहन सरकार के मंत्री आनंद शर्मा खुद प्याज के दाम बढ़य के लेल जमाखोरी के जिम्मेवार ठहरा चुकल छथिन्ह. मुदा पाई बनाबय वाला व्यापारी पाई कुटि रहल अछि. ई हाल एहन अछि जखन कि पिछला साल के तुलना मे एहि बेर प्याज के बेसि पैदावार भेल अछि. आओर एहि बेर निर्यात सेहो कम भेल अछि.
सरकार बेमौसम बरसातक गप करि रहल अछि मुदा जानकार लोक के कहनाय छनि जे मौसम के असर ओतेक नहि पड़ल अछि जे दाम एकाएक दोगुना सं बेसि भ जाए. ई सभ जमाखोरी के चलते भेल अछि.
शरद पवार जेहिआ सं कृषि मंत्री बनलाह अ... हिनकर खेतीबारी के छो़ड़ि बेसि ध्यान खेल... क्रिकेट पर रहय छनि. हिनकर कार्यकाल मे खाय-पीबय के सभ किछ के दाम बढ़ल अछि. सब्जी... तेल... दाल... चावल...दूध सं लsक मिर्च ... मसाला तक.
एहनो कतहुं भेल अछि जे हफ्ता-दस दिन पहिने जे प्याज 15-20 रुपये मिलैत छल ओ एकाएक 60-70 रुपये पर पहुंचि गेल. एकदम सं अंधेरगर्दी मचल अछि. अंधेर नगरी चौपट राजा वाला हाल अछि.
एम्हर किछ प्याज सरकार पाकिस्तान सं मंगानाय शुरू करलक... मुदा भारत के हवा सं पाकिस्तान मे सेहो दाम बढ़नाय शुरू भ गेल...ओहि ठाम के व्यापारी के जखने पता चललन्हि जे प्याज भारत जा रहल अछि... दाम बढ़ानाय शुरू करि देलक. एहि सं आब ओतुको प्याज सं राहत के उम्मीद कमे अछि.
ओना सरकार अगर आई जमाखोरी करय वाला के खिलाफ अभियान शुरू करय... काल्हि सं अहां के दाम फेर सं जमीन पर चलि आएत. बस सरकार के सख्ती बरतय के जरूरत अछि. मुदा जकरा कमाय के छल ओ एहि दू-चारि दिन मे लाखों- करोड़ कमा लेलक.
ओना किछ दिन बाद नवका फसल आबि जाएत...मुदा तखन तक कमाय वाला लोक कमा लेताह. बीच मे पीसाएत आम जनता. जकर फिक्र सरकार सिर्फ वोट के समय करैत अछि. चुनाव के समय पुचकारैत अछि आओर ओहि दुलार सं फुलि क कुप्पा बनि घोटालाबाज... भ्रष्टाचारी के फेर सं जीता दैत अछि.
चुनाव के बाद जनता फेर पीसाएत. फेर ओहिना के ओहिना... कोनो सबक नहि लैत अछि जनता. पांच साल के दुख-दर्द पांच मिनट मे नेता के दूटा मीठ बोल सुनि क भूलि जाए छथिन्ह. एहन सरकार के ऊखाड़ि फेंकू...प्याज के मामला पर 1980 मे चरण सिंह के सरकार आओर 1998 मे दिल्ली के बीजेपी सरकार गिर चुकल अछि.
सभसं ताज्जुब त तखन होएत अछि जखन एहि मुद्दा पर विपक्षी पार्टी बीजेपी... समाजवादी पार्टी... बहुजन समाजवादी पार्टी... शिवसेना... जनता दल यूनाइटेड... सीपीआई... सीपीएम सभ कोनो खास पहल नहि करैत अछि. बस महंगाई पर दू चारि टा बाइट द चुप बैसि जाएत अछि. सरकार के खिलाफ कोनो जनआंदोलन नहि चला रहल अछि.
विपक्षी पार्टी कि एहि लेल शांत अछि जे अखन कोनो चुनाव नहि देखा रहल छनि. आ फेर चीनी लॉबी... प्याज लॉबी सं इहो सभ जुड़ल छैथि की ? अहां सभ छोडुं पार्टी... पॉलिटिक्स के झंडा उठाबय के आस... खुद एकरा खिलाफ अभियान शुरू करि दिअ. बस अहां के ठाड़ होए के जरूरत अछि. आम लोक खुद ब खुद अहांक संग जुड़ि जएताह. आखिर महंगाई के मारि त हमरे-अहां पर पड़ैत अछि ना ?
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