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हौ... पूरा लेख नहि आबय छ...

आई एकटा मित्र के फोन आएल छल. फोन पर गाम-घर के गप भेल.  हेलो मिथिलाक गप सेहो शुरू भेल.  मुदा ओ जे कहला सुनि कs अचरज भेल. हुनकर कहनाय छलनि जे हौ मेल पर जे हेलो मिथिलाक लेख सभ आबय छ ओ त थोड़के-थोड़के रहय छ.  पूरा बात के पता नहि चलय छ.  जखन भेजबे करय छ त पूरा भेजल करs.
असल मे हमर ओ मित्र ई मेल सं हेलो मिथिला पाउ वाला मे कॉलम मे अपन ई मेल डालने छलखिन्ह... हेलो मिथिला के सबस्क्राइब कएने छलखिन्ह.  एहि सं जखन हम कोनो नवका लेख लिखय छी हुनका पास पहुंच जाएत अछि.  ओ इंट्रों टाइप के रहैत अछि.  पूरा पढ़य के लेल ओकरा क्लिक करय के जरूरत पड़ैत छै.  ओ ओहि हेडलाइन के...  टाइटल के क्लिक नहि करय छलखिन्ह ताहि लेल ओ पूरा नहि पढ़ि पाबैत छलाह. अगर अहां सभ मे से सेहो किनको एहि तरहक समस्या... कन्फ्यूजन अछि त जे मेल ...मैसेज जाए अछि ओकरा बस क्लिक क दिऔ.  अहां के पास हेलो मिथिलाक पूरा लेख... ऑर्टिकल आबि जाएत. त हेलो मिथिला के सबस्क्राइब करनाय नहि छोड़ि... करैत रहुं... बस टाइटल पर क्लिक कs पूरा लेख पढ़ैत रहुं.
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