मनो नै भाबैये दिल्ली सन टाऊन यौ
स्कूलक पछुआर मे पाकरिक गाछ यौ
हमरा सतबैये बहिनक याद यौ
आमक गाछी के बड़का मचान यौ
गाछी मे मिलीजुलि कs पकबैत पकवान यौ,
मोन परैये परोड़क अचार यौ ,
ओझाजीक भोजन मे काकीक सचार यौ,
कहिया हम जेबै अपन ओ गाम यौ ,
मनो नै भाबैये दिल्ली सन टाऊन यौ .
BY-
Anshu Mala 
बड्ड नीक कविता।
जवाब देंहटाएंsach me...Anshu Mala jee ekdam san gaam ke yaad dila deleeh. hum ummeed karbain je Anshu jee ehina likhait rahtheeh.
जवाब देंहटाएंdhanyawad
सुन्दर कविता,
जवाब देंहटाएंसच लिखल पढि कय लागल हमरो गाम बजा रहल.
लिखैत रहू.
गाम के ताजा करबैत रहू.
बधाई.