राजमोहनजी के 1996 मे आई काल्हि परसू के लेल साहित्य अकादमी सम्मान सं सम्मानित सेहो कएल गेल छनि. हिनकर कृति मे एक आदि एक अंत... झूठ सांच... एकटा तेसर... गलतीनामा प्रमुख छनि. आरंभ नामक पत्रिका के सम्पादन सेहो कएलखिन्ह. प्रसिद्ध साहित्यकार स्व. हरिमोहन झा जीक सुपुत्र राजमोहन जी वैशाली जिलाक कुमारबाजितपुर सं छथिन्ह. मुदा अपन पिताजीक हास्य विनोद वाला लेखन के उलट राजमोहनजी गंभीर लेखन करय छथिन्ह. राजमोहनजी साइकोलॉजी सं एमए कएला के बाद राजमोहन जी सरकारी नौकरी मे चलि गेलाह.
प्रबोध साहित्य सम्मान मशहूर विद्वान आओर शिक्षाविद् प्रबोध नारायण सिंह जीक याद मे देल जाएत अछि. राजमोहनजीक नामक चयन 15 सदस्य के एकटा टीम द्वारा कएल गेल जकर अध्यक्ष उदय नारायण सिंह जी छथिन्ह.
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