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हास्य सम्राट प्रो. हरिमोहन झा जीक जन्मशती समारोह के पांच सत्र मे भेल संगोष्ठी मे हिनकर व्यक्तित्व आओर कृतित्व पर केन्द्रित 25 आलेख केर पाठ कएल गेल. ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. मिश्रीलाल ठाकुर एहि संगोष्ठी के उद्घाटन कएलथिन्ह. जखन कि पांचु सत्र केर अध्यक्षता अलग- अलग डा. सुरेश्वर झा... डा. भीमनाथ झा... डा. देवकांत झा... डा. विभूति आनंद आओर आचार्य सोमदेव कएलखिन्ह. एहि अवसर पर डॉ रत्नेश्वर जी डॉ हरिमोहन झाक समय व साहित्य विषय पर आलेखक पाठ कएलथिन्ह. समारोह मे मनमोहन झा जी प्रो हरिमोहन झाक जीवन आ साहित्य... नवोनाथ झा जी कुंवर बाजितपुर की साहित्यिक परंपरा व हरिमोहन झा... आओर भूपेंद्र कुमार चौधरी जी हरिमोहन झा व दरभंगा विषय पर आलेख केर पाठ कएलथिन्ह. प्रकांड विद्वान डा. रामदेव झा के वक्तव्य सं संगोष्ठी केर समापन भेल. संगोष्ठी के दौरान चार दिनक पुस्तक प्रदर्शनी केर आयोजन सेहो कएल गेल. एहि मे अकादमी केर हिन्दी... उर्दू... मैथिली... अंग्रेजी आओर बंगला भाषा केर पुस्तक राखल गेल .
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हरिमोहन झा जीक जन्म १८ सितम्बर १९०८ के वैशाली जिलाक कुमर बाजितपुर गाम मे भेल छलन्हि. हिनकर मैथिली कृति कन्यादान...द्विरागमन... प्रणम्य देवता... रंगशाला... चर्चरी... खट्टर ककाक तरंग आओर एकादशी अछि. हिनकर जीवन यात्रा पोथी पर हिनका साहित्य अकादमी केर पुरस्कार सेहो मिलल छनि. मैथिली केर लोकप्रिय बनावय मे हरिमोहन जीक अतुल्य योगदान छनि. हिनकर रचना कालजयी अछि. आइयो मैथिली मे सभ सं बेसि हिनके किताब पढ़ल जाए छनि. दोसर के त छोड़ु हमहु मैथिली मे हिनके किताब सभ सं बेसि पढ़ने छी आओक हिनकर किताब के ई खुबी छनि जे एक बेर पढ़ला सं मन नहिं भरत.
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