परेशानी नहिं भs रहल अछि कम
कोसी के कहर मे कोनो कमी नहिं आएल अछि. उलटा कहल जाए त बेसिए भs गेल अछि. बाढ़ि के संग पानि के बरयनाय से नहिं रुकि रहल अछि.
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कोसीक उफनैत तेज धार मे गाम... घर... सड़क... पुल.. पटरी सभ बहि गेल अछि. राहत पहुंचत त केना. बड़का गाम दिस तं राहत पहुंचिओ रहल अछि छोट-छोट गाम घर के त लोक सभ के पता नहिं छनि. सरकार के कहनाय अछि जे एतेक टन अनाज... आ मदद भेजल जा रहल अछि मुदा ओ पहुंचत केना. पटरी तs बाढ़िक पानि मे पुआर जकां बहि गेल अछि. सड़क आ समुन्दर मे फर्क नहि रहि गेल अछि.
राहत कैंप बनल अछि शहर मे... मुदा अखनो बड़ लोक छोट-छोट टोला... मोहल्ला मे फंसल छथि. एक - दु दिन भूखल पियासल रहल जा सकैत अछि मुदा दस-दस पन्द्रह -पन्द्रह दिन सं भूखल लोक आबि भगवाने दिस देखि रहल छथिन्ह.
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हितेन्द्र जी,
जवाब देंहटाएंअहाँ के ई आलेख बहुत प्रभावित केलक। धन्यवाद।
राजीव रंजन लाल