परेशानी नहिं भs रहल अछि कम
कोसी के कहर मे कोनो कमी नहिं आएल अछि. उलटा कहल जाए त बेसिए भs गेल अछि. बाढ़ि के संग पानि के बरयनाय से नहिं रुकि रहल अछि.
पानि के बरसैत रहय के कारण बाढ़िक पानि घटि नहिं रहल अछि. बाढ़िक हाल सं लोक गाम घर छोड़ि भागि रहल छथिन्ह. जिनका जे आसरा मिलय छनि ओम्हरे जिस बिदा भs जा रहल छथिन्ह. 
कोसीक उफनैत तेज धार मे गाम... घर... सड़क... पुल.. पटरी सभ बहि गेल अछि. राहत पहुंचत त केना. बड़का गाम दिस तं राहत पहुंचिओ रहल अछि छोट-छोट गाम घर के त लोक सभ के पता नहिं छनि. सरकार के कहनाय अछि जे एतेक टन अनाज... आ मदद भेजल जा रहल अछि मुदा ओ पहुंचत केना. पटरी तs बाढ़िक पानि मे पुआर जकां बहि गेल अछि. सड़क आ समुन्दर मे फर्क नहि रहि गेल अछि.
राहत कैंप बनल अछि शहर मे... मुदा अखनो बड़ लोक छोट-छोट टोला... मोहल्ला मे फंसल छथि. एक - दु दिन भूखल पियासल रहल जा सकैत अछि मुदा दस-दस पन्द्रह -पन्द्रह दिन सं भूखल लोक आबि भगवाने दिस देखि रहल छथिन्ह.
भूख सं अंतरी बैस गेल छनि. एहन मे जे कोनो मदद... राहत लs कs पहुंचय छथिन्ह ओ भगवान सं कम नहिं बुझाय छथिन्ह. एकटा भरोस जगैत अछि. जिनगी भर के जतेक दुआ... आशीर्वाद होइ छनि सभ दs दैत छथिन्ह. कइटा एहनो लोक छथिन्ह जे एहि बाढ़ि मे सभ किछ खो चुकल छथिन्ह. जिनकर पूरा घर- परिवार बर्बाद भs गेल छनि. ओ अपन करेजा पर पाथर राखि दोसरा के बचाबय मे जुटल छथिन्ह. धन्य छथिन्ह एहन लोक सभ. आ एहन लोक एक -दु टा नहिं सभतर दिख जएताह. जे अपना परेशानी मे रहैत दोसर के मदद के लेल जुटल छथिन्ह. अपना संग दोसरो के बचाबय मे लागल छथिन
हितेन्द्र जी,
जवाब देंहटाएंअहाँ के ई आलेख बहुत प्रभावित केलक। धन्यवाद।
राजीव रंजन लाल