बिहारक लोक के लेल एकटा नीक खबर अछि. एयर इंडिया के फ्लाइट मे बिहार सं जुड़ल फिल्म दिखायल जाएत. शुरू मे एयर इंडिया के न्यूयॉर्क आओर लॉस एंजेल्स के उड़ान मे बिहारक फिल्म दिखायल जाएत. एहि फिल्म मे बिहारक पर्यटक स्थल... कला-संस्कृति... गीत-नाद... खान-पान के बारे मे देश-विदेश केर लोक के जानकारी देल जाएत. एतबे नहिं एयर इंडिया के फ्लाइट मे मिथिला पेंटिंग के सेहो स्थान भेटत. एहि सं पहिने रेल के डिब्बा आओर स्टेशन पर मिथिला पेंटिंग लगाबय के फैसला सेहो भेल छल. उम्मीद कएल जा सकय अ जे एहि कदम सं बिहार मे पर्यटन के क्षेत्र मे किछ विकास होएत आओर दुनियाभर सं बेसि सं बेसि लोक अपना राज्य दिस रुख करताह. देश-विदेश के लोक सभ के एहि फिल्म सं बिहार केर बारे मे जानकारी त मिलबे करतन्हि ओ बिहार आबय लेल सेहो सोचताह. फिल्म मे बोधगया... राजगीर... नालंदा... वैशाली... पटना हरमंदिर साहेब... सोनपुर मेला... सीतामढ़ी जानकी जन्मस्थान मंदिर... मिथिला पेंटिंग... लिट्टी चोखा... खाजा मिठाई... मखान... मैथिली ... भोजपुरी गीतनाद के जगह मिलय के उम्मीद अछि. पर्यटन विभाग केर ओर सं बनय वाला ई फिल्म दिल्ली केर एकटा फिल्म निर्माण कंपनी बनाओत. असल मे ई बिहार सरकार पर्यटन विभाग के नहिं एयर इंडिया के पहल अछि. किछ समय पहिने एयर इंडिया सभ राज्य सं अपन-अपन राज्य केर पर्यटन स्थल के बढ़ावा लेल फिल्म बनाSक देबय लेल कहने छल. उम्मीद अछि जे ई फिल्म सितम्बर तक दS देल जाएत. फिल्म केर संग यात्री सभ के बिहारक पर्यटन स्थल आओर दोसर जानकारी सं संबंधित ब्रोशर सेहो देल जाएत. ई नीक गप्प अछि जे फिल्म दिखायल जाएत मुदा पर्यटक अएताह तS कि देखताह... केना देखताह... केना अएताह-जएताह. सरकार के सभस बेसि ध्यान सड़क... बिजली... पिएअ वाला पानि पर देबय के जरूरत अछि. फिल्म देखि कS बिहार अएला केर बाद कइटा पर्यटक बीचे रास्ता सं घुमि जाइत अछि... किएक तS कईठामक रोड चलय लाएक नहिं अछि. हुनकर कमर बिहारक रोड के झटका नहिं सहि पाबय छैनि. हुनका सभ के रहय लेल कोनो ढंगगर होटल नहिं अछि. होटल के कमी के सेहो पूरा करय के जरूरत अछि. लोक सभ के अपन मानसिकता सेहो बदलै पडतन्हि. कोनो विदेशी के देखय नहि छथिन्ह कि लगय छनि कोनो दोसर ग्रहक प्राणि आबि गेल अछि. आंखि फाड़ि-फाड़ि के दैखैत रहैत छथिन्ह. दोकानदार सभ हुनका सभ सं बेसि पाई वसूलय के कोशिश करय छथिन्ह. घोड़ा-गाड़ी वाला सभ सेहो विदेशी देखतन्हि अपन भाड़ा बढ़ा दैत छथिन्ह. सोना के अंडा देय वाला मुर्गा के हलाल करय चाहय छथिन्ह. ई नहिं सोचय छथिन्ह जे ठगाकS गेलाह के बाद ओ फेर नहिं अएताह आओऱ दोसरो के सेहो मना करि देताह. हुनका सभ के अपन परम्परा... रिवाज के अनुसार मेहमान भगवान के रूप होएत अछि... ई मानि स्वागत करिऔ. हुनकर एतेक आवभगत करिऔ जे ओ अपना घर जा फेर आबय केर सोचथिन्ह आ दोसरा लोक के सेहो आबय लेल प्रेरित करथिन्ह. ओ एहिठामक सुखद अनुभव के पत्र-पत्रिका में लिखथिन्ह... ब्लॉग पर लिखथिन्ह. बेसि सं बेसि लोक आएत... आओर जं बेसि लोक आएताह त पाई आएत... अहांक आमदनी बढ़त... आमदनी बढ़त तं जीवन स्तर सुधरत... सभ किछ सुधरत. त कहिऔ अतिथि देवो भव:
aj bahut varsh ke baad hum aapan maithili bhasha baaje sikhe lel prayas k rahal chi. sochne chi je blog a net dwara hum aapan bhulal bhasha sikh leb. hum sum maithil lok ke ek jut ho jaye ke chahi ar aapan bhasha ke prachar lel kaaj kare ke chaahi.
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