मिथिलाक सभस महत्वपूर्ण पावनि अछि छठ...आओर अखन गाम-घर, शहर सभठाम छठक तैयारी जोर शोर सं चलि रहल अछि...छठ में भगवान सूर्य के पूजा होइछन्हि...छठ पावनि हर साल दिवाली के बाद कातिक महीना के छठा दिन होइछ...कहि सकय छी जे कातिक मास के इजोरिया में षष्ठी तिथि के छठ पावनि शुरू होइ छै...कहल जाइछै जे भगवान दिनकर के पूजा...आराधना मात्र सं सभ मनोकामना पूरा होइ छै...तीनों लोक में शक्ति के संचार होइ छै...पूजा के लेल पोखरि...नदीक घाटक साफ -सफाई शुरू भ गेल अछि...एहि पावनि में शुद्धता, साफ-सफाई के विशेष ध्यान रखल जाइ छै...पूजा में काम आबय वाला सामान सभ सं बाजार पटल परल अछि...टोकरी, सूप, डाला...पूजाक सामान, फल-फूल सं बाजार के माहौल रंगीन बनल अछि...पूजा में ईख (कुसियार) ,मूली, नींबू, अरुआ, सुथनी, अरकपात काम आबय छै...नबका कपड़ा, श्रृंगारक सामान...लहठी सेहो घऱ में आबय छै...बच्चा सभ के तं पटाखा छोड़य के मौका सेहो रहय छै...ओना एहि बेर सामानक दाम खूब बढ़ल छै जाहि सं लोकक बजट सेहो बिगड़ल छै...दुर्गापूजा, इन्द्र पूजा, कोजगरा, दिवाली, चित्रगुप्त पूजा, काली पूजा सभके एक के बाद एक लगले होई सं खर्चा सेहो बड़ बढ़ल छै...आओर एहि बेर बाढ़ि के परेशानी तं छैबे छल.
एहि बेर संझका अर्घ्य सोलह तारीख शुक्र दिन अछि आओर भोरका अर्घ्य सत्रह तारीख शनि दिन अछि...दरभंगा, मधुबनी, सहरसा, पूर्णिया, समस्तीपुर आओर बरौनी..पटने नहि दिल्ली में सेहो जोर शोर सं तैयारी चलि रहल अछि...घाटक सफाई भ रहल अछि...प्रशासन तरफ सं भ रहल अछि कई ठाम लोक सभ अपने भिर क साफ सफाई करि रहल छथिन्ह...छठ के मौका पर तं पूर्णिया के सौरा नदी के सिटी घाट पर गोताखोर दल के लगायल गेल अ...नाविक सभ सेहो दस बारह टा नाव सं घाट पर नजर रखने रहताह.
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