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मिथिलाक पान

मिथिलाक पहचान पान माछ मखान में से हम मखान के बारे में अहांके बता चुकल छी...आई हम बात करब पान के बारे में...मिथिलांचल में पानक विशेष महत्व देल गेल अछि...मिथिलांचल में पानक शौकीन लोक अहांके सभ ठाम मिल जाइत... कोनो एहन गाम नहिं मिलत जहां पानक दुकान नहिं होय...कोनो चौक चौराहा पर चलि जाउ सब ठाम पानक दुकान मिली जाइत...ओना बहुत लोक अपना घर में सेहो पान रखय छैथि...जखन मन भेल दुटा पान लगैलौंह और गाल मे खिल्ली दबा चलि देलौंह...कोनो काज प्रयोजन होय...पूजा पाठ होय...आ फिर कोनो मेहमानक...पाहुनक स्वागत होय... बिना पानक काज नहिं होयत...भोज भात के बाद त पान के लूटि मचि जाइत अछि....हमरा दिअ त हमरा दिअ....पानक हरिहर हरिहर पात लिय...चूना कत्था लगाउ...ओकरा उपर कतरल सुपारी डाली खिल्ली बना मुंह में दबा दिअउ... ओना गाम घर में बेसि लोक जर्दा...पत्ती संग पान काई छथि...शहर में रहय वाला सब त मीठा पत्ता खाई छैथि...पहिने हीरा मोती मीठा पान नामी छल आब त ढेर सारा ब्रांड आबि गेल अछि...

मिथिला में पानक शौकीन लोग के त ई कहना छैन जे पान माछ आ मखान स्वर्ग टा में नहिं मिलैत अछि...अहि लेल जखन धरि पृथ्वी पर छी ई तीनोक आनंद लिअ...
पान के ओना संस्कृत में ताम्बूल कहल जाइत अछि....पानक प्रयोग हिन्दू संस्कारस जुड़ल अछि... वेद में सेहो एकर जिक्र आएल अछि । पानक खेती के अधिक नमी आ कम धूप के जरूरत होयत अछि एकरा खास तरह स बनाउल गेल भीट में उगायल जाइत अछि...पान कई तरह होइत अछि... पुरनका पत्ता॥मीठा यह वर्गीकरण पत्तों की संरचना तथा रासायनिक गुणों के आधार पर किया गया है। रासायनिक गुणों में वाष्पशील तेल का मुख्य योगदान रहता है। पान में वाष्पशील तेलों के अतिरिक्त पत्ता...मगही...ओना फिल्म आओर मशहबर त बनारस वाला पान अछि...पान। में अमीनो एसीड...कार्बोहाइड्रेट आओर विटामिन सेहो होयत अछि....गाम घर में त पान से कई तरहक बिमारी के सेहो इलाज कइल जाइत अछि...इलाज त छोड़ु एकरा खयला के बाद ठोर पर जे लालि आबैत अछि ओकरा की कहल जाय... चेहरा के सुन्दरता में चारि चांद लगा दैत अछि।


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