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मदद के लेल आगां आउ...

बाढ़ि सं उत्तर बिहार केर एकटा बड़का इलाका प्रभावित अछि. सभ किछ तहस-नहस भs गेल अछि. जान-माल के भारी नुकसान भेल अछि. सैकड़ों लोक मारल गेलाह अछि. जे बचल छथिन्ह ओ जिनगी आओर मौत के बीच झूलि रहल छथिन्ह. पानि मे फंसल छथिन्ह. अखनो कइटा इलाका एहन अछि जतए लोक मदद केर... राहत केर इंतजार करि रहल छथिन्ह. हुनका पास खाय -पिबय लेल किछ नहि अछि. गाछक पात तक खाय पड़ल छनि. जेना-तेना दिन काटि रहल छथिन्ह. कतेक लोक भूखल- पियासल रहला के कारण... पानि मे फंसल रहला के कारण... दिशा-मैदान के सुविधा नहि रहला के कारण बीमार पड़ि गेल छथिन्ह. कोनो उम्मीद नहि दिखाइत छनि. कहिओ सोचलो नहि छलखिन्ह जे जिनगी एतेक बेबस भs सकैत अछि. कतेक लोक पानि केर धार मे बहि गेलाह. कतेक लोक एक -दोसरा सं बिछड़ि गेलाह. किछ लोक हिम्मत कs केला केर थम के नाव बना ऊंच स्थान दिस पहुंचला अछि. मुदा हुनका स्थिति किछ नीक नहिं अछि. मुदा मुसीबत मे फंसल एहन लोक के बचाबय लेल कइटा लोक आगां सेहो अएलाह अछि. कइटा एनजीओ सेहो राहत आओर बचाव मे लगि गेलाह अछि. सरकारी अमला सेहो जुटि गेल अछि. रेडक्रास आओर उद्योगपति... कारपोरेट घराना के ओर सं सेहो मदद आबय लगल अछि. मुदा जेहि तरहक विनाश अछि... तबाही अछि... नुकसान अछि ओहि मे ई मदद काफी नहि अछि. अखनो काफी किछ करय के जरूरत अछि. एहि मे सभ लोक के मिलि-जुली के काज करय के जरूरत अछि. पुण्य कमाय लेल एहि सं नीक अवसर फेर नहि मिलत. जतेक मदद कs सकय छी करबाक चेष्टा करु. तन... मन ... धन सभ तरहे जेना मदद भs सकय करिऔ. किछ लोक एहनो हालात मे लोक के परेशान करय मे लागल छथिन्ह. लूटपाट... छिना- झपटि...चोरी-चपाटी मे लागल छथि. नाव सं पार कराबय लेल बीच धार मे ल s जाsक डूबा देबय के धमकी दs सभ किछ कब्जा मे लs लैत छथिन्ह. एहन लोक के त सातो जन्म मे मुक्ति नहिं मिलतन्हि. लोक के मदद केर लेल आगां आउ. मन के असीम शांति मिलत. सेवा करु... भूखल लोक के खाना खिलाउ... पानि पिआउ...कपड़ा दिअउ. बड़ उपकार होएत. एतेक नीक लागत जे अहां कहि नहिं सकैत छी. लागत जे ऐना पहिने किया नहि कएलौं. मन के जे शांति मिलत ओकर त किछ कहनायए नहिं. अहां एक दिन शुरू कs क त देखिऔ. विपत्ति मे फंसल...कष्ट मे फंसल लोक के सेवा करब... मदद करब त कएटा यज्ञ के फल मिलत. चारुधाम यात्रा केर फल मिलत. त एहन मौका हाथ सं जाए नहि दिउ.

1 टिप्पणी:

  1. hitendra ji
    sabsa pehile ta aaha ke apan maithili bhasha me blog likhwaak lel bahut-bahut dhanyawaad aur shubhkaamna. baaidhh pidit lel ahhak chinta aur madkak lel chhatpataahat se ho ahaak sahryadayataak parichaayak oee. ahhak blogak vishay me 'qasbaa' padhiaet samay pata chalal.ahaak blog aee rajdhaani me roji-roti talaashait hamar san anya yuvak ke apan gaao-ghar ke nazdik anaee ke kadi saabit hetai takar hamraa poorna vishvaas aee.

    dhanyavaad guptaji, laagal rahu hum sab ahhak pachhu-pachhu chhi.

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