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कपिलेश्वर नाथ मंदिर


सावन खत्म होय वाला अछि. सावन मे मन हरिहर भs जाइत अछि. भरि सावन हम सभ लोक कांवड लsक बाबाधाम जाइ छी. मुदा मिथिला मे एकटा स्थान एहन अछि जे बाबाधाम जकां लोकप्रिय अछि आओर बाबाधाम सं अएला के बाद लोक एहिठाम जल ढारय लेल जरूर आबय छथिन्ह. ई स्थान अछि कपिलेश्वर स्थान... कपिलेश्वर नाथ मंदिर आम बोलचाल मे कपिलेश्वर स्थान मंदिर केर नाम सं प्रसिद्ध अछि. ओना त आनो दिन एहिठाम जल ढारय वाला लोक सभ के भीड़ कम नहिं रहैत अछि मुदा सावन... शिवरात्रि... सरस्वती पूजा आओर जूड़िशीतल के एहिठाम किछ बेसिए भीड़ रहैत अछि. सावन के सोमवारी आओर शिवरात्रि के तs गोर धरय के जगह नहिं रहैत अछि. भरि सावन एहिठाम विशेष पूजा अर्चना होएत अछि. भरि सावन आओर शिवरात्रि मे तs मेला सेहो लगैत अछि. सावन मे त आस- पास के गाम के लोक सभ रोज जल ढारय लेल आबए छथिन्ह. हमर गाम सं सेहो कइटा लोक जाए छथिन्ह. हमहुं कई बेर गेल छी चल ढारय लेल. गाम सं भोरे-भोर पैदल निकलि जाय छलहुं. भरि रास्ता दोस्त सभ... घर के लोक सभ हंसैत-खेलैत पहुंचि जाए छलहुं. कपिलेश्वर स्थान के मंदिर देखतहिं प्रणाम करैत छलहुं आ ओहि ठाम पहुंचि पोखरि में नहाइत छलहुं. पोखरि में नहा फूल... माला... बेल पात... प्रसाद लs बाबा के जल ढारैत छलहुं. बड़ मन लगैत छल. मन प्रसन्न भs जाएत छल.

हमर गाम केवटी... दरभंगा सं कपिलेश्वर स्थान करीब दस किलोमीटर उत्तर अछि. एहि तरहे कहि सकय छी जे ई दरभंगा-जयनगर रोड पर दरभंगा सं करीब 26 किलोमीटर दूर आ रहिका सं चारि किलोमीटर दूर अछि. मधुबनी सं ई करीब 10 किलोमीटर पड़त. अहां दरभंगा सं रहिका दs क जयनगर जाय वाला बस सं सीधे कपिलेश्वर स्थान पहुंचि सकय छी या दरभंगा- रहिका के बीच चलय वाला मैक्सी... मिनी बस सेहो पकड़ि सकय छी. अगर मधुबनी सं आबय चाहय छी त पहिने रहिका आबि जाउ ओकर बाद या त मैक्सी पकड़ि लिअ आ रिक्शा लs लिअ. लोकल बस सेहो पकड़ि सकय छी.
कपिलेश्वर स्थान मंदिर के बारे मे कहल जाइ छै जे एहि मंदिर के शिवलिंगक स्थापना कपिल मुनि कएने छलथिन्ह. कहल जाइत अछि जे राजा सगर एक बेर अश्वमेघ यज्ञ कएला के बाद घोड़ा छोड़लाह... घोड़ा के संग सगर के पुत्र आओर साठि हजार सैनिक सेहो छलन्हि. राजा सगर के एहि राज्य विस्तार सं डरि यज्ञ के घोड़ा चोरा पालात लोक मे कपिल मुनि के कुटिया के पास बान्हि देलखिन्ह. जखन राजा सगर के सैनिक घोड़ा के कुटिया मे बान्हल देखलक तs कपिल मुनि के चोर समझि अपमान करय लागल...ताहि सं तससा कs राजा सगर के पुत्र आ सैनिक के शाप द नष्ट कS देलथिन्ह. एहि के बाद ओ अपन पाताल लोक के आश्रम छोड़ि कपिलेश्वर चलि अएला आओर अहि ठाम शिवलिंगक स्थापना कए रहय लगलाह. अगर कहिओ कपिलेश्वर जाय के मौका मिलय त जरूर जाउ. दरभंगा सं जयनगर जाए के क्रम मे कई बेर एहि रास्ता सं गुजरल होएब... कहिओ उतरि कs दर्शन करि आगां बढुं. मन के बड़ शांति मिलत.

2 टिप्‍पणियां:

  1. ham kapileshwar sthan gel chi... ee bahut nik jagah chai or jai tarika sa anha ekar vivran deliyai ya.. sahi me poora dhyan gaon par chail jai chai.. maithil gaam sab ke progress par apna sab maithil ke mil jul ka kich kadam oothawai ke chahi.. je man ke sookoon or je sukh kapileshwar sthan or uchchith sthan me bhetai chai bahoot kamme jagah ee sab bhetai chai.. bahut nik lagal anhan ke blog dekhi ka..ek ta maithil ke ore sa anhan ke "NAMASHKAAR"....

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  2. नमस्कार हितेन्द्रजी,

    मिथिला मंथन याहूग्रुपपर कपिलेश्वर स्थानपर काज भए रहल छैक। एहि स्थानकेँ उग्रतारक समान तीर्थ-पर्यटन स्थलक रूपमे विकसित करबाक योजना चैक। नीक लागल सुनि कए जे अहाँक गाम ओतहि अछि।

    গজেন্দ্র ঠাকুব

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